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क्षेत्रीय
16-Nov-2021

भोपाल के हबीबगंज रेलवे स्टेशन का नाम तो रानी कमलापति कर दिया गया लेकिन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के विधानसभा क्षेत्र बुधनी में रेहटी समीप रानी की निशानी गौंड रियासत के जमाने का किला गिन्नौरगढ़ सालों से दुर्दशा का शिकार है। गौंड महाराज उदयवर्धन ने इस किले का निर्माण करवाया. यहाँ कि अंतिम शासिका रानी कमलापति थी जिनके सुंदरता की तुलना परियों से की जाती है। कलपती ने अपने दिवंगत पति के रिश्तेदार चैनशाह के षड़यंत्रों से बचने के लिये रानी अपने पुत्र नवलशाह के साथ गिन्नौरगढ़ किले में छुपी थी। विंध्य पर्वत श्रेणियों में एक पहाड़ी पर स्थित यह किला आज भी सैलानियों के लिए आकर्षण का केंद्र है पर देखरेख के अभाव में यह खस्‍ताहाल हुआ जा रहा है। ऐसे में कभी इस किले की रौनक जो कभी देखते ही बनती थी, अब अनदेखी के चलते लगातार खराब हो रही है। किले तक पहुंचने के लिए पर्यटकों को ऊबड़-खाबड़ रास्ते से गुजरकर आना पड़ता है। घने जंगलों के मध्य स्थित होने के कारण यहां जंगली जानवरों का डर भी बना रहता है। इस किले में सात तल वाले चार महल बताए जाते हैं। सात तालाब और बावन बावड़ी की कथा किला गिन्नौर की ही है। पुरातत्व और पर्यटन की दृष्टि क्षेत्र में यह किला अपने आप में बेजोड़ है। किले तक जाने के लिए पक्का रास्ता नहीं होने के कारण यहां आने वाले लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है। इसी प्रकार जंगली इलाका होने के कारण हिंसक जानवरों का भय बना रहता है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की विधानसभा क्षेत्र बुधनी में होने के बाबजूद इस क़िले के संरक्षण के लिए सरकार द्वारा कभी प्रयास नही हुए न ही कभी इसे पर्यटन के लिए विकसित करने की कोई कोशिश की गई जिसके कारण यह अब खंडहर में तब्दील होने लगा है।