यूक्रेन में रूस हमले के बाद युद्ध छिड़ने से अब तक छह हजार से अधिक भारतीयों की सुरक्षित देश वापसी हो चुकी है, जबकि अन्य नागरिकों की भी देश वापसी के लिए लगातार प्रयास किए जा रहे हैं। इस बीच छिंदवाड़ा जिले के भी 6 विद्यार्थी यूक्रेन में फंसे हुए हैं। जिसमें से कुछ यूक्रेन से हंगरी बॉर्डर तक पहुंच गए हैं।जल्द ही इन्हें भारत लाया जा सकता है। प्राप्त जानकारी के मुताबिक बुधवार को सौंसर में सिविल लाइन आजनकर कॉलोनी निवासी गेंदराव लोणारे की बेटी चैतन्या लोणारे यूक्रेन के टेरनोपिल स्टेट मेडिकल यूनिवर्सिटी में एमबीबीएस करने गई हुई थी।जहां पर उसका तीसरा वर्ष चल रहा है। इस बीच रूस और यूक्रेन में जंग होने पर इन्हें यूनिवर्सिटी प्रबंधन के द्वारा हंगरी बॉर्डर तक ला दिया गया है। जहां से जल्द ही इनकी वतन वापसी होगी। वही यूक्रेन के सुमी स्टेट मेडिकल यूनिवर्सिटी में एमबीबीएस कर रही छिंदवाड़ा जिले के पिपलानारायनवार गाँव की इशिका सरकार अब भी बंकर में ही रुकी हुई है। यूक्रेन ईस्ट में फंसे होने के कारण उसे बाहर निकलने को नहीं मिल रहा है।जिस क्षेत्र में ये लोग रुके हुए हैं। वहां पर कर्फ्यू लगा हुआ है। हालांकि बुधवार को कर्फ्यू में 2 घंटे की ढील दी गई थी जिसके चलते इशिका सरकार ने 10 दिनों के लिए भोजन व्यवस्था का सामान ले लिया है। इस बात की जानकारी इशिका द्वारा अपने पिता डॉ प्रभास सरकार को मोबाइल के जरिये दी गई है। इसी प्रकार सौंसर के बड़ौसा ग्राम में रहने वाले चिंतामन सिंगनदीपे की बेटी गौरी सिंगनदीपे भी रोमानिया में फंसी हुई है। गौरी के पिता चिंतामन सिंगनदीपे कि बड़ौसा ग्राम में किराना की दुकान है।वे भी अपनी बेटी को लेकर काफी चिंतित है। छिंदवाड़ा शहर के प्रत्यूष चौरसिया समेत उनके साथ अन्य 15 छात्र ल्वीव तक पहुँच गए है। इनके साथ संकल्प क्रिपान भी खारकीव से निकलकर ल्वीव पहुँच गए है।जबकि मधुबन कॉलोनी निवासी अर्षप्रीत भी हंगरी पहुंच चुकी है जल्द ही इन सभी विद्यार्थियों को भारत सरकार के द्वारा अपने देश वापस लाया जाएगा।