MP में सड़क पर उतरेंगे CM शिवराज मध्यप्रदेश में कोरोना के बढ़ते केस के चलते मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मंगलवार को मंत्री और अफसरों की आपात बैठक बुलाई। मुख्यमंत्री ने मास्क लगाने, कोरोना टेस्ट बढ़ाने, और सोशल डिस्टेंसिंग की अपील करने को लेकर निर्देश दिए हैं। अस्पतालों में बेड और दवाई की उपलब्धता रखने को भी कहा है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि वे खुद भी सड़क पर उतरेंगे और लोगों को मास्क लगाने और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करने को लेकर जागरूक करेंगे। तेज आंधियों के साथ ओले गिरने की संभावना बंगाल की खाड़ी के साथ अरब सागर में बने कम दबाव और वेस्टर्न डिर्स्टबेंस के कारण मध्यप्रदेश में बादल और बारिश की संभावना बढ़ गई है। अगले 48 घंटों के दौरान प्रदेश के कई संभागों में बारिश हो सकती है। इसका सबसे ज्यादा असर इंदौर, उज्जैन, होशंगाबाद और ग्वालियर, चंबल संभागों में दिखाई देगा। यहां तेज आंधियों के साथ ओले गिर सकते हैं। क्राइसिस मैनेजमेंट कमेटियों के साथ बैठक दक्षिण अफ्रीका सहित अन्य देशों में कोरोना के नए वैरिएंट ओमिक्रॉन के केस आ रहे हैं। कोरोना की तीसरी लहर की आशंका को देखते हुए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने क्राइसिस मैनेजमेंट कमेटियों के साथ बैठक की । बैठक सभी जिलों के अधिकारी वर्चुअली जुड़ें। बैठक में मंत्री, सांसद और विधायक के साथ ही जिला, वार्ड, ब्लॉक और पंचायत कमेटियां भी शामिल हुई । मुख्यमंत्री फाइनल कर सकते हैं ड्राफ्ट भोपाल और इंदौर में पुलिस कमिश्नर सिस्टम लागू आज या कल लागू हो सकता है। इसको लेकर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान बुधवार शाम को मुख्य सचिव और डीजीपी के साथ बैठक करेंगे। बैठक के बाद मुख्यमंत्री इसे हरी झंडी दे सकते हैं। इसके बाद सिस्टम लागू होने का नोटिफिकेशन जारी हो जाएगा। अब बिना मास्क पर 500 रुपए का जुर्माना भोपाल और इंदौर में कोरोना के केस तेजी से बढ़ रहे हैं। दोनों शहरों में सख्ती भी बढ़ाई जा रही है। भोपाल में अब बिना मास्क दिखाई देने पर 100 रुपए की जगह 500 रुपए तक का जुर्माना लगेगा। एक्सीडेंट में घायलों की मदद करने पर मिलेगा इनाम सड़क दुर्घटना (Road Accident) में घायल लोगों की तुरंत मदद और उन्हें इलाज मुहैया कराने के लिए जबलपुर में प्रशासन ने नयी तरकीब ढूंढ ली है. अब ऐसे लोगों को इनाम दिया जाएगा जो दुर्घटना पीड़ित लोगों की मदद करेगा. सड़क दुर्घटना में मौत की एक बड़ी वजह घायल लोगों को तुरंत मदद न मिल पाना है. पुलिस और कोर्ट के चक्कर से बचने के लिए लोग सड़क पर पड़े घायलों को देखकर भी उनकी मदद नहीं करते. लेकिन उम्मीद है जबलपुरमें अब ऐसा नहीं होगा.