छिंदवाड़ा इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस (सिम्स) से संबद्ध चिकित्सालय का शिलान्यास और 240 करोड़ रुपये लागत के नवीन जेल परिसर का भूमि-पूजन कार्यक्रम में उपस्थित विशाल जन-समुदाय को संबोधित करते हुए कहा कि सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल बनने के बाद छिंदवाड़ा, सिवनी, बैतूल, बालाघाट सहित अन्य जिलों के लोगों को इलाज के लिए नागपुर नहीं जाना पड़ेगा। हमारा यह अस्पताल अत्याधुनिक और बेहतर चिकित्सा सुविधाओं से इतना अधिक लैस होगा कि नागपुर सहित अन्य राज्यों के लोग भी एम्स की बजाए छिंदवाड़ा के सिम्स में इलाज कराने आएंगे। उन्होंने कहा कि हम प्रदेश में हर व्यक्ति को सुनिश्चित बेहतर इलाज का अधिकार देने जा रहे हैं। मुख्यमंत्री श्री कमल नाथ ने छिंदवाड़ा में देश की पहली महिला प्रधानमंत्री स्वर्गीय श्रीमती इंदिरा गांधी की आदमकद प्रतिमा का अनावरण किया। श्रीमती गांधी के जन्म दिवस 19 नवम्बर के अवसर पर इंदिरा तिराहे पर यह प्रतिमा स्थापित की गई है। इस दौरान मुख्यमंत्री श्री कमल नाथ ने कहा कि महापुरुषों की प्रतिमाएँ उनके विचार, सिद्धांत और मूल्यों के साथ संघर्ष की याद दिलाती हैं। जनसम्पर्क मंत्री श्री पी.सी. शर्मा ने उच्च शिक्षा मंत्री श्री जीतू पटवारी को आज सुबह भोपाल में स्टेट हेंगर (विमानतल) पर पुष्पगुच्छ भेंट कर उन्हें जन्म-दिन की शुभकामनाएँ दी। मंत्री श्री पटवारी का 19 नवम्बर को जन्म-दिन था। सीधी जिले के ग्राम सुपेला में पूर्व मंत्री स्व. इन्द्रजीत कुमार पटेल की प्रथम पुण्य तिथि मनाई गई। पूर्व मंत्री को विधानसभा उपाध्यक्ष सुश्री हीना कावरे ने श्रद्धासुमन अर्पित किये। पूर्व मंत्री स्व. श्री पटेल को जिले के प्रभारी मंत्री श्री प्रदीप जायसवाल मंत्री खनिज साधन, श्री पी.सी. शर्मा मंत्री जनसंपर्क एवं विमानन विभाग तथा श्री जीतू पटवारी मंत्री उच्च शिक्षा विभाग ने भी ग्राम सुपेला पहुंचकर श्रद्धांजलि अर्पित की। कृषि विकास एवं किसान कल्याण मंत्री श्री सचिन सुभाष यादव और नगरीय प्रशासन मंत्री श्री जयवर्धन सिंह ने भी स्व. श्री पटेल के गृह ग्राम सुपेला पहुंचकर उनकी स्मृतियों को नमन किया। सुपेला पहुंचने पर स्व. इन्द्रजीत पटेल के पुत्र और पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री श्री कमलेश्वर पटेल ने विधानसभा उपाध्यक्ष एवं अन्य मंत्रीगणों का स्वागत किया। वन मंत्री श्री उमंग सिंघार ने प्रमुख वन संरक्षक श्री यू. प्रकाशम को प्रदेश में प्रवासी पक्षियों की सुरक्षा के लिये हर संभव सतर्कता बरतने के निर्देश दिये। श्री सिंघार ने कहा कि मध्यप्रदेश में राजस्थान की तरह पर्यावरणीय और भौगोलिक स्थितियाँ नहीं हैं, फिर भी राजस्थान में प्रवासी पक्षियों की हजारों की तादाद में हुई मृत्यु के मद्देनजर सभी जरूरी ऐहतियाती कदम उठाये जाये।