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राज्य
18-Feb-2023

राजधानी देहरादून में भी शिव भक्तों ने बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया ... पूरे विश्व में शिवरात्रि का महापर्व मनाया जाता है कहते हैं महाशिवरात्रि के दिन भगवान् शिव ने देवी पार्वती से विवाह किया था जब देवता और राक्षस अमृत की खोज में समुद्र मंथन कर रहे थे तब मंथन से विष निकला था और स्वयं भगवान शिव ने विष पी कर उसे अपने कंठ में रोक लिया था जिस वजह से उनका शरीर नीला पड़ गया था और उनको “नीलकंठ” भी कहा जाता है। पूरे देश में महाशिवरात्रि का पर्व बड़ी ही धूमधाम से मनाया गया वहीं धर्मनगरी हरिद्वार के मंदिर शिवालयों में भक्तों की लंबी-लंबी लाइने उमड़ पड़ी कनखल स्थित दक्षेश्वर महादेव मंदिर पर सुबह तड़के से भगवान भोलेनाथ का जलाभिषेक करने के लिए श्रद्धालु लंबी लंबी लाइन में लगकर अपनी अपनी बारी का इंतजार करते रहे इस अवसर पर दक्ष मंदिर बिल्केश्वर निलेश्वर दरिद्र भंजन तिलभांडेश्वर सहित अन्य मंदिरों को भी सजाया गया नैनीताल सरोवर नगरी नैनीताल के नयना देवी मंदिर व उसके आसपास के मंदिरों में शिवरात्रि पर्व पर हजारों की सँख्या में सुबह से ही श्रद्धालुओं का तांता लगा हुआ दिखाई दिया। इस दौरान हरिद्वार से कांवड़ यात्रा गये भोले के भक्तों ने सरोवर नगरी के शिवालयों में व शिव मंदिर में शिवलिंग पर जलयाभिषेक किया। चारों और हर हर महादेव के स्वर गुंजायमान से सरोवर नगरी को भक्त मय बना डाला। गुलमर्ग कश्मीर में हुई खेलो इंडिया नेशनल विंटर गेम्स में 8 मेडल जीतकर उत्तराखंड का नाम रोशन कर 36 सदस्यीय स्कीइंग टीम देहरादून होकर सकुशल जोशीमठ पहुंच चुकी है इससे पूर्व देहरादून सचिवालय में गुलमर्ग विंटर गेम्स में स्नो स्कीइंग में उत्तराखण्ड के पदक विजेता भारती भुजवाणमहक कवांण मानसी फर्स्वाणभावना कंडारी प्रियांशु कवांण सहित टीम मैनेजर और सहायक कोच रविन्द्र कंडारी प्रमोद पंवार को सीएम उत्तराखंड पुष्कर सिंह धामी नें सम्मानित कर टीम के सभी एथलीटों ओर टीम प्रबन्धन को अपनी शुभकामनाएं दी। 11 वें ज्योर्तिलिंगों में अग्रणी भगवान केदारनाथ के कपाट खोलने तथा पंचमुखी चल विग्रह उत्सव डोली के ऊखीमठ से धाम रवाना होने की तिथि महाशिवरात्रि पर्व पर शीतकालीन गद्दी स्थल ओकारेश्वर मन्दिर में पंचाग गणना के अनुसार मन्दिर समिति के पदाधिकारियों अधिकारियों व हक हकूकधारियो की मौजूदगी में घोषित कर दी गयी है! 20 अप्रैल को शीतकालीन गद्दी स्थल ओकारेश्वर मन्दिर में केदार पुरी के क्षेत्र रक्षक भैरवनाथ की पूजा सम्पन्न की जायेगी तथा 21 अप्रैल को भगवान केदारनाथ की पंचमुखी चल विग्रह उत्सव डोली ऊखीमठ से धाम के लिए रवाना होगी!