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राज्य
09-Jul-2020

उत्तरप्रदेश के बिकरु गांव में 8 पुलिसवालों की हत्या के बाद फरार चल रहे 5 लाख के मोस्ट वांटेड विकास दुबे को गुरुवार सुबह उज्जैन के महाकालेश्वर मंदिर से पकड़ लिया गया है। इतनी बड़ी वारदात के बाद यूपी पुलिस की 100 से ज्यादा टीमें विकास को तलाश रही थीं। लेकिन विकास दुबे की महाकाल मंदिर में बेहद नाटकीय ढंग से हुई गिरफ्तारी ने मध्यप्रदेश और उत्तरप्रदेश पुलिस सिस्टम पर सवाल कई खड़ा कर दिए है l विकास की गिरफ्तारी के बाद यह सवाल और जोर पकड़ रहे हैं कि यूपी पुलिस का इतना लंबा चौड़ा अमला आखिर विकास को गिरफ्तार क्यों नहीं कर पाया? विकास कैसे इन छह दिनों कई राज्यों की सीमाएं नापता रहा? विकास वारदात के बाद ही घर के पीछे खड़ी बाइक से भागा विकास दो दिनों तक कानपुर में ही शिवली में ही दोस्त के घर ठहरा रहा। लेकिन यूपी एसटीएफ और 40 थानों की पुलिस उसका कोई सुराग नहीं लगा सकी। इसके बाद विकास कानपुर से 92 किमी दूरी तय कर औरैया पहुंचा। जहां वह मौरंग लदे ट्रक में सवार हो गया था, ताकि उसका पुलिस से सामना न हो सके। उसके बाद वह 385 किमी की दूरी तय कर फरीदाबाद पहुंच गया। सोमवार की दोपहर 3:19 बजे उसकी आखिरी लोकेशन फरीदाबाद मिली थी। पुलिस टीम कई राज्यों में विकास की तलाश का दावा कर रही थी, लेकिन सफलता नहीं मिली। इसके बाद विकास फरीदाबाद में एक सीसीटीवी फुटेज में नजर आता है। लेकिन उसके 17 घंटे बाद वह गुरुवार सुबह 8:45 बजे 773 किमी दूर उज्जैन में पकड़ा गया। कानपुर से फरीदाबाद और उसके बाद उज्जैन तक उसने करीब 1250 किमी की दूरी तय की। लेकिन इस बीच पुलिस उसे तलाश नहीं सकी। सवाल यह भी उठता है कि कोरोना के कारण इस समय पब्लिक ट्रांसपोर्ट अभी पूरी तरह से चालू नहीं है तो विकास कैसे एक राज्य से दूसरे राज्य में जा रहा था। क्या विकास को कोई गाड़ी उपलब्ध थी, जिससे वह फरीदाबाद से उज्जैन 17 घंटों में पहुंच जाता है। इन सवालों के जवाब पुलिस के पास नहीं है। लेकिन, अब विकास की मध्य प्रदेश में नाटकीय गिरफ्तारी पुलिस के पूरे तंत्र को कठघरे में खड़ा कर रही है। दिल्ली, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश और हरियाणा बॉर्डर पर सघन तलाशी का दावा क्या सिर्फ हवाई था। इसके अलावा जिस तरह से उज्जैन में विकास की नाटकीय गिरफ्तारी हुई उसके सियासी संरक्षण की बात और पुख्ता हो रही है। विकास दुबे के सरेंडर करने के बाद लखनऊ में पुलिस ने दो वकीलों को हिरासत में लिया है। दोनों वकीलों से पुलिस पूछताछ कर रही है। दोनों वकील निजी गाड़ी से उज्जैन आए थे और फिर लखनऊ वापस पहुंचे थे। इनके और विकास के कनेक्शन की जांच की जा रही है। विकास दुबे की गिरफ्तारी के बाद यूपी-एमपी की सियासत में भूचाल आ गया है। गिरफ्तारी की सूचना फैलने के साथ ही तरह-तरह के सवाल उठने लगे। सोशल मीडिया भी पक्ष-विपक्ष के आरोपों से पट गई। सत्ता पक्ष से जुड़े नेता इसे अपनी कामयाबी बता रहे हैं तो विपक्ष राजनीतिक सरेंडर करार देकर सरकार को कठघरे में खड़ा कर रहा है। यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव और मध्पप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पीसी शर्मा ने भी सवाल उठाए हैं।