मध्य प्रदेश में ओबीसी आरक्षण को लेकर गुरुवार को मंत्रालय में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में हुई बैठक में तय किया गया कि हाईकोर्ट में राज्य सरकार का पक्ष रखने के लिए पूर्व कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद और सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ वकील तुषार मेहता को बुलाएंगे। हाईकोर्ट में 1 सितंबर को होने वाली सुनवाई के दौरान सरकार की तरफ से यह अनुरोध किया जाएगा कि इस प्रकरण की अंतिम सुनवाई कर फैसला करने का आवेदन दिया जाएगा। बैठक 3 घंटे चली। जिसमें इस रणनीति पर मंथन किया गया कि किस तरह प्रदेश में 27% ओबीसी आरक्षण देना सुनिश्चित किया जाए। बैठक में तय हुआ है कि इस आरक्षण के संबंध में न्यायालय में होने वाली अगली सुनवाई में देश के दिग्गज वकीलों की सेवाएं ली जाएंगी। इस सुनवाई में स्वयं एडवोकेट जनरल न्यायालय से आग्रह करेंगे कि इसी सुनवाई को अंतिम मानकर पिछड़ा वर्ग के हित में 27% आरक्षण को मंजूरी दी जाए। बैठक में मंत्री कमल पटेल, मोहन यादव, इंदर सिंह परमार और रामखेलावन पटेल, बीजेपी पिछड़ा वर्ग मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष भगत सिंह कुश्वाहा, विधायक कृष्णा गौर, प्रदीप पटेल और एडवोकेट जनरल पुरुषेन्द्र कौरव मौजूद रहे।