कोरोना संकट के बीच परिवहन विभाग, अंतर्राजीय चौकियों पर जमकर ट्रक वालों से बसूली कर रहा है l वरिष्ठ अधिकारियों के संरक्षण में फलफूल रहा यह गौरखधंधा भाडे के कर्मचारियों द्वारा चलाया जा रहा है l ताजा मामला ईएमएस टीवी की पड़ताल में छिंदवाड़ा जिले सतनूर बेरियर पर सामने आया है l परिवहन विभाग के बेरियर को पार करने वाले ट्रकों को जांच के लिए रोका जाता है। वाहनों के दस्तावेज पूरे होने और लोड भी बराबर होने के बाद जजिया कर के रूप में 200 रुपये से लेकर 4000 रुपये तक अवैध रूप से मांगे जाते हैं। नहीं देने पर ट्रक को कई घंटों तक रोका जाता है उसके बाद भारी जुर्माने की धमकी दी जाती है।चौकियों पर बैठे भाड़े के कर्मचारी प्रति ट्रक 200 से 4000 रुपये तक बसूल रहे है l कोरोना काल में जरूरी सामाग्री की सप्लाई को निरंतर बनाए रखने के लिए केंद्रीय सरकार ने 31 सितम्बर तक ट्रक संचालकों को टैक्स सहित 5 मापदंडों के तहत मोटर व्हीकल एक्ट के प्रावधानों से छूट दी है। लेकिन इसी एक्ट का हवाला देकर बेरियरों पर वाहन चालको को खुले आम लूटा जा रहा है। सूत्रों की माने एक दिन में लूट के इस खेल में एक एक बेरियर से करोड़ो रुपए की अवैध कमाई हो रही है। यह कमाई ऊपर लेवल तक तक जा रही है। जिसके कारण इस पर कोई रोकथाम नहीं लग पा रही है। यह खेल छिंदवाड़ा जिले सतनूर बेरियर से भले ही सामने आया है, लेकिन अवैध वसूली का सिलसिला प्रदेश की सभी बैरियरों में जारी है। नई सरकार आने के बाद अवैध वसूली और तेज हो गई है। फर्क सिर्फ इतना है कि बरसने वाला यह धन शासन के खजाने की जगह अधिकारीयों और नेताओं की जेब में जमा हो रहा है। बैरियर में जो रसीद काटी जा रही हैं उसको लेकर भी ट्रांसपोर्टर्स द्वारा संदेह व्यक्त किया जा रहा है कि उसका पैसा सरकारी खजाने में जा रहा है या नहीं प्रत्येक बैरियर पर परिवहन विभाग के कर्मचारियों के स्थान पर आसपास के गुंडे भाड़े पर रख लिए जाते हैं जो ट्रकों की चेकिंग करते हैं रंगदारी के साथ ट्रक चालकों को धमकाकर दुर्व्यवहार करके उन्हें लूटने का काम कर रहे हैं जिसको लेकर ट्रांसपोर्टर्स में बड़ा गुस्सा है।