व्यापार और अर्थ जगत के समाचार. कोरोना काल में अमेरिकी दवा कंपनी के अधिकारियों ने अरबों कमाए. दुनियाभर में कोहराम मचाने वाली कोविड-19 आपदा को अमेरिकी दवा कंपनियों ने अवसर में बदल लिया. कंपनी प्रबंधन ने कंपनी के वैक्सीन बनाने की घोषणा से ठीक पहले शेयरों में हिस्सेदारी ली और बाजार में दाम चढ़ने पर बेच दिया. इससे कुछ ही दिनों के भीतर कंपनियों के अधिकारियों ने 1 अरब डॉलर (7.5 हजार करोड़ रुपये) का तगड़ा मुनाफा कमाया. न्यूयॉर्क टाइम्स के अनुसार, दक्षिणी सैन फ्रांसिस्को की छोटी सी दवा कंपनी वजार्ट ने 26 जून को एलान किया था कि जिस कोरोना वैक्सीन पर वह काम कर रही है, उसे अमेरिकी सरकार ने अपनी फ्लैगशिप योजना वार्प स्पीड में शामिल किया है. इसके बाद कंपनी के शेयर के दाम बढ़ गए. आरबीआई ने कहा बैंकों का एनपीए बढ़ेगा. आरबीआई की ओर से जारी फाइनेंशियल स्टेबिलिटी रिपोर्ट की माने तो बैंकों का एनपीए यानि गैर-निष्पादित परिसंपत्ति चालू वित्त वर्ष के अंत तक बढ़कर 12.5 फीसदी हो सकती है. बैंकों का एनपीए मार्च 2020 में साढ़े आठ फीसदी था. कोरोना वायरस की वजह से देशभर में लगाए गए लॉकडाउन से बिजनेस काफी प्रभावित हुए हैं और बैंकों की हालत खराब हुई है. रिपोर्ट के मुताबिक बहुत गंभीर दबाव वाली स्थितियों की राशि के कारण एनपीए मार्च 2021 तक 14.7 फीसदी तक जा सकता है. स्ट्रीट वेंडर्स के लिए प्रधानमंत्री आत्मनिर्भर निधि. कोरोना आपदा से प्रभावित स्ट्रीट वेंडर्स (रेहडी-पटरी) वालों को राहत देने के लिए केंद्र सरकार ने प्रधानमंत्री स्ट्रीट वेंडर आत्मनिर्भर निधि (पीएम स्व निधि) नाम से योजना शुरू की है. इस योजना के तहत रेहडी-पटरी वालों को 10 हजार रुपए तक का लोन बिना गारंटी दिया जाता है. इस योजना के तहत लोन लेने के लिए अब तक 2.6 लाख आवेदन आ चुके हैं. इसमें से 64 हजार आवेदनों को मंजूरी मिल चुकी है, जबकि 5500 मामलों में रुपए दिए जा चुके हैं. सभी बचत योजनाओं के लिए खाता खोलेंगे डाकघर. अब ग्रामीण इलाकों में डाक विभाग के सभी शाखा कार्यालयों में डाकघर सभी बचत योजनाओं के लिए खाता खुलवा सकेंगे. अभी तक इन स्कीम्स के तहत अकाउंट पोस्ट ऑफिस की शहरी शाखाओं में ही खुलवाया जा सकता था। ये सुविधा मिलने के बाद ग्रामीण लोगों को शहर नहीं जाना पड़ेगा. ऑनलाइन किराना ग्रोफर्स आईपीओ लाएगा. अन्य कंपनियों की तरह सॉफ्टबैंक के समर्थन वाले ऑनलाइन किराना स्टोर ग्रोफर्स ने अगले साल के अंत तक इनिशियल पब्लिक इश्यू (प्च्व्) लाने की योजना बनाई है. इससे पहले कंपनी की योजना 2022 में आईपीओ लाने की थी, लेकिन कोरोनावायरस महामारी के दौरान उसके कारोबार में तेजी और मुनाफे में बढ़ोतरी के कारण इसे पहले लाने का फैसला लिया गया है. रेलवे के पास नहीं है पेंशन देने का पैसा. कोरोना को काबू करने के लिए लगाए गए लॉकडाउन के कारण सभी ट्रेनों का संचालन रोक दिया गया था जिससे रेलवे की माली हालत खस्ता हो गई है. रेलवे पर कोरोना का इतना नकारात्मक असर पड़ा है कि रेलवे के पास अब अपने कर्मचारियों और अधिकारियों को पेंशन देने लायक राशि नहीं बची है. एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक रेल मंत्रालय ने केंद्रीय वित्त मंत्रालय से चिट्ठी लिखकर तत्काल हस्तक्षेप की बात कही है. अब सरसों, गेहूं और मक्का की ट्रेडिंग होगी. नेशनल कमोडिटी एंड डेरिवेटिव्स एक्सचेंज अर्थात एनसीडीईएक्स आज से सरसों, गेहूं और मक्का में विकल्प सौदों की शुरुआत करेगा. इसके तहत इन तीनों वस्तुओं में अक्टूबर और नवंबर एक्सपायरी वाले कॉन्ट्रैक्ट 27 जुलाई से एक्सचेंज में ट्रेडिंग के लिए उपलब्ध रहेंगे. रविवार को एक वेबीनार में एनसीडीईएक्स ने यह जानकारी देते हुए कहा कि एनसीडीएक्स देश का पहला ऐसा एक्सचेंज बन जाएगा जो कृषि उत्पादों में विकल्प सौदों की शुरुआत करेगा. अलीबाबा को साइबर क्राइम में समन. गुरुग्राम की एक अदालत ने चीन की कंपनी अलीबाबा और उसके फाउंडर जैक मा समेत दर्जनों कर्मचारियों को साइबर टेररिज्म - जासूसी के आरोप में समन भेजा है. कंपनी के एक पूर्व एसोसिएट डायरेक्टर ने आरोप लगाया है कि कंपनी अपने यूसी ब्राउजर ऐप के जरिए झूठे समाचार फैला रही थी, उसने आपत्ति जताई तो उसे निकाल दिया गया. शिकायत के अनुसार चीनी कंपनी जासूसी समेत 13 अवैध गतिविधियों में लिप्त थी. ग्रामीण कामगारों की स्किल मैपिंग. देश में उन्नत भारत अभियान के तहत अगले महीने से करीब 14,000 गांव में कामगारों की स्किल सर्वे का काम शुरू हो रहा है. सर्वे की जिम्मेदारी कॉलेज शिक्षक और छात्र उठाएंगे. इसमें कोरोना काल में लौटे श्रमिकों का डेटाबेस तैयार होगा. इस आधार पर पता चलेगा कि कामगार के लिए गांव में मौजूदा काम की संभावना क्या है. जिन कामगारों के अपग्रेड होने की संभावना होगी उन्हें प्रशिक्षण देकर गांव में ही काम दिया जाएगा. कारपोरेट में महिलाओं की भागीदारी बढ़ी. जिनोव - इंटेल की स्टडी के मुताबिक भारत के कारपोरेट जगत में महिलाओं की भागीदारी 30ः पर पहुंच गई है जो 2014 में 21ः थी. गैर तकनीकी क्षेत्र में महिलाओं का प्रतिनिधित्व 31ः और तकनीकी क्षेत्र में 26ः है. रिपोर्ट के अनुसार बेंगलुरु, मुंबई जैसे टियर - 1 शहरों में महिलाओं का प्रतिनिधित्व 31 और टियर - 2, टियर - 3 शहरों में 25ः है. पहली बार उच्च शिक्षा के मामले में महिलाओं की भागीदारी पुरुषों से अधिक है. महिलाओं की भागीदारी इंजीनियरिंग में 40 और एमबीबीएस में 50ः पार कर चुकी है.