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भोपाल-72वें आलमी तब्लीगी इज्तिमा के आखिरी दिन सोमवार को दुआ-ए-खास के दौरान जब दिल्ली मरकज के हजरत मौलाना साअद साहब कांधालवी ने दुआ की शुरूआत की तो लाखों लोगों के मजमे में सन्नाटा पसर गया। पूरे वातावरण में दूर-दूर तक महज मौलाना की दुआ और बीच-बीच में लोगों की आमीन कहने की आवाजें ही गूंज रही थीं। दुआ की गहराई में डूबते-उतरते मजमा कभी रोने लगता था तो कभी आमीन कहने के लिए अपने रुंधे गले को साफ करता था। दोपहर 12 बजकर 4 मिनट पर शुरू हुई दोपहर 12 बजकर 32 मिनट तक चली। दुआ के बाद जब मौलाना साअद साहब ने अपनी बात रोकी तो मजमा कुछ पलों के लिए खामोशी में डूबा रहा और उसके बाद चार माह और चालीस दिनों के लिए रवाना होने वाली जमातों को रवाना करने की तरतीब बनना शुरू हो गई।