Hindi News Agency,Public Search Engine, Public directory - Express Media Service
राष्ट्रीय
21-Apr-2020

आईएमएफ इंटरनेशनल मॉनेटरी फंड की जो नई रिपोर्ट आई है उसके अनुसार पूरे विश्व की अर्थव्यवस्था माइनस 3 वार्षिक की रफ्तार से आगे बढ़ेगी। वैश्विक स्तर पर जीडीपी में गिरावट आएगी। वर्तमान में विश्व की विकास दर 2.9 फ़ीसदी आगे बढ़ रही थी। जो अब 3 फ़ीसदी माइनस में चली जाएगी। अमेरिका की विकास दर माइनस 5.9 जर्मनी की - 7 फ्रांस की, 7.2 इटली की - 9.1 ब्राजील - 5.3 दक्षिण अफ्रीका - 5.8 की विकास दर होगी उसकी तुलना में भारत की अर्थव्यवस्था 1.9 फ़ीसदी और चीन की अर्थव्यवस्था 1.2 फ़ीसदी की दर से आगे बढ़ेगी सारी दुनिया के देशों में 1930 के बाद सबसे बड़ी आर्थिक मंदी के हालात बन गए हैं विकसित देशों के ऊपर आर्थिक भार बहुत ज्यादा बढ़ गया है कर्ज और राजकोषीय घाटा ज्यादा होने से कोरोनावायरस का जो संकट सामने आया है उसके बाद वैश्विक मंदी की सबसे खराब चपेट में विकसित राष्ट्र आ रहे हैं आर्थिक विशेषज्ञों के अनुसार अमेरिका जर्मनी फ्रांस इटली ब्राजील जैसे दर्जनों देश आर्थिक रूप से दिवालियापन की कगार पर खड़े हो गए हैं कोरोनावायरस के कारण यह लॉक डाउन कुछ माह और चला तो आर्थिक दिवालियापन से विकसित राष्ट्र भी नहीं बच पाएंगे आर्थिक और बेरोजगारी के कारण सारी दुनिया के देश 90 साल बाद आर्थिक बदहाली का सामना करेंगे। वर्तमान में लगभग सभी देशों की सरकारों के ऊपर संस्थाओं और व्यक्तियों के ऊपर भारी कर्ज है। यह पहली बार हुआ है। जब सभी अर्थव्यवस्था कर्ज के बोझ से दबी हुई हैं। सबसे बड़ी चिंता की बात यह है कि संयुक्त राष्ट्र संघ सुरक्षा परिषद और डब्ल्यूएचओ जैसी संस्थाएं कमजोर पड़ गई हैं। विश्व बैंक और एशियाड बैंक जैसे वित्तीय संस्थान भी आर्थिक मंदी के इस दौर में अपना अस्तित्व किस तरह बनाए रखेंगे। इसको लेकर अनिश्चितता का माहौल सारी दुनिया में देखने को मिल रहा है। राजनीतिक और आर्थिक विशेषज्ञों के अनुसार सारी दुनिया एक बार फिर 100 साल पुराने संकट के दौर में जाती हुई दिख रही है। भारत का नेतृत्व यदि भारत की बड़ी आबादी और भारतीय संसाधनों का बेहतर ढंग से उपयोग करने के लिए नीतियों में व्यापक बदलाव करें. ऐसी स्थिति में कोई आश्चर्य नहीं है, कि आने वाला समय भारत के लिए आर्थिक, सामरिक और सामाजिक दृष्टिकोण से विश्व गुरु बनने का समय है। कोरोनावायरस और आर्थिक मंदी ने भारत के लिए एक नया अवसर पैदा किया है। इसके लिए वर्तमान सरकार को अपने राजनीतिक एवं आर्थिक सोच में परिवर्तन लाने की जरूरत है।