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राज्य
04-Sep-2020

2 KM कीचड़ में चलकर गांव पहुंचे कलेक्टर प्रदेश के कई जिलों में हुई भारी बारिश के चलते सोयाबीन की फसल को भारी नुकसान पहुंचा है. किसानों को नुकसान का उचित मुआवजा मिल सके, इसलिए कलेक्टर अपने-अपने क्षेत्रों का दौरा कर रहे हैं. राजगढ़ जिले के कलेक्टर नीरज कुमार सिंह भी खुद खेतों में जाकर किसानों की समस्याओं को सुन रहे हैं. गुरुवार को भी वे एक गांव में फसल देखने जा रहे थे, लेकिन रास्ता नहीं होने पर वे कीचड़ भरे रास्ते से ही पैदल चल दिए और किसानों की फसलों के नुकसान का आकलन किया. उनके इस कदम की सभी तारीफ कर रहे हैं. ग्वालियर (Gwalior) आए भाजपा के राज्यसभा सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया (Jyotiraditya Scindia) ने कमलनाथ के ग्वालियर दौरे पर निशाना साधा है. सिंधिया ने कहा कि कमलनाथ (Kamal Nath) ग्वालियर आ रहे हैं तो उनका अतिथि के तौर पर स्वागत करेंगे. सिंधिया ने कहा कि वो और भाजपा किसी को निपटाने का काम नहीं करते. सिर्फ विकास के लिए काम करते हैं. प्रदेश में गुरुवार को कोरोना वायरस (Coronavirus) संक्रमण के एक दिन में सर्वाधिक 1672 नए मामले सामने आए और इसके साथ ही प्रदेश में इस वायरस से अब तक संक्रमित पाये गये लोगों की कुल संख्या 68,586 तक पहुंच गयी. राज्य में पिछले 24 घंटों में इस बीमारी से 30 और व्यक्तियों की मौत (Death) की पुष्टि हुई है भ्रष्ट जिला खनिज अधिकारी प्रदीप खन्ना के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति के मामले में चल रही जांच में लोकायुक्त पुलिस ने आयकर विभाग को पत्र लिखकर यह जानकारी मांगी है कि उन्होंने बीते 10 वर्षों में कितना इनकम टैक्स रिटर्न फाइल किया है. इसके अलावा मध्य प्रदेश शासन ने खनिज साधन विभाग, इंदौर एवं श्योपुर के कलेक्टरों को पत्र लिख प्रदीप खन्ना के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति इकट्ठा करने के मामले में आवश्यक कार्रवाई करने का निर्देश दिया है. न में मानसून की दस्तक के बाद जुलाई में मानसून ब्रेक। इसके बाद अगस्त में महज 15 दिन में सीजन की 40 फीसदी बरसात होना। पिछले कुछ वर्षों में बरसात के इस तरह के लक्षण सामने आ रहे हैं। समय पर पानी नहीं बरसने पर जहां फसलें सूखने लगती हैं, वहीं अचानक भारी वर्षा से बाढ़ के हालात बनते हैं। साथ ही फसल भी तबाह हो जाती हैं। मौसम विज्ञानी इसकी वजह जलवायु परिवर्तन और प्रदूषण बता रहे हैं। मध्य प्रदेश में राम वन गमन पथ संभवतः अकेला ऐसा मुद्दा है, जो भाजपा और कांग्रेस के एजेंडे में होकर भी फाइलों में कैद है। भगवान श्रीराम के 14 साल के वनवास से जुड़ा ये पथ 16 साल से पुख्ता पहचान और निर्माण की राह देख रहा है। वर्ष 2004 में ही राज्य की भाजपा सरकार ने इससे जुड़े प्रस्ताव पर चर्चा कर ली थी। अयोध्या में श्रीराम मंदिर की नींव रखे जाने के बाद एक बार फिर चर्चा में आए इस पथ पर छह माह में काम शुरू होने का दावा किया गया है। सेंट रेफियल्स स्कूल के रवैये के खिलाफ छात्रों के अभिावकों ने गुरुवार को स्कूल परिसर में हंगामा किया। पालकों का कहना था कि डीईओ के स्पष्ट निर्देश हैं कि किसी भी छात्र को फीस नहीं देने के कारण ऑनलाइन क्लास या परीक्षा से वंचित नहीं किया जा सकता। इसके बावजूद स्कूल प्रबंधन फीस देने वाले छात्रों का अलग वाट्सएप ग्रुप बनाकर उन्हें पढ़ा रहा है। ऐसे में फीस नहीं देने वाले छात्र ऑनलाइन क्लास से वंचित हैं। मध्‍य प्रदेश में घटिया चावल कई महीनों से बांटा जा रहा था । राज्य सरकार के सूत्रों ने बताया कि फरवरी में तत्कालीन मुख्यमंत्री कमल नाथ को खुफिया शाखा ने एक जानकारी भेजी थी जिसमें बताया गया था कि मध्यप्रदेश के कई जिलों में घटिया चावल बांटा जा रहा है। पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार ने इस खुफिया रिपोर्ट को दरकिनार कर दिया था। चावल घोटाले के मामले की जांच अब ईओडब्ल्यू द्वारा की जाएगी। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने चावल घोटाले से संबंधित मामलों की समीक्षा करने के बाद यह ऐलान किया है । प्रदेश में सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत खाद्यान्न प्राप्त करने के लिए पात्र 37 लाख से ज्यादा नए उपभोक्ताओं को पात्रता पर्ची और खाद्यान्न वितरण के महाअभियान की शुरुआत अब सात सितंबर से होगी। पहले यह तीन सितंबर से प्रस्तावित था, लेकिन पूर्व राष्ट्रपति डॉ. प्रणब मुखर्जी के निधन के दिन से सात दिवसीय राष्ट्रीय शोक है। इस कारण तय किया गया है कि महाअभियान अब सात सितंबर से 15 सितंबर के बीच आयोजित किया जाएगा। संचालक खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति तरुण कुमार पिथौड़े ने बताया कि प्रदेश के सभी 52 जिलों में एक साथ खाद्यान्न पर्ची के वितरण का महाअभियान होगा। एप्पल हॉस्पिटल द्वारा कोरोना के मरीज को छह लाख का बिल देने के बाद भास्कर ने आठ अस्पतालों का स्टिंग किया। इसमें उनकी मनमानी वसूली का खुलासा हुआ। कुछ मरीजों को भी ढूंढा, जो गंभीर नहीं थे, फिर भी अस्पतालों ने उनसे लाखों रुपए वसूल लिए। कुछ तो ऐसे भी अस्पताल हैं, जो कोरोना मरीजों से मेडिकल वेस्ट के नाम पर शुल्क वसूल रहे हैं। बिलों में इसकी राशि 10 गुना तक बढ़ा दी। अस्पतालों का कहना है कि स्टाफ कम हो गया है, खर्च बढ़ गए हैं। वहीं कचरा इकट्ठा कर जलाने वाली कंपनी का कहना है कि उन्हें अस्पतालों ने चार महीने से पेमेंट ही नहीं किया। टैक्स कलेक्शन कम होने के कारण केंद्र सरकार से मिलने वाला जीएसटी कंपनसेशन (क्षतिपूर्ति) इस साल मप्र को 10 हजार करोड़ रुपए तक कम मिल सकता है। इसे देखते हुए मप्र सरकार यह विचार कर रही है कि भारतीय रिजर्व बैंक से कर्ज लेने वाले मॉडल पर आगे बढ़ा जाए। ऐसा इसलिए क्योंकि केंद्र सरकार ने राज्यों को यह विकल्प दिया है कि वे आरबीआई से कर्ज ले लें। बाद में सेस से जो पैसा मिलेगा, उससे कर्ज की भरपाई हो जाएगी।