2007 के बहुचर्चित पत्रकार पवन विद्रोही मर्डर केस का फैसला सोमवार को आ गया । मामले में हाई कोर्ट के आदेश पर सीबीआई द्वारा जांच की गई थी । जिसमें अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश द्वारा आरोपी राजेंद्र जैन आम्रपाली, मुकेश जैन, राजेश जैन, सुनील भदोरिया एवं अन्य आरोपीयों को ने बरी कर दिया है । आरोपियों की पैरवी वरिष्ठ अधिवक्ता विजय कुमार चौधरी द्वारा की गई थी। वरिष्ठ अधिवक्ता विजय चौधरी ने EMS टीवी से बात करते हुए केस के सिलसिले में बताया की पवन विद्रोही और उनके ड्राइवर सरदार सिंह की 31 जुलाई 2007 को जेके रोड पर फिल्मी अंदाज मेंं गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। उस समय पवन विदिशा से लौट रहे थे। मर्ग कायम होने के बाद सीबीआई ने डेढ़ साल की जांच के बाद हत्या और हत्या की साजिश का आरोप लगाया और इस पूरे मामले में 50 लोगों को गवाह बनाया था। मामले में सात लोगों को गिरफ्तार भी किया गया था। इनमें पवन के साले मुकेश जैन, मामा ससुर राजेश जैन, बिजनेस पार्टनर राजेंद्र जैन आम्रपाली और दोस्त सुनील भदौरिया शामिल थे। बाइट - विजय चौधरी , सीनियर एडवोकेट