1 मध्यप्रदेश के सभी स्कूल और कॉलेज सोमवार से फिर नियमित तौर पर खुलेंगे। अयोध्या मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के मद्देनजर शासन ने एहतियातन शनिवार को इन्हें बंद करने के आदेश दिए थे। वहीं, धारा 144 को बरकरार रखने या हटाने के संबंध में निर्णय कलेक्टर स्थानीय परिस्थितियों के हिसाब से करेंगे। मुख्य सचिव कार्यालय ने सभी कमिश्नर और कलेक्टरों को इस संबंध में निर्देश दिए हैं। 2 मध्यप्रदेश पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने रविवार को ट्वीट कर अयोध्या में विवादित ढांचा तोड़ने वालों को लेकर सवाल खड़ा किया है। उन्होंने राम जन्मभूमि के फैसले का सभी पक्षों द्वारा सम्मान किए जाने पर आभार जताया, लेकिन ढांचा तोड़ने के दोषियों को सजा मिल पाने पर संदेह भी व्यक्त किया। दिग्विजय ने सुबह ट्वीट कर कहा कि इस मामले में कांग्रेस ने हमेशा यह कहा कि हर विवाद का हल संविधान द्वारा स्थापित कानून व नियमों के दायरे में ही खोजना चाहिए। 3 एमपी में सरकार बनाने और हाल ही में झाबुआ उपचुनाव की जीत से गदगद हुई कांग्रेस अब एक्शन मोड में आ गई है और लगातार अपने संगठन को मजबूत करने में जुट गई है।इसके लिए कांग्रेस ने एक बड़ा प्लान तैयार किया है। खबर है कि अब कांग्रेस बीजेपी और संघ की राह पर चलने की तैयारी कर रही है। इसके तहत कांग्रेस भी अपने पार्टी के लोगों को बीजेपी-संघ की तर्ज पर ट्रेनिंग देगी । 4 मध्यप्रदेश में एक बार फिर सरकारी स्कूल के शिक्षकों के लिए ई-अटेंडेंस अनिवार्य करने की तैयारियां शुरू कर दी गई हैं। आगामी शिक्षा सत्र से यह व्यवस्था सख्ती से लागू की जा सकती है। अधिकारियों का मानना है सरकारी स्कूलों में शिक्षकों की उपस्थिति बहुत कम है, इससे पढ़ाई पर सीधा असर पड़ रहा है। जांच में भी यह पाया गया कि 55 फीसदी शिक्षक स्कूल नहीं जाते हैं और कुछ स्कूल तो जाते हैं परंतु आधे समय बाद लौट जाते हैं। 5 उच्च शिक्षा विभाग के प्रदेशभर के सरकारी कॉलेजों में पदस्थ 80 असिस्टेंट प्रोफेसरों की नौकरी पर संकट आ गया है। इसकी वजह है, इन्होंने नौकरी लगने के करीब 15 साल बाद भी नेट, स्लेट या पीएचडी की डिग्री हासिल नहीं की है। जबकि विभाग इनको दो बार मौके दे चुका है। उच्च शिक्षा विभाग ने ऐसे सभी असिस्टेंट प्रोफेसरों के बारे में जानकारी मांगी है। इसके साथ ही विभाग कुछ असिस्टेंट प्रोफेसरों की परवीक्षा की समयावधि में भी बदलाव करने की तैयारी कर रहा है।