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राज्य
13-Sep-2021

व्यापमं के बाद अब आयुष विभाग में महाघोटाला 3 साल में 549 छात्रों के फर्जी एडमिशन कॉलेज शाखा के प्रभारी डॉ. जे. के. गुप्ता के कार्यकाल में हुए एडमिशन घोटाले को दबाने में लगे जिम्मेदार व्यापमं महाघोटाले के बाद अब मप्र में निजी और सरकारी आयुष मेडिकल कॉलेजों वर्ष 2016 से 2018 तक 3 सालों में (आयुर्वेद, होम्योपैथी व युनानी) में 549 छात्रों के फर्जी प्रवेश के मामला सामने आया है। सूत्रों की मानें तो इस कथित घोटाले में बीएएमएस, बीएचएमएस और बीयूएचएम की डिग्रियां लेकर पास हो चुके 549 डॉक्टरों के इन्हें डिग्रियां देने वाले निजी/सरकारी कॉलेजों पर कार्रवाई के साथ अन्य दोषियों के खिलाफ एफआईआर तक की अनुशंसा जांच रिपोर्ट में की गई। यह घोटाला मप्र आयुर्विज्ञान विश्वविद्यालय के पूर्व प्रभारी रजिस्ट्रार और तत्कालीन ओएसडी और कॉलेज शाखा के प्रभारी डॉ. जे. के. गुप्ता के कार्यकाल में हुआ है लेकिन हैरानी की बात है कि विभाग में 549 फर्जी प्रवेशों की फाइलें गायब हैं। आयुष संचालनालय की आयुक्त करलिन खोगवार देशमुख ने 9 अगस्त 2021 को डॉ. जे. के. गुप्ता को पत्र लिख कर संबंधित अभिलेख उपलब्ध कराने पत्र भी प्रेषित किया है लेकिन अब तक गुप्ता ने कोई जवाब नहीं दिया। बीएएमएस, डीयूएमएस, बीएचएमएस, वीएनवायएस, एडीएमएस आयुर्वेद और एमडी होम्योपैथी में प्रवेश हेतु वर्ष 2017-18 और 2018-19 में प्रवेश हेतु नीट परीक्षा आयोजित की गई। इसी परीक्षा में उतीर्ण विद्यार्थियों को अंकों के आधार पर विभिन्न पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिए संचालनालय ऑनलाईन काउंसिलिंग आयोजित की जाती है। कुछ विद्यार्थि जो प्रवेश परीक्षा में शामिल ही नहीं हो पाए या काउंसिलिंग में जिन्हें किसी पाठ्यक्रम में प्रवेश नहीं मिला उन्हीं को बैक डोर एंट्री देने नियमों को ताक पर रख कर ऑफलाईन काउंसलिंग कराई गई। सूत्रों के अनुसार ऐसे ही कथित तौर पर फर्जी 549 विद्यार्थियों ने व्यापमं घोटोले की तर्ज पर विभिन्न आयुष पाठ्यक्रमों इसी तरह से बैक डोर एंट्री लेकर फर्जी एडमीशन कराया। इन कॉलेजों के नाम आए सामने। आयुष विभाग का यहाँ घोटाला विधान सभा में भी गूंजा है। लेकिन अब जिम्मेदार इस ेअब दबाने की कोशिश कर रहे है। ब्यूरो