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क्षेत्रीय
25-Nov-2020

1 आखिर कौन सुनेगा किसको सुनाये इसलिये चुप रहते है। यह दर्द केवल बयां करने से नही बल्कि यह ग्रामीणो दर्द जो वर्षाे से एक पक्के सुलभ और सरल सडक मार्ग के लिये तरस रहे है। जिन्हे अपनी बात रखते रखते कई वर्ष बीत गये लेकिन आज तक किसी ने भी उनकी आह तक नही सुनी। किरनापुर जनपद पंचायत के अंतर्गत कंसगी का है जिसको लेकर आमजन काफी परेशान है। लेकिन अफसोस तो यह है कि इस ग्राम तक पहुचने के लिए जिला प्रशासन और जिम्मेंदार जनप्रतिनिधियों का इस ओर कोई ध्यान नही है। बताया गया कि कसंगी पंचायत के नीचे पहाडी हिस्से में बसे गांव कोठियोटोला में नरसिंग नाले के पास ९ वर्ष पूर्व एक वारदात घटित हुई थी। जहां नक्सलियो ने सडक निर्माण कार्य में लगी पोकलेन मशीन को आग के हवाले कर दिया था। लेकिन वर्ष 2011 में बमुश्किल ही नरसिंग नाले तक मार्ग बन पाया। वर्तमान में कसंगी तक पहाडी मार्ग अधूरा पडा है जो दिक्कतो भरा है। 2 बालाघाट जिले में जवाहरलाल नेहरू कृषि विश्वविद्यालय, जबलपुर के अंतर्गत संचालित कृषि महाविद्यालय, बालाघाट, मुरझड़ फार्म, वारासिवनी के अधिष्ठाता डॉ. जी.के.कौतू के मार्गदर्शन में बैहर, बिरसा, परसवाड़ा ब्लाकों के चिन्हित ग्रामों नारंगी, भर्री, रेहंगी, लोरा, गुदमा, राजपुर व लगमा के 60 आदिवासी-बैगा किसानों के खेतों में क्विनोवा फसल का प्रथम पंक्ति प्रदर्शन लिया जा रहा है। बालाघाट क्विनोवा परियोजना प्रभारी डॉ. उत्तम बिसेन एवं डॉ. शरद बिसेन ने बताया कि जिले की जलवायु, मृदा व पानी क्विनोवा फसल के लिए अनुकूल है। क्विनोवा एक बथुआ प्रजाति का पौधा है। इसे रबी मौसम मे उगाया जाता है। क्विनोवा में प्रोटिन कार्बाेहाइड्रेट, ड्राइट्री फाइबर, वसा, पोषक तत्व व विटामिनों का अच्छा स्त्रोत है।शोध से पता चला है कि क्विनोवा में एंटीऑंक्सिडेंट गुण पाये जाते है। जो विभिन्न प्रकार की बीमारी से दूर रखते है। 3 बालाघाट शहर की होटल, मैरिज गार्डन निजी अस्पताल और कमर्शियल काम्प्लेक्स नए सिरे से नापे जाएंगे। नाप के दौरान यदि कोई संपत्ति कम पायी जाती है तो उसे ई-पोर्टल में दुरूस्त भी किया जाएगा। यह काम जनवरी माह से शुरू कर दिया जाएगा जिसका टेंडर निकाला जा चुका है। हालांकि नयी संपत्तियों को ढूंढने के लिए नगर पालिका द्वारा चलाए जा रहे अभियान के तहत अब होटल मैरिज गार्डन निजी अस्पताल और कमर्शियल काम्प्लेक्स को भी नये सिरे से नापा जाएगा। हालांकि इन संपत्तियों की जांच पूर्व में भी हो चुकी है। वही नगर पालिका की टीम संपत्तियों की नये सिरे से जांच करने के साथ ई.पोर्टल में दर्ज प्रविष्टि से भी मिलान करेंगी। 4 लालबर्रा के ग्राम धपेरा-मोहगांव के सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र मे भले ही सरकार बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं मुहैया करवाने ढिढ़ौरा पीट रही है। लेकिन वास्तविकता कुछ और ही बया करती हुई नजर आ रही है। अस्पतालो में पदस्थ चिकित्सक और स्वास्थ्य कर्मचारियों की लापरवाह कार्यप्रणाली के चलते सरकारी अस्पतालो को शोभा की सुपारी बना कर रखे जाने का मामला लालबर्रा के अंतर्गत आने वाले एकीकृत प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र मोहगांव धपेरा में प्रकाश में आया है जहां पर पदस्थ चिकित्सक की लापरवाह कार्यप्रणाली और कर्मचारीयों का मनमर्जी तरीके से अपनी जिम्मेदारी निभाने के चलते ग्रामीणो को परेशानीयों का सामना करना पड़ रहा है। जबकि इनके स्वास्थ्य केन्द्र में चिकित्सको का सुबह 9 से 4 बजे तक का है । किन्तु डॉ मेश्राम अपना लापरवाह रवैया अपनाते हुए सुबह 10.30 बजे स्वास्थ केंद्र पहुचते है और डेढ़ बजे चले जाते है। 5. बालाघाट, कोतवाली थाना अंतर्गत ग्राम बड़ी कुम्हारी में राजेन्द्र पिता दौनीलाल दमाहे की लाश उसी के खेत में संदिग्ध हालत में पड़ी मिली। जिसकी सूचना पुलिस को मिलने पर पुलिस ने मौके पर पहुंच कर मृतक राजेन्द्र पिता दौनीलाल दमाहे का शव बरामद कर पंचनामा व पोस्टमार्टम कार्यवाही कर मर्ग कायम किया। बताया गया कि मृतक के शरीर पर चोट के निशान भी थे जिससे उसकी अज्ञात व्यक्तियों द्वारा हत्या करने की संभावना व्यक्त की जा रही है। बताया गया कि मृतक कृषि कार्य करता है जिसके दो पुत्र अभय व सुमित है। मृतक राजेन्द्र २४ नवम्बर की शाम ७ बजे घर से निकला जिसने गांव के ही प्रेमलाल नगपुरे के साथ शराब भी पीया। जो रात में घर वापस नहीं लौटा और दूसरे दिन सुबह करीब ७.३० बजे अपने ही खेत में राजेन्द्र की लाश देखी गई। 6. बालाघाट, सरेखा रेल्वे क्रासिंग पर रेल्वे फाटक के पूर्व लगे रेल्वे के हाइट गेट को २५ नवबर की दोपहर १२ बजे एक धान से भरे ओवर लोड ट्रक ने तोड़ दिया। जिससे रेल्वे क्रासिंग के दोनों ओर वाहनों की लंबी कतार लग गई। गेज टूट जाने से काफी देर तक आवागमन प्रभावित रहा। इसकी सूचना रेल्वे चौकी पुलिस को मिलने पर पुलिस ने ट्रक चालक को पकड़ ट्रक को अपने कब्जे में लिया है। हालांकि रेल्वे के कर्मचारियों द्वारा गेट का सुधार कार्य कर उसे ठीक किया गया। आवागमन को सुचारू करने रेल्वे व यातायात पुलिस मौजूद रही। 7. बालाघाट जिले के 22 मरीजों के सैंपल कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं। शासन के प्रोटोकाल के अनुसार 7 मरीजों के ठीक हो जाने पर उन्हें 24 नवंबर को डिस्चार्ज कर दिया गया है। इस प्रकार बालाघाट जिले में अब तक कुल 2543 मरीज कोरोना पॉजिटिव पाए जा चुके हैं। इनमें से 2394 मरीज शासन के प्रोटोकॉल के अनुसार ठीक होकर अपने घर जा चुके हैं। 123 मरीजों का उपचार किया जा रहा है, 15 मरीजों को उपचार के लिए मेडिकल कॉलेज छिंदवाड़ा रेफर किया गया है और 11 मरीजों की मृत्यु हो चुकी है। अन्य जिलों एवं राज्यों में बालाघाट जिले के 322 व्यक्ति कोरोना संक्रमित पाये गये है। 8. बालाघाट, तुलसी विवाह ग्यारस पर्व के पावन अवसर पर प्रति वर्षानुसार इस वर्ष भी नगर के वार्ड नंबर ३३ गायखुरी वैनगंगा नदी तट पर २५ नव बर को मेला का आयोजन किया गया। जिसमें विभिन्न सामग्री के दुकान लगाई गई और बच्चों के मनोरंजन के लिये खेल के आइटम भी थे। पर परानुसार मेला में आज भी लोगों ने पहुंच खरीददारी कर एक दूसरे से मिलकर मेला का आनंद उठाया। लेकिन इस वर्ष कोरोना संक्रमण के चलते रात्रि में सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन नहीं किया गया। 9. बालाघाट प्रभारी कलेक्टर एवं अपर कलेक्टर फ्रेंक नोबल ए ने बुधवार को लामता प्रवास के दौरान नायब तहसीलदार कोर्ट का निरीक्षण किया और वहां की व्यवस्थाओं को देखा। इस दौरान उन्होंने नामांतरण, बंटावारा, सीमांकन एवं अन्य राजस्व प्रकरणों की स्थिति को देखा और सभी प्रकरणों का समय सीमा के भीतर निराकरण करने के निर्देश दिये। इसके साथ ही अपर कलेक्टर फ्रेंक नोबल ए ने लामता के स्वास्थ्य केन्द्र का भी निरीक्षण किया और वहां की व्यवस्थाओं को भी देखा। इस दौरान अव्यस्थाओ प्रनाराजगी जाहिर की। उन्होंने तत्काल मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी को फोन कर लामता स्वास्थ्य केन्द्र की व्यवस्थाओं में सुधार करने के निर्देश दिये। 10. देवउठनी एकादशी २५ नवंबर को धूमधाम से मनाई गई। इस दिन से मांगलिक कार्य का शुभारंभ हो जाता है। बुधवार को एकादशी पर तुलसी का विवाह सालीगराम के साथ गंन्ने का मंडप बनाकर पूजा अर्चना की गई। पुराणो के अनुसार कार्तिक शुल्क एकादशी के दिन ही भगवान श्री हरिपाताल लोक के राजा बलि के राज्य मे चातुर्मास का विश्राम पूरा कर बैकुंठ लौटे थे। भगवान के आगमन को देवउठनी एकादशी के रूप मे भी मनाया जाता है। हालांकि पुराणो के अनुसार पुरातन समय में दैत्यों का राजा दंभ था। वह विष्णुभक्त था। बहुत समय तक जब उसके यहां पुत्र नहीं हुआ तो उसने दैत्यों के गुरु शुक्राचार्य को गुरु बनाकर उनसे श्रीकृष्ण मंत्र प्राप्त किया और पुष्कर में जाकर घोर तप किया।