विधानसभा सत्र के दूसरे दिन पत्रकारों से बातचीत करते हुए सीएम ने कहा है कि राज्य सरकार महिलाओं के हितों को देखते हुए नौकरियों में उनके आरक्षण को लेकर पहले दिन से गंभीर है लिहाजा हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट गई थी और हाईकोर्ट के आदेश को स्थगन कराकर अब राज्य सरकार सीधे नौकरियों में आरक्षण पर कानून ला रही है सरकार ने जो वायदा किया था उसे पूर्ण किया है मुख्यमंत्री ने धर्मांतरण कानून पर भी बयान देते हुए कहा कि राज्य में लगातार शिकायतें आ रही थी कि धनबल व प्रलोभन के आधार पर लोगों को धर्म बदलवाने के लिए प्रेरित किया जा रहा है लिहाजा इस विषय में भी सख्त कानून बनाया गया है उत्तराखण्ड विधानसभा सत्र के शीतकालीन सत्र की कार्यवाही देखने के लिए स्कूली बच्चों में भी काफ़ी उत्साह नज़र आ रहा है! बता दें कि स्कूली बच्चों के साथ राजकीय पूर्व माध्यमिक विद्यालय नवादा के प्रधानाचार्य कुंवर सिंह पुंडीर समेत अध्यापिकाओं ने भी भी बड़ी ही दिलचस्पी के साथ सदन की दूसरे दिन की कार्रवाई को सुना है! स्कूली बच्चों द्वारा सदन की कार्रवाई को देखा जाना इस बात की गवाही दे रहा है कि आजकल के स्कूली छात्र जागरूक होने के साथ साथ राजनीति से भी काफी प्रभावित हो रहे हैं ---- कांग्रेस के चकराता विधायक प्रीतम सिंह ने मीडिया से मुखातिब होते हुए कहा कि सदन शुरू होते ही कांग्रेस ने कई सवाल सदन में रखे हैं जिसमें कानून व्यवस्था का सवाल सबसे मुख्य था। उन्होंने कहा कि कानून व्यवस्था पूरे प्रदेश में चरमरा रखी है और सरकार ने कानून व्यवस्था पर जो जवाब दिया उससे विपक्ष के साथ-साथ प्रदेश की जनता भी असंतुष्ट है। उन्होने आगे कहा कि आज यूकेएसएसएससी समेत कई मामले पटल पर कॉन्ग्रेस रखेगी। 7 सालों से आंदोलनकारियों को 10 प्रतिशत क्षैतिज आरक्षण वाली पत्रावली शासन में झूल रही है सरकार इस पर कोई बात नहीं कर रही है --- क्यों ? 6 माह पहले सीएम धामी को पत्र लिखा था पत्र के बाद मुख्यमंत्री कार्यालय को पत्र लिखा गया कि इस पर कार्रवाई होनी चाहिए पर कोई कार्रवाई नही हुई मेरा सवाल ये है कि आंदोलनकारियों के 10 प्रतिशत क्षैतिज आरक्षण पर कोई बात क्यों नही करता --- आंदोलनकारी विधानसभा के बाहर बैठे हैं कोई सुद्ध लेने वाला नही है रविन्द्र मात्र 19 साल की उम्र में शहीद हुए थे उनके परिवार की सुद्ध लेने वाला कोई नही है मेरा राज्य सरकार से विनम्र निवेदन है कि राज्य आंदोलनकारी के आरक्षण के मामले को गंभीरता से लें कुछ दिन पूर्व श्री पंचायती निर्मल अखाड़े में संतो के दो गुटों में अखाड़े की संपत्ति को लेकर मामला गरमा गया था पंजाब से आए संतो द्वारा श्री पंचायती निर्माण अखाड़े में घुसकर कब्जा करने का प्रयास किया गया कड़ी मशक्कत के बाद पुलिस द्वारा पंजाब से आए संतों को आश्रम से खदेड़ा था आज अखाड़े के महामंडलेश्वर और सांसद साक्षी महाराज श्री पंचायती निर्मल अखाड़ा पहुंचे उनके द्वारा शासन और प्रशासन द्वारा की गई इस कार्रवाई की प्रशंसा की गई और कहा की उस वक्त कोई भी बड़ी घटना घट सकती थी क्योंकि कुछ लोग अखाड़े की संपत्ति पर अवैध तरीके से कब्जा करना चाहते हैं