अपनी मांगों को लेकर 16 मार्च २०२२ से अनिश्चितकालीन हड़ताल कर रही आंगनवाड़ी कार्यकर्त्ताओं के कारण आंगनवाड़ी की सेवायें प्रभावित होने एवं आंगनवाड़ी के संचालन में गंभीर लापरवाही बरते जाने के कारण 5 आंगनवाड़ी कार्यकर्त्ताओं की सेवायें तत्काल प्रभाव से समाप्त कर दी गई है। इसमें से तीन आंगनवाड़ी कार्यकर्त्ता बालाघाट शहरी परियोजना की और दो आंगनवाड़ी कार्यकर्त्ता बालाघाट ग्रामीण परियोजना की है।बालाघाट शहरी के परियोजना अधिकारी द्वारा आंगनवाड़ी केन्द्र क्रमांक-०९ की कार्यकर्त्ता श्रीमती रूबीना अली, आंगनवाड़ी केन्द्र क्रमांक-८० की कार्यकर्त्ता श्रीमती गायत्री सोनकर एवं आंगनवाड़ी केन्द्र क्रमांक-३८ की कार्यकर्त्ता श्रीमती योगिता कावड़े एवं बालाघाट ग्रामीण के परियोजना अधिकारी द्वारा ग्राम टवेझरी की आंगनवाड़ी कार्यकर्त्ता श्रीमती गीता बागड़े एवं ग्राम लिंगा की आंगनवाड़ी कार्यकर्त्ता श्रीमती जीरा कावरे की सेवायें तत्काल प्रभाव से समाप्त कर दी गई है। जलाभिषेक अभियान के अन्तर्गत टवेझरी में जिला स्तरीय जल संसद कार्यक्रम का आयोजन ११ अप्रैल को हुआ था । इस कार्यक्रम में मध्यप्रदेश शासन के आयुष मंत्री के मुख्य आतिथ्य में बालाघाट विकासखंड के ग्राम टवेझरी के मंझारा टोला में 14 लाख 70 हजार रुपये की लागत से बनने वाले अमृत सरोवर तालाब के लिए भूमिपूजन किया गया था। इसी तारतम्य में आज १३ अप्रैल को विवेक कुमार सीईओ जिला पंचायत द्वारा ग्रामीण विकास विभाग की टीम, पटवारियों की टीम एवं फॉरेस्ट विभाग की टीम से अमृत सरोवर योजना अंतर्गत मंझारा टोला में बनाए जा रहे नवीन किला तालाब का निरीक्षण कर सर्वे टोटल स्टेशन मशीन से सर्वे कर परिसीमन कराया गया । ताकि एक मॉडल तालाब बनाया जा सके जिसमें अधिक से अधिक पानी रुक सके एवं किसानों के लिए सिंचाई का रकबा बढे और स्व सहायता समूह को मछली पालन के द्वारा उनको आर्थिक गतिविधियों से जोडा जा सके । नगर पालिका परिषद मलाजखंड के द्वारा स्वच्छता सर्वेक्षण २०२२ में नगर को स्वच्छ एवं सुंदर बनाने के लिए एक अनोखी पहल की गई वर्तमान में भीषण गर्मियों के कारण यहां जीव जंतु और मनुष्य गर्मी से परेशान है वही छोटे-छोटे पौधे भी गर्मी से प्रभावित हो रहे है में पौधों को बचाए रखने के मुख्य नगर पालिका अधिकारी लक्ष्मण सिंह सारस ने बताया कि हॉस्पिटल से प्राप्त अनुपयोगी ड्रिप पाइप के माध्यम से छोटे बड़े २०० से अधिक पौधों को निरंतर पानी दिया जा रहा है जो बहुत ही सराहनीय है। बालाघाट में आमजनों की सुविधाओं के लिए नगर पालिका ने करोड़ों की लागत से वाहन और कचरा पेटियों के अलावा कीमती सामान तो खरीद लिया लेकिन उसका उपयोग करना भूल गई। सालों से बुढ़ी स्थित फिल्टर प्लांट में उपकरण और खरीदा गया सामान जस का तस पड़ा हुआ है। स्थिति यह है कि शहर में रोजाना खुले में कचरा करीब ७ से ८ टन उठाया जा रहा है जबकि इसके लिए बड़ी कीमत की कचरा पेटियां खरीदी गई हैं। एक ही जगह पर वाहन कबाड़ होने के लिए छोड़ दिया गया है। नगर पालिका ने कई वाहन और मशीनें तो ला दी लेकिन उसके लिए ऑपरेटर या चालक नहीं रखे। जबकि नगर पालिका के कई सफाई कर्मियों को इसके लिए प्रशिक्षण देने की बात कही गई थी ताकि मौजूदा समस्याएं दूर हो सके। कंपेक्टर मशीन के लिए एक भी चालक नहीं है। इस मशीन का उपयोग शहर की कचरा पेटियों में डाले गए कचरे को उठाने के लिए लाई गई है। हालांकि नगर में कई जगह पर कचरा पेटी भी नहीं लगाई गई है।