मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में धान खरीदी को लेकर अहम फैसले लिए गए। उप मुख्यमंत्री अरुण साव ने बताया कि 15 नवम्बर 2025 से 31 जनवरी 2026 तक राज्य में 25 लाख से अधिक किसानों से 3100 रुपए प्रति क्विंटल की दर से 21 क्विंटल प्रति एकड़ तक धान खरीदी जाएगी। भुगतान 6-7 दिन में किया जाएगा। किसानों की सुविधा के लिए ‘तुंहर हाथ’ मोबाइल ऐप से ऑनलाइन टोकन और बायोमैट्रिक आधारित खरीदी व्यवस्था की जाएगी। ई-केवाईसी और एग्रीस्टेक पोर्टल के माध्यम से किसान पंजीकरण अनिवार्य है। डिजीटल क्राप सर्वे के जरिए 23 लाख हेक्टेयर रकबे का ऑनलाईन निर्धारण किया गया है। राज्य में 2739 खरीदी केंद्रों पर व्यवस्थाएं की जाएंगी और शून्य सूखत आने पर समितियों को प्रोत्साहन दिया जाएगा। पहली बार मार्कफेड कार्यालय में इंटिग्रेटेड कमाण्ड एंड कंट्रोल सेंटर और जिलों में कंट्रोल रूम स्थापित किए जाएंगे। सीमावर्ती राज्यों से धान की अनधिकृत आवक रोकने और परिवहन की मॉनिटरिंग भी सुनिश्चित की जाएगी। छत्तीसगढ़ के अंबिकापुर में 62 राशन दुकानों से करीब 4 करोड़ रुपए का चावल चना और शक्कर गायब होने का मामला सामने आया है। यह खुलासा भाजपा नेता आलोक दुबे की शिकायत पर कलेक्टर के निर्देश में भौतिक जांच के दौरान हुआ। जांच में पाया गया कि 1631 क्विंटल चावल और 48 क्विंटल चना गबन किया गया। फूड इंस्पेक्टर ने जनकल्याण खाद्य सुरक्षा पोषण एवं उपभोक्ता सेवा सहकारी समिति के अध्यक्ष पवन सिंह उपाध्यक्ष सुनिता पैकरा और चार अन्य के खिलाफ धोखाधड़ी और आवश्यक वस्तु अधिनियम के तहत FIR दर्ज की। पुलिस ने आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए तीन टीम बनाई हैं। दो साल पहले भी अंबिकापुर में राशन घोटाले की जांच हुई थी जिसमें 50 करोड़ का गबन सामने आया था लेकिन अधिकतर दुकानदारों को केवल कागजी भरपाई का मौका मिला था। गरियाबंद जिले के देवभोग ब्लॉक में धान खरीदी से पहले बिचौलिये सक्रिय हो गए हैं। बीती रात तहसीलदार ने ओडिसा नवरंगपुर से 400 बोरा से ज्यादा धान लाकर आ रहे ट्रक को जप्त किया। चालक के पास वैध दस्तावेज नहीं थे। इलाके में प्रति एकड़ 10-12 क्विंटल धान होती है जबकि सरकार 20 क्विंटल तक खरीदी करती है। अंतर की पूर्ति के लिए बिचौलिये ओडिसा से सस्ता धान लाकर मुनाफाखोरी करते हैं। प्रशासन ने इस बार इसे रोकने और बेहतर समन्वय से अभियान चलाने का दावा किया है। कांग्रेस की 3286 रुपए प्रति क्विंटल दर से 1 नवंबर से धान खरीदी शुरू करने की मांग पर वन मंत्री केदार कश्यप ने तीखा जवाब दिया है। उन्होंने कहा कि जिन्होंने किसानों को किस्तों में भुगतान देने की योजना बनाई वे आज सलाह दे रहे हैं। कश्यप ने कांग्रेस को नसीहत देते हुए कहा कि अगर ज्ञान बांटना है तो वहां बांटे जहां उनकी सरकार है। उन्होंने कहा कि साय सरकार किसानों के हित में पूरी तरह समर्पित है और समय पर भुगतान सुनिश्चित कर रही है इसलिए कांग्रेस को पश्चाताप यात्रा निकालने की जरूरत है। कांग्रेस संगठन सृजन अभियान पर तंज कसते हुए केदार कश्यप ने कहा कि कांग्रेस में एकता नहीं है। उन्होंने कहा—एक कमेटी दीपक बैज की है एक भूपेश बघेल की और एक टीएस सिंहदेव की। कांग्रेस को तय करना चाहिए कि जिला स्तर पर किसके अध्यक्ष की सुनी जाए।