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राष्ट्रीय
22-Dec-2020

कोरोना वायरस का नया प्रकार मिलने के बाद ब्रिटेन का नया नाम यूरोप का बीमार देते हुए सोमवार को महाद्वीप के कई देशों ने उससे संपर्क काट लिया। ब्रिटेन में जहां इससे हाहाकार मचा हुआ है वहीं पूरी दुनिया फिर से तनाव में आ गई है। ब्रिटेन के सुपरमार्केट में आपूर्ति रुकती जा रही है। परिजनों के पास जाने को आतुर लोगों में भय का माहौल है। पीएम बोरिस जॉनसन द्वारा यहां मिलने वाले वायरस के नए रूप को देश के लिए बेहद खतरनाक बताने के बाद बाकी देश खुद को बचाने में जुट गए हैं। इससे ब्रिटेन के हालात विकट होते जा रहे हैं। अमेरिकी डॉलर के मुकाबले पाउंड में 2 सेंट की गिरावट दर्ज हुई। एक पाउंड 1.3 279 डॉलर का हो गया। यहां के स्टॉक एक्सचेंज एफटीएससी में 2.8 प्रतिशत तक गिरावट आई। ब्रिटिश एयरवेज की कंपनी आईएजी के स्टॉक 15 प्रतिशत गिरे तो ईजी जेट व विज एयर होल्डिंग भी करीब 11 प्रतिशत गिरे। इसका असर दुनिया भर के बाजारों पर भी दिखा और सभी बाजारों में गिरावट दर्ज की गई। अमेरिका के नव-निर्वाचित राष्ट्रपति जो बाइडन ने सोमवार को सार्वजनिक रूप से कोरोना वायरस का टीका लगवाया। उन्हें कोरोना वैक्सीन का पहला टीका लगा है। इसे खास तौर पर टीवी पर लाइव भी दिखाया गया ताकि लोगों ने इसके प्रति जागरूकता फैस सके। डेलवारे में क्रिस्टियाना केयर अस्पताल में नर्स ने बाइडन को कोरोना वैक्सीन का पहला डोज दिया जिसे फाइजर और बायोनटेक ने मिलकर तैयार किया है। ऑपरेशन वार्प स्पीड के प्रमुख सलाहकार मुंसिफ सलाउई ने सीएनएन के स्टेट ऑफ द यूनियन कार्यक्रम में रविवार को कहा था कि टीका उन लोगों के लिए सुरक्षित है, जो संक्रमित हो चुके हैं। यह उनकी प्रतिरक्षा को और मजबूत बनाएगा। यूरोपीय संघ ने बायोएनटेक और फाइजर द्वारा संयुक्त रूप से विकसित कोविड-19 टीके को 27 देशों के संगठन (यूरोपीय संघ) के बाजार में उतारने की सोमवार को औपचारिक रूप से अनुमति दे दी। आशा की जा रही है कि टीके के बाजार में आने के बाद सभी सदस्य देश क्रिसमस के बाद अपने नागरिकों को महामारी से बचाव का पहला टीका लगाना शुरू करेंगे। यूरोपीय मेडिसिन एजेंसी ने कहा कि टीका सभी सुरक्षा और गुणवत्ता मानदंडों पर खरा उतरता है, इसके कुछ ही घंटे बाद यूरोपीय संघ के कार्यकारी आयोग ने टीके को बाजार में उतारने की अनुमति दे दी। कतर की मीडिया कंपनी अल-जजीरा के कई पत्रकारों के निजी फोन को एक स्पाईवेयर से निशाना बनाया गया है। आशंका है कि इसके तार सऊदी अरब और संयुक्त अरब अमीरात की सरकारों से जुड़े हो सकते हैं। सिटिजन लैब नामक संस्था की रविवार की रिपोर्ट में कहा गया है कि उसने एक ऐसे मैलवेयर का पता लगाया है, जिससे अल जजीरा के 36 पत्रकारों, निर्माताओं, एंकरों के निजी फोन में सेंध लगाई गई है। जानकारी के मुताबिक, इस मैलवेयर को इस्राइल स्थित एनएसओ समूह का समर्थन हासिल है, जो दमनकारी सरकारों को स्पाईवेयर बेचने की खुले तौर पर निंदा करता रहा है। अमेरिकी चुनाव में बुरी तरह शिकस्त खा चुके राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप अभी भी अपनी हार स्वीकारने को तैयार नहीं हैं। उन्होंने तीन नवंबर को हुए चुनाव नतीजों को खारिज करने की अपनी कोशिशों के तहत सुप्रीम कोर्ट में नई याचिका डाली है। ट्रंप की प्रचार टीम के मुताबिक याचिका में पेंसिल्वेनिया के डाक मतपत्रों से जुड़े फैसले को पलटकर अपने निर्वाचकों के चयन का अधिकार देने का अनुरोध किया गया है। बता दें कि सुप्रीम कोर्ट मतदान प्रक्रिया में धोखाधड़ी के आरोपों को लेकर पहले भी ट्रंप की कई याचिकाओं को खारिज कर चुका है।