मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के मंत्रिमंडल का पहला विस्तार गुरुवार को हो गया। गोपाल भार्गव, विजय शाह, जगदीश देवड़ा, बिसाहूलाल सिंह, यशोधरा राजे सिंधिया, भूपेंद्र सिंह, एंदल सिंह कंसाना और बृजेंद्र प्रताप सिंह कैबिनेट मंत्री पद की शपथ ली। विश्वास सारंग, इमरती देवी, प्रभुराम चौधरी, महेंद्र सिंह सिसोदिया, प्रद्युम्न सिंह तोमर, प्रेम सिंह पटेल, ओम प्रकाश सकलेचा, उषा ठाकुर, अरविंद सिंह भदौरिया, डॉ. मोहन यादव, हरदीप सिंह डंग और राज्यवर्धन सिंह ने भी कैबिनेट मंत्री पद की शपथ ली। इसके बाद भारत सिंह कुशवाह, इंदर सिंह परमार, रामखिलावन पटेल, रामकिशोर कांवरे, बृजेंद्र सिंह यादव, गिर्राज दंडोदिया, सुरेश धाकड़ और ओपीएस भदौरिया ने राज्यमंत्री के रूप में शपथ ली। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की नई टीम में सिंधिया समर्थक पूर्व विधायक फायदे में रहे हैं। गुरुवार को 28 मंत्रियों ने शपथ ली। इनमें 9 सिंधिया खेमे से हैं। 2 मंत्री पहले शपथ ले चुके हैं। बीते 100 दिन में सिंधिया समर्थकों और कांग्रेस से भाजपा में आए नेताओं को सबसे ज्यादा फायदा हुआ है। कमलनाथ सरकार में 6 मंत्री सिंधिया समर्थक थे। शिवराज सरकार में 11 मंत्री सिंधिया कोटे से हैं। इसके अलावा, कांग्रेस छोड़कर आए 3 नेता भी आज मंत्री बनाए गए। मध्यप्रदेश में शिवराज मंत्रिमंडल के विस्तार कार्यक्रम के बाद नए कैबिनेट की पहली बैठक हुई। इसमें मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मंत्रियों को खरी-खरी सुनाई है । शिवराज ने कहा कि कोरोना काल चल रहा है कोई भी मंत्री जनता से स्वागत न कराए और न ही भीड़ करें। अब न मैं चैन से बैठूंगा और न ही आप सबको चैन से बैठने दूंगा।इसके पहले बैठक की शुरुआत भगवान गणेश के श्लोक- 'वक्रतुंड महाकाय' के साथ हुई। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सभी को बधाई देते हुए कहा- जो काम प्रदेश की भलाई के लिए हो वो निर्विध्न पूरे हों। भाजपा के राज्यसभा सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया ने राजभवन में शपथ समारोह के बाद मीडिया से बातचीत की। उन्होंने कांग्रेस का नाम लिए बगैर कहा- 24 सीटों पर होने वाले विधानसभा उपचुनाव होने हैं, मेरी जनता 15 महीने की भ्रष्टों की सरकार को जवाब देगी। न्याय के रास्ते पर चलना हम सबका धर्म है। अगर उसके लिए युद्ध भी करना पड़े तो ज्योतिरादित्य सिंधिया हमेशा पहली पंक्ति में खड़ा रहेगा। सिंधिया ने यह भी कहा- ‘अब मैं देख रहा हूं कि पिछले दो महीने से ये लोग (कांग्रेस) लोग चरित्र को धूमिल करने की कोशिश कर रहे हैं। मैं इन्हें कहना चाहता हूं कि टाइगर अभी जिंदा है।’ राज्यसभा सांसद बनने के बाद पहली बार भोपाल आए सिंधिया ने शपथ ग्रहण कार्यक्रम में हिस्सा लिया। वह भोपाल के दो दिन के दौरे पर आए हैं। पूर्व मुख्यमंत्री एवं कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ ने मंत्रिमंडल विस्तार के बाद प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि लोकतंत्र के इतिहास में मध्यप्रदेश का मंत्रिमंडल ऐसा मंत्रिमंडल है, जिसमें कुल 33 मंत्रियो में से 14 वर्तमान में विधायक ही नहीं है। यह संवैधानिक व्यवस्थाओं के साथ बड़ा खिलवाड़ है। प्रदेश की जनता के साथ मज़ाक है। शिवराज मंत्रिमंडल विस्तार पर पूर्व मंत्री जीतू पटवारी ने तंज कसा है। उन्होंने कहा कि मध्य प्रदेश में जयचंदों को ज्यादा अवसर दिया जा रहा है, इससे मर्यादा रहित राजनीति करने का भाव खत्म हो जाएगा। ऐसे लोगों को सबक सिखाना चाहिए, जो इधर से चुनाव जीतते हैं, खरीदते, बिकते हैं और उधर चले जाते हैं। इन्होंने दल बदला तो इन्हें सजा मिलनी चाहिए। मैं शिवराजजी से कहना चाहूंगा कि अपनी पार्टी के वफादार लोगों को मौका दीजिए। इनका भरोसा नहीं है, ये कब कहां चले जाएं। हमें 40 साल बाद छोड़कर चले गए, आपको भी छोड़ देंगे। मंत्रिमंडल में नाम ना पाकर कई विधायकों के कार्यकर्ता दुखी और गुस्से में हैं। इंदौर के दो नंबर क्षेत्र से विधायक रमेश मेंदोला को मंत्री नहीं बनाने पर जहां एक समर्थक ने आत्मदाह की कोशिश की। वहीं, कई ने सड़क पर उतरने और पार्टी छोड़ने तक की बात कह डाली है। पूर्व मुख्यमंत्री एवं राज्यसभा सदस्य दिग्विजय सिंह अपने ट्वीट को लेकर एक बार फिर सुर्खियों में हैं। इस बार वे प्रधानमंत्री के बारे में ट्वीट कर ट्रोलर्स के निशाने पर आ गए। दिग्विजय का यह ट्वीट काफी वायरल हो रहा है और लोग उसमें तरह-तरह के कमेंट्स लिख रहे हैं। दिग्विजय सिंह एक बार फिर गुरुवार को ट्वीट कर ट्रोलर्स के निशाने पर हैं। ताजा ट्वीट में उन्होंने लिखा है कि अहं और अहंकार ने रावण की लंका जला दी और दुर्योधन के अहं और अहंकार ने महाभारत का युद्ध करा दिया। यहीं अहं और अहंकार आज मोदीजी में नजर आ रहा है। दिग्विजय सिंह ने अपने ट्वीट में आरएसएस प्रमुख () मोहन भागवत से अपील कर डाली कि वे मोदीजी को नियंत्रित करें। दिग्विजय ने यह ट्वीट दो जुलाई को किया है। पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग में विकास के लिए जिला व जनपद पंचायतों के खाते में जमा करोड़ों की राशि को सरकार ने वापस मांगा लिया है। जिससे जिला व जनपद स्तर पर लगभग 50 करोड़ रुपए से अधिक की राशि राज्य सरकार के खाते में सरेडर करने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। सभी मदों की राशि राजीव गांधी पंचायत साक्तिकरण अभियान के खाते में जमा करना है। पंचायतों में जमा राशि सरकार के वापस मांगे जाने से करोड़ों का विकास कार्य प्रभावित होंगे।अपर मुख्य सचिव मनोज श्रीवास्तव ने मुख्य कार्य पालन अधिकारी जिला पंचायत को पत्र भेजकर कहा है कि जिला व जनपद पंचायत स्तर पर विभिन्न मदों की राशि राशि जमा है जिनका उपयोग नहीं किया जा रहा है। ऐसी राशि को राज्य स्तर पर पंचायत सशक्तिकरण पूल खाता में संधारित किया गया है। राशि को खाते में भेजकर सूचित करें। आदेश आने के बाद लेखाधिकारियों की माथापच्ची बढ़ गई है। मध्यप्रदेश में कोरोनावायरस पिछले 24 घंटे में थोड़ा ज्यादा खतरनाक नजर आ रहा है। 7844 सैंपल में से 245 पॉजिटिव निकले। यह औसत 3.12% है और यह काफी चिंता की बात है। मध्यप्रदेश में यह औसत लंबे समय से 2% के आसपास चल रहा है। भोपाल में सबसे बड़े सरकारी हमीदिया अस्पताल के कोविड वार्ड के तीन वेंटिलेटर में तकनीकी खराबी के कारण ऑक्सीजन की सप्लाई में कमी आ गई, जिससे मरीजों को घबराहट होने लगी। इस पर वार्ड ब्वॉय ने चिल्लाना शुरू कर दिया और अफरा-तफरी मच गई। इसके बाद तकनीकी टीम ने जांच की। इस बीच एम्स की टीम को बुला लिया गया। एम्स की टीम ने कोविड सेंटर के साथ सभी फ्लोर पर जाकर ऑक्सीजन की सप्लाई की जांच की। एक घंटे की मशक्कत के बाद तीनों वेंटिलेटर पर सप्लाई का प्रेशर तय मानक के अनुसार चालू हो गया। मध्य प्रदेश में भले ही अभी उपचुनाव की तारीखों का ऐलान नहीं हुआ है। लेकिन ऐलान से पहले ही सरकार के खिलाफ अतिथि शिक्षकों, अतिथि विद्वानों और पटवारियों ने मोर्चा खोल लिया है। दरअसल इनका कहना है कि पिछले विधानसभा चुनाव में हार के बाद विपक्ष में रही भाजपा सत्ता में वापसी के बाद से अतिथि विद्वानों अतिथि शिक्षकों और पटवारियों से किए हुए अपने वादे को भूल गई है। उस वादे को याद दिलाने अब प्रदेश भर में अतिथि शिक्षकों, अतिथि विद्वानों और पटवारियों ने सरकार के खिलाफ हल्ला बोल दिया है। प्रदेश भर में अतिथि शिक्षक सालों से नियमितीकरण की बाट जोह रहे हैं। अतिथि शिक्षकों की ना तो कांग्रेस ने और ना ही भाजपा ने सुध ली है। भाजपा जब विपक्ष में थी तब अतिथि शिक्षकों को नियमित करने के आश्वासन भी किए थे। लोकायूक्त टीम ने समयमान वेतनमान की एरियर राशि निकालने के ऐवज मे विकासखंड शिक्षा अधिकारी कार्यालय, भीमपुर, जिला बेतूल मे पदस्थ बाबू को 15 हजार की रिश्वत की रकम लेते हुए रंगे हाथो दबोचा है। लोकायूक्त अफसरो ने जानकारी देते हुए बताया कि 24 जून को आवेदक किरण लाल इब्ने, सहायक शिक्षक, प्राथमिक शाला, गुल्लरढाना जिला बेतूल ने पुलिस अधीक्षक लोकायुक्त को लिखित शिकायत करते हुए बताया कि उसके वेतन ग्रेड पे तथा समयमान वेतनमान की एरियर की रकम निकालने के ऐवज मे विकासखंड शिक्षा अधिकारी कार्यालय, भीमपुर, जिला बेतूल मे पदस्थ बाबू विनोद राठौर द्वारा पहले 15 रुपए की एक किश्त ओर उसके बाद 2 किश्तों मे 15-15 हजार रुपए और बाद मे एरियर राशि मे से 40 परसेंट रिश्वत की मांग की जा रही है। प्रदेश सरकार से अनुमति मिलने के बाद भी बस संचालन नहीं किया जा रहा है। इसका कारण डीजल की कीमतों में बेतहाशा बढ़ोतरी और कोरोनाकाल में हुए नुकसान के चलते पुराने किराया शुल्क पर बसों का संचालन घाटे का सौदा बताया जा रहा है। इसके चलते मालिकों ने बसों के किराए में 55 फीसदी की बढ़ोतरी करने की मांग रखी है। बस मालिकों का कहना है कि जब तक किराए में बढ़ोतरी की अनुमति नहीं दी जाती तब तक बसों का संचालन नहीं किया जाएगा। शराब का अवैध परिवहन करने के अपराध में पकड़े गए दो आरोपियों को जमानत का लाभ लेने के लिए मप्र हाईकोर्ट की इंदौर खंडपीठ ने अनोखी शर्त रखी है। कोर्ट ने कहा है कि यदि दोनों आरोपी 5-5 लीटर अच्छी क्वालिटी का सैनिटाइजर और 200-200 मास्क का दान करते हैं तो उन्हें जिला कोर्ट में 40-40 हजार रुपए की जमानत और इतनी ही राशि का मुचलका पेश करने पर जमानत दी जाएगी।