1. शेयर बाजार में फ्लैट कारोबार: हफ्ते के दूसरे कारोबारी दिन शेयर बाजार में मामूली उतार-चढ़ाव देखने को मिल रहा है। सेंसेक्स 10 अंकों की गिरावट के साथ 82050 के स्तर पर कारोबार कर रहा है जबकि निफ्टी 10 अंक टूटकर 24950 के स्तर पर है। सेंसेक्स के 30 में से 20 शेयरों में तेजी है जिसमें टाटा स्टील इंफोसिस और टेक महिंद्रा 1% ऊपर हैं। वहीं पावर ग्रीड HDFC बैंक और रिलायंस के शेयरों में 1% की गिरावट है। निफ्टी के IT इंडेक्स में 1% और मेटल में 0.8% की तेजी है जबकि ऑटो मीडिया और रियल्टी सेक्टर में लगभग 1% की गिरावट दर्ज की गई है। 2. बोराना वीव्स का IPO हुआ ओपन: सिंथेटिक ग्रे फैब्रिक बनाने वाली कंपनी बोराना वीव्स लिमिटेड का IPO आज से निवेश के लिए खुल गया है। निवेशक इस इश्यू में 22 मई तक आवेदन कर सकते हैं। कंपनी इस इश्यू के माध्यम से 145 करोड़ रुपए जुटाना चाहती है और इसके तहत लगभग 67 लाख नए शेयर जारी किए जाएंगे। कंपनी का शेयर 27 मई को BSE और NSE पर लिस्ट होगा। इस इश्यू में प्रमोटर या मौजूदा निवेशक कोई शेयर नहीं बेचेंगे। मिनिमम इन्वेस्टमेंट ₹14904 तय की गई है। 3. BEL को 18% का मुनाफा: भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड (BEL) ने वित्त वर्ष 2024-25 की चौथी तिमाही में 2127 करोड़ रुपए का शुद्ध मुनाफा कमाया है जो पिछले साल की समान तिमाही की तुलना में 18% अधिक है। कंपनी द्वारा तैयार किया गया आकाशतीर एयर डिफेंस सिस्टम पाकिस्तान के ड्रोन और मिसाइल को हवा में ही मार गिराने में सक्षम रहा है जिससे कंपनी को नई पहचान और लाभ मिला है। 4. रसना का रेडी-टू-ड्रिंक मार्केट में एंट्री: इंस्टेंट बेवरेज बनाने वाली कंपनी रसना ने हर्षीज इंडिया से ‘जंपिन’ ब्रांड का अधिग्रहण कर रेडी-टू-ड्रिंक कैटेगरी में एंट्री की है। यह ब्रांड लेमन लीची गुआवा और मैंगो फ्लेवर में ₹10 में मिलेगा। रसना ने मैन्युफैक्चरिंग एसेट्स नहीं खरीदे हैं लेकिन मौजूदा फैसिलिटी का ही उपयोग करेगी। ब्रांड की अनुमानित वैल्यूएशन 350 करोड़ रुपए आंकी गई है। 5. बांग्लादेशी आयात पर भारत ने लगाए प्रतिबंध: भारत सरकार ने बांग्लादेश से आने वाले कुछ उत्पादों पर नए प्रतिबंध लगा दिए हैं। यह फैसला 17 मई को डायरेक्टोरेट जनरल ऑफ फॉरेन ट्रेड (DGFT) द्वारा लिया गया। इस कदम से भारत के घरेलू टेक्सटाइल बाजार को लाभ होगा जबकि बांग्लादेश की अर्थव्यवस्था और ट्रेड पर नकारात्मक असर पड़ेगा। विशेषज्ञों का मानना है कि इससे बांग्लादेश में हजारों वर्कर्स की नौकरियां खतरे में पड़ सकती हैं।