1 मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ ने महाराष्ट्र के राजनीतिक घटनाक्रम पर टिप्पणी करते हुए कहा है कि लोकतंत्र का माखौल उड़ाने की कोशिश आखिरकार नाकामयाब साबित हुई. उन्होंने ट्वीट करके कहा कि आज संविधान दिवस पर महाराष्ट्र मामले में आया सुप्रीम कोर्ट का फैसला स्वागत योग्य है. 2 इस मामले में प्रदेश कांग्रेस मीडिया विभाग की अध्यक्ष शोभा ओझा ने कहा है कि महाराष्ट्र में संविधान व लोकतंत्र की जीत हुई है. उन्होंने कहा कि इस बात की निंदा की जानी चाहिए कि इसके लिए सुप्रीम कोर्ट को हस्तक्षेप करना पड़ा. 3 संविधान दिवस पर राजभवन में आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कहा कि प्रजातंत्र का सम्मान बनाए रखने में विधायिका और कार्यपालिका से अधिक महत्वपूर्ण जिम्मेदारी न्यायपालिका की है. उन्होंने कहा कि प्रजातंत्र का मूलाधार न्याय पर निर्भर है, स्वतंत्रता और समानता की सीमाएं हैं किंतु न्याय असीमित है. 4 इस अवसर पर अपने संबोधन में राज्यपाल लालजी टंडन ने कहा कि संविधान सबका संरक्षक है, इसलिए कर्तव्यों के साथ अधिकारों की बात होनी चाहिए. उन्होंने कहा कि न्याय प्रक्रिया में कमजोर व्यक्ति को त्वरित न्याय प्राप्त हो, इस दिशा में और अधिक संवेदनशीलता के साथ प्रयास करना जरूरी है. 5 मुख्यमंत्री कमलनाथ ने छिंदवाड़ा में नई हवाई पट्टी बनाने को लेकर मंगलवार को राइट्स कंसलटेंट के साथ बैठक की. यह कंपनी 1 माह के भीतर सर्वे करके बताएगी कि नई हवाई पट्टी कहां और किस प्रकार बनाई जाए. 6 मध्यप्रदेश के विधि जनसंपर्क और अध्यात्म मंत्री पीसी शर्मा ने मंगलवार को अपना रिपोर्ट कार्ड प्रस्तुत करते हुए कहा है कि राम वन गमन पथ सरकार की प्राथमिकता में शामिल है. उन्होंने कहा कि भोपाल में राम वनवास का थीम पार्क बनाया जाएगा. 7 मध्यप्रदेश में बिजली कंपनियों ने कहा है कि कंपनियां 24000 करोड रुपए के घाटे में चल रही हैं इसलिए अलग से रेट बढ़ाने पड़ेंगे. इस मामले में ऊर्जा मंत्री प्रियव्रत सिंह ने कहा कि पिछली भाजपा सरकार ने बिजली के नाम पर जनता को खूब लूटा था और बिजली कंपनियों को 15 सालों से घाटे में पहुंचा दिया. उन्होंने कहा कि हम इस मामले को देखेंगे. 8 आगर मालवा और सोयत कलां में हत्या के आरोपियों की गिरफ्तारी नहीं होने से नाराज लोगों ने पुलिस अधिकारियों से धक्का-मुक्की की. लोगों ने जिले के प्रभारी मंत्री जयवर्धन सिंह व ऊर्जा मंत्री प्रियव्रत सिंह के सामने नारे लगाते हुए प्रदर्शन किया. 28 सितंबर को अयूब नामक युवक की हत्या कर दी गई थी, जिसके आरोपियों का पता नहीं लगने से परिजन नाराज हैं. 9 नदी न्यास के अध्यक्ष कंप्यूटर बाबा ने आरोप लगाया है कि कांग्रेस सरकार में रेत का अवैध उत्खनन सिर्फ 20ः ही कम हुआ है. पिछले 3 दिन से नर्मदा तट पर डेरा डाले बाबा ने कहा कि अभी भी 80ः अवैध उत्खनन हो रहा है, जिसे रोकने के लिए प्रयास किए जा रहे हैं. 10 ब्यौहारी से भाजपा विधायक शरद कोल की मंगलवार को उच्च शिक्षा मंत्री जीतू पटवारी से मुलाकात के बाद सियासी गलियारों में अटकलों को हवा मिली. हालांकि बाद में दोनों ने इसे सामान्य मुलाकात बताया. पटवारी ने कहा कि उनके पास सभी दलों के विधायक आते हैं और जिन विधायकों की उनकी पार्टी में सुनवाई नहीं होती वह अच्छे दलों की ओर आकर्षित होते हैं. 11 केंद्र की तर्ज पर कमलनाथ सरकार भी राज्य योजना आयोग का नाम बदलकर नीति एवं नवाचार आयोग करने जा रही है. इस नए सेटअप के अनुसार सरकार की कोई भी योजना यहां से अप्रूव होने के बाद ही शुरू हो सकेगी. यदि किसी योजना को ड्रॉप कर दिया जाता है तो विभाग उसे अपने स्तर पर शुरू नहीं कर सकेंगे. 12 कैबिनेट की एक महत्वपूर्ण बैठक में आज सरकार की रेत नीति को लेकर महत्वपूर्ण बदलाव हो सकते हैं. इसके तहत रॉयल्टी 125 रुपए घन मीटर ही रखने, रेत की कमी को दूर करने के लिए एम सैंड पर रॉयल्टी 100 से घटाकर 50 रुपए करने सहित अनेक फैसले लिए जा सकते हैं. 13 पवित्र नगरी उज्जैन की पवित्र नदी शिप्रा फिर मैली हो गई है. मंगलवार को अमावस्या पर श्रद्धालुओं को शिप्रा में मिले कान्ह नदी के गंदे पानी से स्नान करना पड़ा. करीब 10 दिन से इस नदी का गंदा पानी शिप्रा में मिल रहा है. इससे पहले 5 जनवरी को भी त्रिवेणी घाट पर स्नान के लिए पानी नहीं था. प्रशासन ने फव्वारों की व्यवस्था की लेकिन उसमें कीचड़ मिला पानी आया इसलिए श्रद्धालुओं को कीचड़ से स्नान करना पड़ा. 14 केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड ने आयकर विभाग में कार्यरत देश भर के 21 भ्रष्ट अफसरों को जबरन रिटायर कर दिया है, इनमें मध्यप्रदेश के इनकम टैक्स इंस्पेक्टर आरसी गुप्ता और और अजय विरेह भी शामिल हैं. दोनों के खिलाफ रिश्वतखोरी के आरोप लगाए गए हैं. विरेह एक मामले में जेल भी जा चुके हैं. 15 माध्यमिक शिक्षा मंडल में व्यवस्थाएं लगातार बिगड़ती जा रही हैं. छात्रों को अंकसूची में सुधार के लिए महीनों भटकना पड़ता है. ऐसे ही एक मामले में एक छात्र बारहवीं की अनुसूची में सुधार के लिए पिछले 6 माह से भटक रहा है, लेकिन उसका काम नहीं हुआ. अंततः उसने बाल आयोग की शरण ली है. इस छात्र को मार्कशीट में कम अंक दिए गए हैं जबकि उसकी उत्तर पुस्तिका में अधिक अंक हैं.