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राज्य
15-Dec-2019

प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री कमल नाथ छिंदवाड़ा स्थित ईमलीखेड़ा हवाई पट्टी पहुंचे। मुख्यमंत्री श्री नाथ के साथ प्रदेश के लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी एवं जिले के प्रभारी मंत्री श्री सुखदेव पांसे, आदिम जाति कल्याण मंत्री श्री ओमकार सिंह मरकाम और किसान कल्याण तथा कृषि विकास मंत्री श्री सचिन सुभाष यादव भी छिन्दवाड़ा पहुंचे। मुख्यमंत्री श्री नाथ के हवाई पट्टी ईमलीखेड़ा पहुंचने पर सांसद श्री नकुल नाथ और प्रदेश के लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी एवं जिले के प्रभारी मंत्री श्री सुखदेव पांसे ने उनकी अगवानी करते हुये पुष्प गुच्छों से आत्मीय अभिनंदन किया। मुख्यमंत्री श्री कमल नाथ ने कॉर्न सिटी छिंदवाड़ा में फूड जोन और प्रियदर्शनी स्टाल का उद्धाटन कर दो दिवसीय कॉर्न फेस्टिवल का शुभारंभ किया l इस अवसर पर सांसद नकुल नाथ विशिष्ट अतिथि के तौर पर उपस्थित थे l दो दिवसीय राज्य-स्तरीय कॉर्न फेस्टिवल में प्रदेश के सभी जिलों से पहले दिन छिंदवाड़ा पहुँचे किसानों ने एक-दूसरे से अपने अनुभव साझा किये। इसके साथ ही किसानों को विशेषज्ञ वैज्ञानिकों ने महत्वपूर्ण जानकारी दी l . मुख्यमंत्री श्री कमल नाथ ने छिन्दवाड़ा में नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ इन्फार्मेशन टेक्नालॉजी (NIIT) में विद्यार्थियों को प्रमाण-पत्र प्रदान करते हुए कहा कि आज के प्रतिस्पर्धा के जमाने में युवाओं को किसी न किसी क्षेत्र का प्रेक्टिकल ज्ञान होना जरूरी है। श्री कमल नाथ ने कहा कि जीवन में सफलता हासिल करने के लिये रोज ज्ञान में वृद्धि करने के लिये तैयार रहना चाहिये। वाणिज्यिक कर मंत्री श्री राठौर ने कहा कि भारत सरकार के समक्ष मध्यप्रदेश का 3008.98 करोड़ के लॉस कम्प्नसेशन क्लेम का भुगतान लंबित है। उन्होंने बताया कि राज्य सरकार ने जीएसटी कॉउंसिल की प्रत्येक बैठक में प्रदेश के पक्ष को मजबूती से रखा है। लंबित लॉस कम्पनसेशन क्लेम जारी करने के लिये हाल ही में केन्द्रीय वित्त मंत्री से मिलकर विशेष आग्रह किया गया है। ऊर्जा मंत्री श्री प्रियव्रत सिंह ने कहा है कि विभिन्न ताप गृहों को उनकी जरूरत और मांग के अनुरूप कोल कम्पनी द्वारा कोयला उपलब्ध नहीं करवाया जाता है। मंत्री श्री सिंह ने कहा कि केन्द्रीय विद्युत प्राधिकरण द्वारा नियोजित खदान छोर से दूरस्थ विद्युत गृह में कम से कम 20 दिन का कोयला स्टाक होना जरूरी है। इसके बावजूद भी कोल कम्पनियों ने कोयला उपलब्ध नहीं करवाया है। इसके लिये पूरी तरह कोल कम्पनियां जिम्मेदार हैं।