इछावर सरकार ने गौ-शाला निर्माण मे अरबों रुपये खर्च किए और उदघाटन समारोहों मे करोड़ों लेकिन नतीजे मे सिफर ही निकल रहा है। स्वछंद विचरण करने वाली गायों को कैदखाने मे डाल दिया गया जिसका नतीजा यह कि अब गांव-गांव से गौ-माताओं के बेमौत मारे जाने की खबर मिल रही है। ताजा मामला इछावर के ग्राम भाऊँखेड़ी का है जहां आज चार गायों की भूख के कारण आकाल मौत हो गई। इससे पहले भी तीन गाय भूख के कारण कालकवलित हो चुकी हैं। खासबात यह है कि गौ-शाला मे कुल 133 गाय हैं जिनकी सेहत देखकर आसानी से समझा जा सकता है कि रसद सामग्री की सप्लाई कैसी होगी। ग्रामीणों द्वारा सूचना देने के पश्चात प्रशासनिक अमला मौके पर पहुंचा और संचालित करने वालों को लथाड़ा भी लेकिन जो बात सामने आई वह यह कि गौ-शाला का संचालन आरंभ मे तो पंचायत के पास रहा और बाद मे महिलाओं के स्व सहायता समूह को सौंप दिया गया। समूह द्वारा संचालन ठीक से नहीं किया गया। रसद का फंड नहीं मिल पाना भी कारण रहा और इसी वजह के चलते आज फिर चार गाय कालकवलित हो गईं। सूत्रों के अनुसार गवाखेड़ा गौ-शाला के भी यही हालात है। ग्रामीणों का कहना है कि गौ-माताओं को कैद से रिहा किया जाए ताकि वह स्वच्छंद विचरण कर अपना पेट भरते हुए आकाल मृत्यु से बच सकें।