2019 का साल मध्यप्रदेश के लिए खुशियां लेकर आया तो वहीं दूसरी ओर गम भी साथ लाया। जहां मध्यप्रदेश में 15 साल का वनवास कर सत्ता में आई कांग्रेस की कमलनाथ सरकार ने कई अच्छे काम किए तो वहीं प्राकृतिक आपदा से प्रदेश में आपत्ति आई । साल 2019 जाने वाला है, आज हम कुछ अच्छी तो कुछ बडी़ खबरे आपको बताने जा रहे है जिन्होने इस साल सुर्खियां बटोरी । किसानों के हित का रहा साल मुख्यमंत्री के रुप में कमल नाथ की नेतृत्व वाली नई सरकार ने 2 लाख रुपए तक के कृषि ऋण माफ करने का अपना पहला साहसिक निर्णय लिया। नतीजतन, 20 लाख किसानों को अब तक राहत मिल गई है बाकी को राहत मिलना जारी है। 100 रुपये तक बिजली बिल वहीं बिजली उपभोक्ताओं को भी मंत्री-मंडल ने एक नई सौगात दी। कुल 100 यूनिट तक की खपत पर 100 रुपये तक बिजली बिल देने, 150 यूनिट बिजली जलने पर 50 यूनिट पर निर्धारित बिजली दर लेने और 100 यूनिट पर 100 रुपये का फिक्स चार्ज लेने का फैसला लिया गया। इससे गरीबों के साथ ही मध्यम वर्ग को बड़ी राहत मिली। पिछड़ों को 27 प्रतिशत आरक्षण प्रदेश की आधी से अधिक आबादी पिछड़े वर्ग को 27 प्रतिशत आरक्षण देने का फैसला लिया गया। आर्थिक रूप से कमजोर सामान्य वर्ग के लिये 10 प्रतिशत आरक्षण को मंजूरी दी गई। माफियाओं के खिलाफ जंग 2019 का साल याद रहेगा प्रदेश में हुई भीषण बारिश माफिया के खिलाफ छेड़ी गई सबसे बड़ी मुहिम के लिए । इंदौर में मानव तस्करी समेत 50 से ज्यादा मामलों के आरोपी होटल माय होम के संचालक जीतू सोनी के अवैध साम्राज्य पर पुलिस प्रशासन समेत नौ विभागों के 50 अफसरों ने कार्रवाई की जीतू के छह से ज्यादा अवैध निर्माण तोड़े गए।वहीं पूरे प्रदेश में 100 से ज्यादा माफिया के खिलाफ कार्रवाई हुई इसमें भोपाल इंदौर जबलपुर ग्वालियर सागर मंदसौर सहित अनेक जिलों में भूमाफिया और गुंडे बदमाशों के अवैध निर्माण तोड़े गए । मैग्नीफिसेंट एमपी का आयोजन वहीं प्रदेश में निवेश के लिए अक्टूबर में पहली बार मैग्नीफिसेंट एमपी का आयोजन हुआ इसमें एमओयू के बजाय पहली बार सीधे तौर पर रोजगार पर फोकस किया गया 74 हजार करोड़ रुपए के निवेश प्रस्ताव पर मुहर लगी । बारिश ने अपना रौद्र रूप दिखाया मैग्नीफिसेंट एमपी के अलावा इस साल सितंबर में प्रदेश में आई बाढ़ ने ऐसी तबाही मचाई कि लोगों के सपने उनकी आंखों के सामने बिखर गए । प्रदेश को करीब 16 हजार करोड़ रुपए का नुकसान हुआ इस साल मध्य प्रदेश में बारिश ने अपना रौद्र रूप दिखाया । मंदसौर नीमच और रतलाम के साथ चंबल जिलों में बाढ़ ने भयंकर तबाही मचाई । प्रदेश के कई बांधों के गेट कई बार खोलने पड़े । बाढ़ के कहर से करोड़ो रुपए का नुकसान हुआ। 225 लोग और 1400 मवेशी मारे गए । 11 सौं किलोमीटर की सड़के बर्बाद हुई। 1700 पुल पुलिया क्षतिग्रस्त हुए और 1लाख मकानों को इस बारिश से नुकसान हुआ । इंदौर आई हॉस्पिटल की लापरवाही वहीं इंदौर आई हॉस्पिटल में मोतियाबिंद के ऑपरेशन के बाद 11 लोगों की आंखों की रोशनी चली गई दो पीड़ितों की एक एक आंख निकालने पड़ी आंख निकालने पड़ी । कॉर्न फेस्टिवल का आयोजन कॉर्न सिटी के नाम से मशहूर छिंदवाड़ा में दिसंबर में दो दिवसीय कॉर्न फेस्टिवल का आयोजन किया गया। इस आयोजन के जरिए कॉर्न सिटी छिंदवाड़ा के मक्के और शहर की इंटरनेशनल ब्रांडिग की गई। जिसमें मक्के से बनी 50 से ज्यादा स्वादिष्ट डिशेस लोगों के सामने पेश की गई। इस आयोजन में देशभर से आए मक्का विशेषज्ञ किसानों को खेती को उन्नत बनाने की जानकारी दी गई है। हालांकि छिंदवाड़ा में इस फेस्टिवल का दूसरी बार आयोजन किया गया लेकिन यह संभवतः देश का पहला फेस्टिवल था जो कॉर्न पर केंद्रित था।