व्यापार
भारत की मौजूदा टैक्स प्रणाली जटिल और बोझिल हो चुकी है। जीएसटी और अन्य करों की बढ़ती दरों से जनता का आक्रोश सोशल मीडिया पर कटाक्ष और मीम्स के रूप में सामने आ रहा है। पॉपकॉर्न और सेकंड-हैंड कार जैसी छोटी चीजों पर भारी टैक्स लोगों की निराशा को और बढ़ा रहा है। टैक्स टेररिज्म और पलायन की समस्या भारी टैक्स दरों और सुविधाओं की कमी के कारण करदाता इसे टैक्स टेररिज्म मानने लगे हैं। नतीजतन 2011 से अब तक 17.50 लाख भारतीय नागरिकता छोड़ चुके हैं। 2023 में जून तक 87026 और 2022 में 225620 भारतीयों ने विदेशों का रुख किया। यह रुझान उन देशों की ओर है जहां टैक्स प्रणाली सरल और सेवाएं बेहतर हैं।