MP की राजधानी भोपाल से 45 किमी दूर स्थित रायसेन का किला इतिहास की अनूठी कहानी कहता है। 11वीं शताब्दी के आस-पास बने इस किले पर कुल 14 बार विभिन्न राजाओं शासकों ने हमले किए। तोपों और गोलों की मार झेलने के बाद भी आज तक यह किला सीना तानकर खड़ा है इस किले के परिसर में ही एक मंदिर है जो साल में केवल शिवरात्रि के दिन ही खुलता है। बाकी 364 दिन यह ताले में बंद रहता है। सोमेश्वर धाम मंदिर के प्रति आसपास के श्रद्धालुओं की आस्था है। यह मंदिर पुरातत्व विभाग के अधीन हो जाने के बाद इसे ताले में बंद कर दिया गया था। 1974 में नगर के लोगों ने एकजुट होकर मंदिर खोलने और यहां स्थित शिवलिंग की प्राण-प्रतिष्ठा के लिए आंदोलन किया था। उस समय तत्कालीन मुख्यमंत्री प्रकाशचंद्र सेठी ने महाशिवरात्रि पर खुद आकर शिवलिंग की प्राण-प्रतिष्ठा कराई थी। तब से हर महाशिवरात्रि पर मंदिर के ताले श्रद्धालुओं के लिए खोले जाते हैं और यहां विशाल मेला भी लगता है।