मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने देश के पहले हाइड्रोजन ईंधन से चलने वाले ट्रक को रवाना किया। अदाणी ग्रुप द्वारा विकसित यह ट्रक कोल माइंस में उपयोग होगा और डीज़ल ट्रकों की जगह लेगा। भारतीय और अंतरराष्ट्रीय तकनीकी साजेदारी से बना यह ट्रक 40 टन भार उठाने और 200 किमी दूरी तय करने में सक्षम है। यह खनन लॉजिस्टिक्स में हरित ऊर्जा की दिशा में बड़ा कदम है।मुख्यमंत्री ने इसे छत्तीसगढ़ की पर्यावरण हितैषी सोच और हरित भारत की दिशा में अहम पहल बताया। भारत-पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव के बीच केंद्र सरकार ने सभी राज्यों को गाइडलाइंस जारी की है और जरूरत पड़ने पर इमरजेंसी पॉवर का उपयोग करने का आदेश दिया है। इस पर मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने कहा कि केंद्र के निर्देशों के अनुसार ही दुर्ग में मॉक ड्रिल आयोजित की गई थी। उन्होंने यह भी कहा आगे यदि केंद्र सरकार से कोई और निर्देश मिलते हैं तो हम उनका पालन करेंगे। प्रदेश हर स्थिति से निपटने के लिए पूरी तरह तैयार है। भारत-पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव के बीच केंद्र सरकार ने सभी राज्यों को गाइडलाइंस जारी की हैं और जरूरत पड़ने पर इमरजेंसी पॉवर का उपयोग करने का आदेश दिया है। इस पर उप-मुख्यमंत्री अरुण साव ने कहा कि देश में वर्तमान परिस्थितियों को देखते हुए भारत सरकार से राज्य को दिशा-निर्देश प्राप्त हुए हैं जिनका पालन राज्य सरकार द्वारा किया जा रहा है। इसके अतिरिक्त जो एहतियातन कदम उठाने की आवश्यकता होगी वह राज्य सरकार द्वारा उठाए जाएंगे। उप-मुख्यमंत्री अरुण साव ने कुम्हारी नगर पालिका कार्यालय का आज औचक निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने रिकॉर्ड की जांच की और कर्मचारियों की उपस्थिति रजिस्टर तथा कैशबुक रजिस्टर का अवलोकन किया। इसके साथ ही उन्होंने निर्माण कार्यों और विभिन्न योजनाओं की प्रगति के बारे में जानकारी ली। श्री साव ने कहा हमारे कार्यालय को सुव्यवस्थित तरीके से चलाना चाहिए ताकि हम जन अपेक्षाओं पर खरे उतर सकें। कर्मचारियों को समय पर कार्यालय में उपस्थित रहना चाहिए और बिना छुट्टी के कोई भी कर्मचारी अनुपस्थित नहीं रहना चाहिए। इस संदर्भ में उन्होंने अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए हैं। बस्तर के विकासखंड बकावंड के ग्राम बनियागांव में भास्कली नदी से अवैध रेत खनन का मामला सामने आने के बाद रेत माफियाओं ने अपनी गतिविधियों को और तेज कर दिया है। प्रशासन की कार्रवाई से डरकर वे ज्यादा से ज्यादा रेत का भंडारण करने में लगे हैं। जेसीबी ट्रकों और डंपरों की संख्या बढ़ा दी गई है। रेत माफियाओं के कारण नदी सूख चुकी है और जलधारा की दिशा बदलने से किसानों के खेतों में तेजी से कटाव हो रहा है। इसके चलते खेतों की सिंचाई प्रभावित हो रही है और भूजल स्तर भी गिर गया है। ग्रामीणों का आरोप है कि तहसीलदार इस मामले में गंभीर नहीं हैं और रेत माफियाओं को प्रशासनिक संरक्षण मिल रहा है।