राजधानी भोपाल के रहने वाले डॉ॰ बशीर बद्र को उर्दू का वह शायर माना जाता है जिसने कामयाबी की बुलन्दियों को फतेह कर बहुत लम्बी दूरी तक लोगों की दिलों की धड़कनों को अपनी शायरी में उतारा है। लेकिन दुनिया भर में उर्दू शायरी को नया लहजा देने वाले शायर पद्मश्री डा. बशीर बद्र इन दिनों किसी को नहीं पहचानते न ही उन्हें कुछ याद है। बस उन्हें लगता है वह किसी मुशायरे में जा रहे हैं। उर्दू अकादमी के निदेशक पद रहते हुए 2012 में इन्हें भूलने की बीमारी का एहसास हुआ था। डाक्टर को दिखाया तो डिमेंशिया के लक्षण आ चुके थे। तभी से इलाज चल रहा है। राज्य सभा सांसद और राज कृष्णा फाउंडेशन के चेयरमेन विवेक तन्खा द्वारा डॉ॰ बशीर बद्र के सम्मान में यादे एक शाम गजल के नाम का आयोजन किया गया। जिसमे लोकप्रिय गज़ल गायक तलत अज़ीज़ और प्रतिभा सिंह बघेल ने गजल की प्रस्तुति दी। इस दौरान डॉ॰ बशीर बद्र की यादो को तजा किया गया। इस अवसर पर कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह और अधिकारी सहित गणमान्य नागरिक मौजूद थे।