1 मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ ने प्रशासन अकादमी में आईएएस सर्विस मीट के शुभारंभ पर कहा कि ऐसे आईएएस अधिकारी जो अपनी सेवा यात्रा की शुरुआत कर रहे हैं वह चिंतन करें कि प्रदेश को कहां देखना चाहते हैं. 2 ग्वालियर पूर्व से कांग्रेस विधायक मुन्नालाल गोयल ने विधानसभा में मुख्यमंत्री को संबोधित पत्र संसदीय कार्य मंत्री को सौंपकर सदन से बहिर्गमन किया. उन्होंने पत्र में लिखा कि कांग्रेस वचन पत्र में भूमिहीनों को जमीन का पट्टा देने का वचन दिया गया था लेकिन पालन होने में देरी हो रही है. 3 मध्यप्रदेश में निकाय चुनाव से पहले 5007 कालोनियों को वैध किया जाएगा. इस संबंध में नगरीय प्रशासन मंत्री जयवर्धन सिंह कानून बनाने की घोषणा पहले ही कर चुके हैं. भोपाल में ऐसी 350 से ज्यादा कालोनियां हैं. 4 मुख्यमंत्री कमलनाथ के घपले घोटाले वाले हाउसिंग सोसायटी को सरकारी नियंत्रण में लेने के बयान के बाद शुक्रवार को सहकारिता मंत्री गोविंद सिंह ने विभाग के अधिकारियों की बैठक ली और निर्देश दिए कि गड़बड़ी करने वाली किसी भी सोसाइटी को बख्शा नहीं जाए, सभी पर एक जैसी कार्रवाई हो. 5 कांग्रेस महासचिव ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा है कि एक व्यक्ति एक पद उनका विषय नहीं है. उन्होंने कहा कि वह किसी पद की दौड़ में शामिल नहीं हैं जो भूमिका दी जाएगी उसका निर्वहन करेंगे. 6 भारतीय जनता पार्टी में प्रदेश अध्यक्ष का चुनाव 2 माह तक टल सकता है. पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि इसके लिए इंतजार कीजिए. वैसे वर्तमान अध्यक्ष राकेश सिंह फिर से अध्यक्ष बन सकते हैं. 7 व्यापमं के पूर्व परीक्षा नियंत्रक सुधीर सिंह भदोरिया से एसटीएफ ने शुक्रवार को पूछताछ की है. एसटीएफ व्यापमं से जुड़ी 197 शिकायतों की जांच कर रही है जो भदौरिया के कार्यकाल के दौरान की हैं. हालांकि भदौरिया का कहना है कि उन्होंने अपने कार्यकाल में पारदर्शिता बरती है. 8 वहीं जबलपुर के नेहरू नगर में अपने माता पिता के बीच सो रही 22 माह की बच्ची देविका को गुरुवार रात कोई उठाकर ले गया. देविका के माता-पिता का घर अतिक्रमण में तोड़ दिया गया था. अस्थाई दीवार बनाकर वे सो रहे थे जिसे ईंट हटाकर कुछ लोग भीतर घुसे और बच्ची को ले गए. 9 अल इंडिया इंस्टिट्यूट अफ मेडिकल साइंस भोपाल में कमीशन का खुला खेल चल रहा है. इसमें यहां के डक्टर और उनके एजेंट शामिल हैं. सर्जरी के दौरान लगने वाले इंप्लांट मनचाही जगहों से बुलाए जाते हैं. सर्जरी में कितना पैसा लगेगा यह भी डक्टर सर्जरी के बाद बताते हैं और पैसा नहीं मिलने पर मरीजों पर धमकाकर दबाव बनाया जाता है. 10 एक तरफ तो मुख्यमंत्री कमलनाथ ने एसिड की खुली बिक्री पर रोक लगाने के निर्देश दिए हैं, दूसरी तरफ भोपाल में ही किराना दुकान से लेकर अन्य दुकानों में आसानी से खुले में एसिड उपलब्ध है. पैसे देने पर कहीं भी एसिड आसानी से खरीदा जा सकता है. 2016 में एसिड खरीदी के लिए एसडीएम से अनुमति लेना जरूरी कर दिया गया था लेकिन 4 सालों में किसी ने भी एसिड खरीदी के लिए परमिट जारी नहीं किया. फिर भी लाखों का एसिड डेली बिकता है.