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व्यापार
03-Oct-2020

1 सार्वजनिक क्षेत्र की रेलटेल कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड ने आरंभिक सार्वजनिक निर्गम (आईपीओ) लाने के लिए पूंजी बाजार नियामक सेबी के पास दस्तावेज दाखिल किए हैं। कंपनी की योजना इससे 700 करोड़ रुपये जुटाने की है। भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) के पास दाखिल दस्तावेजों के मुताबिक आईपीओ के तहत सरकार कंपनी में अपने 8.66 करोड़ शेयरों की बिक्री पेशकश करेगी। 2 केंद्र सरकार का राजकोषीय घाटा चालू वित्त वर्ष में उसके तय अनुमान से कहीं आगे निकल सकता है। वर्ष के दौरान राज्यों तथा केंद्र का कुल राजकोषीय घाटा सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के 13 फीसदी को छू सकता है। एक रिपोर्ट में यह कहा गया है। एसबीआई रिसर्च रिपोर्ट के अनुसार, इस साल बाजार मूल्य पर आधारित जीडीपी के वित्त वर्ष 2018-19 के स्तर से नीचे रहने के अनुमान हैं। 3 घरेलू गैस की कीमत में हाल में की गई कमी से अपस्ट्रीम कंपनियों के घाटे में भारी बढ़ोतरी होगी। वहीं, एंड यूजर उद्योगों को प्राइस घटने का फायदा मिलेगा। यह बात रेटिंग एजेंसी इंडिया रेटिंग्स एंड रिसर्च ने कही। इस कारोबारी साल की दूसरी छमाही (अक्टूबर-मार्च) के लिए घरेलू गैस की कीमत को घटाकर 1.79 डॉलर प्रति यूनिट (एमएमबीटीयू) कर दिया गया है। पहली छमाही (अप्रैल-सितंबर) के लिए प्राइस 2.39 डॉलर प्रति यूनिट था। कीमत घटाए जाने का कारण यह है कि पहली तिमाही (अप्रैल-जून) में प्रमुख गैस बेंचमार्क इंडेक्स में भारी गिरावट आई है। 4 लॉकडाउन के छह महीने बाद पहली बार सुधार के संकेत नजर आ रहे हैं। अब जबकि अनलॉक-5 चल रहा है ऐसे में अर्थव्यवस्था करीब-करीब पूरी खुल चुकी है। अप्रैल की तुलना में सितंबर में जीएसटी कलेक्शन, बिजली खपत और ऑटो बिक्री सहित अन्य क्षेत्रों में रिकवरी देखने को मिली है। इंडस्ट्रियल ग्रोथ के चलते फ्यूल की खपत भी बढ़ी है। इससे भारतीय अर्थव्यवस्था में वी शेप की रिकवरी की उम्मीद बढ़ गई है। 5 कैलेंडर ईयर 2020 में जनवरी-सितंबर यानी पहले 9 महीनों में प्राइवेट इक्विटी (पीई) और वेंचर कैपिटल (वीसी) फर्म्स ने भारत में 26.3 बिलियन डॉलर करीब 1.92 लाख करोड़ रुपए का निवेश किया है। यह निवेश 547 सौदों के जरिए हुआ है। इसमें से 45 फीसदी यानी 12.2 बिलियन डॉलर करीब 89 हजार करोड़ रुपए का निवेश रिलायंस इंडस्ट्रीज ग्रुप की कंपनियों को मिला है। 6 आरआईएल की फाइबर ऑप्टिक नेटवर्क सब्सिडियरी में सऊदी अरब की पब्लिक इन्वेस्टमेंट फंड (पीआईएफ) और अबू धाबी इन्वेस्टमेंट अथॉरिटी 7.5 हजार करोड़ रुपए निवेश कर सकती हैं। यह फंड इंफ्रास्ट्रक्चर इनवेस्टमेंट ट्रस्ट (इनविट) के माध्यम से निवेश किया जाएगा। आरआईएल अपनी फाइबर ऑप्टिक नेटवर्क सब्सिडियरी के लिए 40 हजार करोड़ रुपए जुटाने की योजना पर काम कर रही है। इसके लिए आरआईएल, ट्रस्ट की हिस्सेदारी बेचेगी और मार्केट से कर्ज भी लेगी। रिपोर्ट्स के मुताबिक आरआईएल, एचडीएफसी बैंक और एसबीआई से 25 हजार करोड़ रुपए का कर्ज जुटाएगी। इसकी अवधि 12 या 15 सालों तक हो सकती है। 7 रिटेल कारोबार की दिग्गज कंपनी वॉलमार्ट ब्रिटेन में अपनी कंपनी एस्डा को बेचेगी। इसको भारतीय मूल के दो कारोबारी भाई मोहसीन और जुबेर इस्सा, टीडीआर कैपिटल के साथ मिलकर खरीदेंगे। यह डील 8.8 बिलियन डॉलर यानी 64.52 हजार करोड़ रुपए में होगी। साझा बयान में कहा गया है कि एस्डा में प्रमुख हिस्सेदारी इस्सा भाईयों और टीडीआर कैपिटल की होगी। इस डील के साथ ही 1999 के बाद पहली बार एस्डा ब्रिटिश स्वामित्व की कंपनी हो जाएगी। इससे पहले 1999 में वॉलमार्ट ने इसको 6.7 बिलियन पाउंड में खरीदा था। 8 मुकेश अंबानी की रिलायंस इंडस्ट्रीज लि. की ऑनलाइन ग्रॉसरी डिलिवरी प्लेटफार्म जियोमार्ट अब देशभर में दूध, अंडे और ब्रेड पहुंचाने की तैयारी में जुट गई हैं। अंबानी की कंपनी अब पूरे देश में घर-घर दूध, अंडे और ब्रेड पहुंचाने की तैयारी में है। फिलहाल इसके लिए चेन्नई और बेंगलुरू में सब्सक्रिप्शन बेस्ड पायलट प्रोजेक्ट शुरू किया गया है। 9 लगातार 6 महीने की गिरावट के बाद देश का निर्यात सितंबर में पिछले साल की समान अवधि के मुकाबले 5.27 फीसदी बढ़कर 27.4 अरब डॉलर पर पहुंच गया। वाणिज्य मंत्रालय से शुक्रवार को जारी हुए आंकड़े के मुताबिक इस दौरान ट्रेड डिफिसिट घटकर 2.91 अरब डॉलर रह गया, जो तीन महीने का निचला स्तर है। पिछले महीने आयात 19.6 फीसदी घटकर 30.31 अरब डॉलर पर आ गया। 10 कोरोना महामारी संकट के बीच आम आमदी को महंगाई भी लगातार सता रही है। लेकिन अगले 2-3 महीने में इससे राहत मिल सकती है, क्योंकि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कच्चे तेल के दाम बीते एक हफ्ते के दौरान 8 फीसदी तक लुढ़क गए हैं। ऐसे में एक्सपर्टस घरेलू स्तर पर पेट्रोल डीजल की कीमतों में गिरावट का अनुमान लगा रहे हैं। एसकोर्ट सिक्योरिटी के रिसर्च आसिफ इकबाल ने बताया कि कच्चा तेल सस्ता होने से ऑयल मार्केटिंग कंपनियों को राहत मिलेगी। क्योंकि भारत अपनी जरूरतों का 82 फीसदी कच्चा तेल विदेशों से खरीदता है। पिछले कुछ महीनों से पेट्रोल के दाम लगातार बढ़े हैं या स्थिर रहे हैं।