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राष्ट्रीय
04-Aug-2020

भारतीय जनता पार्टी ने राम नाम के सहारे जो यात्रा 1989 से शुरू की थी उससे भाजपा फर्श से उठकर अर्श पर पहुंच गई है।30 सालों के बाद अब कांग्रेस को भाजपा की यह सियासत अब में समझ आई है।मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने राम मंदिर शिलान्यास कार्यक्रम का ना केवल समर्थन किया, वल्कि उन्होंने स्वयं अपने निवास स्थान पर, हनुमान चालीसा का पाठ करके, मंदिर निर्माण मैं अपनी निष्ठा और भक्ति व्यक्त की है। कांग्रेस ने संकट हरने के लिए हनुमान जी की शरण ली है।जग जाहिर है, राम को सबसे प्रिय हनुमान हैं। हनुमान के हृदय में राम बसते हैं। राम नाम लेकर भाजपा ने सत्ता में वह सभी पाया, जो वह पाना चाहते थे। भाजपा मर्यादा पुरुषोत्तम राम की मर्यादा के आचरण को भूल गए। अमर्यादित भाजपा की इसी भूल का फायदा, कमलनाथ उठाना चाह रहे हैं। पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कांग्रेस के साथ अब राम भक्त हनुमान को भी जोड़ लिया है। कमलनाथ खुद हनुमान भक्त हैं। उन्होंने अपने संसदीय क्षेत्र छिंदवाड़ा में हनुमान जी की विशालकाय मूर्ति प्रतिष्ठित की है। हर साल हनुमान जयंती पर बड़े कार्यक्रम होते हैं। कमलनाथ एवं उनका परिवार वहां पर पहुंचकर समय समय पर पूजा-पाठ करता है। इस बार कमलनाथ ने अयोध्या में होने वाले राम मंदिर निर्माण के शिलान्यास कार्यक्रम में सीधे अपनी निष्ठा व्यक्त करते हुए, राम भक्त हनुमान का सहारा लिया है। इससे प्रदेश एवं देश की राजनीति में एक नया तूफान देखने को मिल रहा है। कांग्रेस अब जय हनुमान का नारा लेकर जन जन तक पहुंच रही है। मंदिर निर्माण में कमलनाथ हनुमान जी की पूजा पाठ करके सारी विघ्न बाधाएं राम मंदिर की दूर हो उसके लिए उन्होंने हनुमान जी से प्रार्थना की है।वहीं भाजपा कमलनाथ की हनुमान भक्ति को राजनीति से जोड़ रही है।बहरहाल जो भी हो पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी ने अयोध्या में राम मंदिर के द्वार खुलवा कर पूजा पाठ करने का रास्ता प्रशस्त किया था। अब कमलनाथ ने राम मंदिर निर्माण में सारी दिन बाधाओं को दूर करने के लिए राम भक्त संकट मोचन हनुमान को मंदिर निर्माण के साथ जोड़कर,जय हनुमान का नारा देकर, जन जन तक अपनी आस्थाएं पहुंचने की जो कोशिश की है। उसको लेकर सारे देश की सियासत में अब कमलनाथ की चर्चाएं होने लगी हैं।