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राष्ट्रीय
21-Dec-2020

कृषि कानूनों के खिलाफ लगातार 26वें दिन किसानों का आंदोलन जारी है। वहीं केंद्र सरकार ने दावा किया है कि ये कानून किसानों के हित में हैं। सरकार का कहना है कि उसने ठोस समस्याओं का समाधान कर दिया है और वार्ता के जरिए बाकी परेशानियों का भी हल निकालने के लिए तैयार है। दूसरी ओर किसान कानून को वापस लेने से कम में मानने को तैयार नहीं हैं। अब किसानों ने सरकार को खुला पत्र लिखा है। इसमें उन्होंने भूख हड़ताल करने का एलान किया है। दूसरी ओर सरकार ने भी 40 किसान संगठनों के नाम पत्र लिखा है जिसमें उन्हें एक बार फिर वार्ता का निमंत्रण दिया गया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हर महीने के आखिरी रविवार को रेडियो कार्यक्रम मन की बात के जरिए देशवासियों को संबोधित करते हैं। आगामी 27 दिसंबर को इसका प्रसारण होना है। ऐसे में भारतीय किसान यूनियन के नेता जगजीत सिंह डलेवाला ने लोगों से अपील की है कि प्रधानमंत्री के इस कार्यक्रम के दौरान पूरे समय थाली पीटते रहें। चीन के साथ जारी तनाव के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सोमवार को वियतनाम के प्रधानमंत्री गुयेन जुआन फुच के साथ ऑनलाइन वार्ता करेंगे, जिसमें वह दोनों देशों के बीच व्यापक रणनीतिक साझेदारी पर ध्यान केंद्रित करने पर चर्चा करेंगे। इस दौरान रक्षा, ऊर्जा और स्वास्थ्य क्षेत्रों समेत द्विपक्षीय संबंधों को और विस्तार देने के लिए भारत व वियतनाम के बीच कई समझौते व घोषणाएं होने की संभावना है। सूत्रों ने बताया कि हिंद-प्रशांत क्षेत्र की स्थिति (चीन की बढ़ती दखलअंजादी) पर चर्चा की उम्मीद है, क्योंकि दोनों ही देशों के मुक्त, खुले, शांतिपूर्ण, समृद्ध और नियम आधारित क्षेत्रीय व्यवस्था में साझा हित हैं। कोरोना वायरस महामारी ने हजारों लाखों की नौकरी को प्रभावित किया। सरकार के पैकेज देने के बाद भी कंपनियों से छंटनी की खबरें आती रही। लेकिन नौकरीपेशा लोगों को यह खबर खासा खुश कर सकती है। सरकार ने कंपनियों को चेतावनी दी है कंपनी स्थायी नौकरी पर रखे हुए कर्मचारियों को अनुबंध वर्कर के तौर पर बदल नहीं सकती। ऐसी खबरें आई थीं कि कुछ कंपनियां अपने स्थायी कर्मचारियों को अनुबंध पर रख रही हैं। बता दें कि केंद्र सरकार ने श्रम कानून में बदलाव किया था। जिसे लेकर कानून की आड़ में कंपनियां अपने स्थायी कर्मचारियों को अनुबंध पर बदल रही थीं। इसे लेकर सरकार ने कंपनियों को आगाह किया है। भाजपा और जनता दल (सेक्युलर) ने अपने विलय की खबरों को खारिज कर दिया। दरअसल, भाजपा के एक नेता ने कहा था कि राज्य में राजनीतिक ध्रुवीकरण होने की संभावना है, जिससे दोनों दलों के एक दूसरे के साथ आने के बारे में अटकलें लगाई जाने लगी थी। मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा और जेडीएस नेता एचडी कुमारस्वामी ने इस बारे में मीडिया में आई खबरों को काल्पनिक बताया। इससे पहले प्रदेश भाजपा उपाध्यक्ष अरविंद लिम्बावली ने राज्य में आगामी स्थानीय निकाय चुनाव के लिए पार्टी की तैयारियों के बारे में संवाददाताओं से बात करते हुए कहा, श्मुझे लगता है कि देश में आने वाले दिनों में धुव्रीकरण तेज होने जा रहा है। उत्तराखंड में आज से तीन दिन का विधानसभा सत्र शुरू हो रहा है। 22 को प्रदेश सरकार 4000 करोड़ से अधिक का अनुपूरक बजट पास कराएगी। रविवार को हुई कार्यमंत्रणा में यह तय हुआ। इसके साथ ही विपक्ष ने यह स्पष्ट कर दिया कि सत्र सरकार के लिए चुनौतीपूर्ण होगा। विपक्ष काम रोको प्रस्ताव भी लेकर आएगा। सत्र के पहले दिन सल्ट के दिवंगत विधायक सुरेंद्र सिंह जीना और चार पूर्व विधायकों को श्रद्धांजलि अर्पित की जाएगी। विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद्र अग्रवाल के मुताबिक निधन के निदेश के कारण और कोई काम इस दिन नहीं होगा। संसदीय कार्यमंत्री मदन कौशिक के मुताबिक अनूपूरक बजट, अध्यादेश आदि सदन के पटल पर रखे जाएंगे। कोरोना वायरस को लेकर दुनिया में सबसे सस्ती कागज आधारित जांच तकनीक की खोज के बाद अब इसका इस्तेमाल देश की राजधानी में होगा। भारतीय वैज्ञानिकों ने पहली बार इस तकनीक की खोज की थी, जिसके उत्पादन के लिए टाटा कंपनी से करार किया गया। करीब डेढ़ महीने में किटों का उत्पादन करने के बाद अब इनका इस्तेमाल दिल्ली से शुरू होगा। सीएसआईआर के वैज्ञानिकों ने फेलुदा किट को तैयार किया था। इस तकनीक की मदद से आधा घंटे में कोरोना संक्रमण का पता चल सकता है। नई दिल्ली स्थित इंस्टीट्यूट ऑफ जीनोमिक्स एंड इंटीग्रेटिव बायोलॉजी (आईजीआईबी) के डॉ. अनुराग अग्रवाल ने बताया कि टाटा कंपनी से करार के बाद किट का उत्पादन शुरू किया गया। हाल ही में अपोलो ने देशभर में फैले अपने अस्पतालों में इन किट्स का इस्तेमाल करने का करार किया है। कोरोना वायरस महामारी के बीच सरकार के पेंशनधारकों को राहत देते हुए जीवन प्रमाण पत्र जमा कराने की समयसीमा 28 फरवरी 2021 तक बढ़ा दी गई है। यह जानकारी केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने रविवार को दी। आमतौर पर यह प्रमाण पत्र हर साल 30 नवंबर तक जमा कराना होता है। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि यह फैसला लोगों को कोरोना महामारी के खतरे से बचाने के लिए उठाया गया है ताकि लोग बैंकों में बड़ी संख्या में न उमड़ें। उन्होंने यह भी कहा कि 80 साल से ऊपर के पेंशनधारकों को अपना जीवन प्रमाण पत्र जमा कराने के लिए एक अक्तूबर से ही विशेष विंडो उपलब्ध कराई जा रही है।?