1 मकर संक्रांति पर्व पर प्रतिबंध लगाने के बाद गुरुवार रात से हर की पौड़ी को सील कर दिया गया। जिस कारण श्रद्धालु गंगा स्नान को हर की पौड़ी में न जा सके। रात को हर की पौड़ी जाने वाले सभी मार्गों पर बेरीकेडिंग लगा दी गई थी। हर की पौड़ी पर कड़ी सुरक्षा व्यवस्था कर दी गई है। हर की की पौड़ी और साथ लगते घाटों पर स्थानीय लोग भी स्नान नहीं कर सके। 2 मकर सक्रांति पर रोक के बावजूद श्रद्धालुओं का सैलाब गंगा स्नान के लिए उमड़ पड़ा आज मकर संक्रांति का स्नान है इसको लेकर भारी संख्या में श्रद्धालु धर्मनगरी हरिद्वार पहुंच रहे हैं हालांकि प्रशासन द्वारा सभी बॉर्डर पर श्रद्धालुओं को वापस भेजने के लिए पूरे प्रयास किए गए थे लेकिन फिर भी प्रशासन की आंख में धूल झोंकते हुए लाखों की संख्या में श्रद्धालु हरिद्वार पहुंचे 3 उत्तराखंड में 14 फरवरी को विधानसभा चुनाव के लिए मतदान होना है। प्रदेश की सत्ता में वापसी की संभावनाएं देख रही कांग्रेस इंटरनेट मीडिया पर पहले से ही काफी सक्रिय है। सत्तारूढ़ दल और सरकार के खिलाफ तीखे तेवरों के साथ लड़ाई छेड़ी जा चुकी है। कोरोना संक्रमण के बढ़ते प्रकोप और चुनाव आयोग के निर्देशों को देखते हुए डिजिटल प्लेटफार्म पर भी निर्णायक लड़ाई की तैयारी शुरू की गई है। 4 भाजपा प्रदेश प्रवक्ता विनय गोयल ने बताया कि वह भी 2002 से उस समय सेंट्रल पर्यम एंट्री बोर्ड में मेरा नाम पहुंचा था स्वर्गीय पूर्व मुख्यमंत्री नित्यानंद स्वामी ने इच्छा जाहिर की थी कि वह भी चुनाव लड़ना चाहते हैं उस समय लक्ष्मण चौक सीट समाप्त हो गई और देहरादून कैंट सीट अस्तित्व में आई हमारे वरिष्ट नेता हरबंस कपूर जी की राजपुर वाली सीट खतम होने के बाद कैंट विधानसभा में आ गई थी स्वर्गीय हरबंस कपूर जी हमारे बीच नहीं हैं और उनकी विजय की परंपरा को हमें आगे बढ़ने का मौका पार्टी मुझे देगी ऐसा मुझे पूर्ण विश्वास है । 5 धर्मनगरी हरिद्वार मैं जहां आज मकर संक्रांति के त्यौहार पर श्रद्धालु आस्था की डुबकी लगा रहे हैं वही हरिद्वार के सर्वानंद घाट पर जूना अखाड़ा के महामंडलेश्वर यती नरसिंहानंद गिरी सहित कई संत अन्नजल छोड़कर अनशन पर बैठे हैं आपको बता दें कि कल नारसन बॉर्डर पर ही जितेंद्र नारायण त्यागी उर्फ वसीम रिजवी को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था, उसी के विरोध में यती नरसिंहानंद गिरी सहित कई अन्य संत अनशन पर बैठे हैं उनका कहना है कि जब तक जितेंद्र त्यागी को रिहा नहीं किया जाता वह अन्य जल नहीं ग्रहण करेंगे चाहे इसमें उनके प्राण ही क्यों ना चले जाएं ।