काम के दबाव के बीच बीएलओ आंगनबाड़ी कार्यकर्ता की मौत - परिवार ने माँगा न्याय* सरपंच पर मनमानी कर अनियमितता करने का लगाया आरोप नहर की क्षतिग्रस्त पुलिया का सुधार कार्य प्रारंभ चौपहिया वाहनों के आवागमन पर लगाया प्रतिबंध बालाघाट विधानसभा क्षेत्र-111 के मतदान केंद्र क्रमांक-10 बोट्टा की बीएलओ और आंगनबाड़ी कार्यकर्ता अनिता नागेश्वर (50) की विशेष संक्षिप्त पुनरीक्षण (एसआईआर) कार्य के दौरान मौत हो गई। परिजनों ने आरोप लगाया कि अत्यधिक काम के दबाव के कारण उनकी तबीयत बिगड़ी। 13 नवंबर को हालत खराब होने पर उन्हें बालाघाट से गोंदिया और फिर नागपुर रेफर किया गया जहां मंगलवार को उनका निधन हो गया। शव घर पहुंचने पर एसडीएम जी.एस. धुर्वे गोपाल सोनी और तहसीलदार भूपेन्द्र अहिरवार ने परिवार से मुलाकात की। मृतका की बेटी आरती ने न्याय की मांग करते हुए अत्यधिक कार्यदबाव पर रोक लगाने की अपील की। जनपद पंचायत लांजी की ग्राम पंचायत पाथरगांव के सौ से अधिक ग्रामीण मंगलवार को क्षेत्रीय जनपद सदस्य व समाजसेवी सुबेदार तोमेश्वर राहंगडाले के नेतृत्व में कलेक्ट्रेट पहुंचे। ग्रामीणों ने सरपंच पर मनमानी और भ्रष्टाचार के आरोप लगाते हुए पंचायत भवन निर्माण कार्य पर रोक लगाने तथा मामले की जांच की मांग को लेकर कलेक्टर के नाम डिप्टी कलेक्टर प्रदीप कौरव को ज्ञापन सौंपा। ग्रामीणों का कहना है कि सरपंच ने बिना जानकारी दिए सामान्य समिति से हस्ताक्षर करा लिए और अब पुराने भवन स्थल के बजाय अन्य स्थान पर निर्माण कराने पर अड़े हैं। आवास योजना में भी धनराशि मांगने के आरोप लगाए गए हैं। जल संसाधन विभाग के वैनगंगा संभाग द्वारा डोंगरिया-बरबसपुर-कोपे मार्ग पर ढूटी नहर की क्षतिग्रस्त पुलिया का सुधार और मरम्मत कार्य प्रारंभ कर दिया गया है। इस कारण पुलिया से चौपहिया वाहनों के आवागमन को बंद कर दिया गया है।जानकारी के अनुसार नहर की पुलिया के क्षतिग्रस्त होने से ग्रामीणों को आवागमन में काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा था। दुर्घटना की संभावना भी बनी रहती थी। कलेक्टर मृणाल मीना ने इसे गंभीरता से लिया। जल संसाधन विभाग को क्षतिग्रस्त पुलिया की मरम्मत करने के निर्देश दिए थे।कार्यपालन यंत्री योगेन्द्र सिंह ठाकुर ने बताया कि पुलिया के सुधार व मरम्मत कार्य के लिए इस पुलिया से चार पहिया वाहनों का आवागमन बंद किया गया है। ढूटी नहर की इस पुलिया के क्षतिग्रस्त पैराफिट वाल को फिर से बनाया जा रहा है। निर्माण कार्य होने के बाद आवागमन पुन: प्रारंभ किया जाएगा। जनपद पंचायत खैरलांजी की ग्राम पंचायत सालेबर्डी के दैतबर्रा गांव के ग्रामीणों को शांति धाम न होने के कारण आज भी अंतिम संस्कार के लिए दूसरे गांवों पर निर्भर रहना पड़ रहा है। वर्षों से लंबित समस्या तब और गंभीर हो गई जब शांति धाम के लिए निर्धारित भूमि पर अतिक्रमण हो गया। मंगलवार को ग्रामीण जनसुनवाई में पहुंचे और अधिकारियों को स्थिति से अवगत कराते हुए तत्काल समाधान की मांग की। ग्रामीणों ने बताया कि अंतिम संस्कार के लिए कई किलोमीटर दूर जाना पड़ता है जिससे बारिश या आपात स्थिति में परेशानी बढ़ जाती है। शिकायतों के बावजूद कार्रवाई नहीं होने से अतिक्रमण बढ़ता जा रहा है। खैरलांजी तहसील के ग्राम सावरी में शासकीय जमीन को किसानों के नाम दर्ज कर बेच दिए जाने का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। ग्रामीणों ने आपत्ति जताते हुए नामांतरण निरस्त कर भूमि को पुनः शासकीय दर्ज करने की मांग मंगलवार को कलेक्टर को सौंपे गए ज्ञापन में की। पूर्व सरपंच मोहनलाल बनोटे ने बताया कि मिसलबंदोस्त वर्ष 2016-17 के अनुसार 61 एकड़ 21 डिसमिल शासकीय भूमि में से 11 एकड़ 43 डिसमिल क्षेत्र पर एक ही परिवार के नौ लोगों के नाम दर्ज कर दिए गए और बाद में उसे बेच भी दिया गया। यह भूमि जलभराव वाली है जहां कभी खेती नहीं हुई। ग्रामीणों ने मामले की जांच कर दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की मांग की है। जनपद पंचायत बालाघाट के अंतर्गत आने वाले ग्राम कोहकाडीबर पेंडरई के जनप्रतिनिधियों व ग्रामीणों का संघर्ष सफल हुआ है। ग्राम पंचायत सरपंच व ग्रामीणों द्वारा कोहकाडीबर से लेकर पेंडरई तक मुख्य कच्ची जर्जर सडक़ को पक्का निर्माण किए जाने की मांग पिछले कई वर्षों से की जा रही थी। ग्रामीण व स्थानीय प्रतिनिधियों ने भोपाल पहुंचकर तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से भी मुलाकात कर सडक़ निर्माण कराये जाने गुहार लगाई थी। बावजूद अब तक उनकी इस मांग को पूरा नहीं किया गया था। करीब १८-२० सालों से सडक़ की मांग को लेकर चले आ रहे इस संघर्ष का परिणाम यह रहा कि मध्यप्रदेश शासन ने अपने बजट में इस मार्ग को बनाए जाने की स्वीकृति दे दी है। इसके अलावा पानी निकासी के लिए दो पुलिया व कोहकाडीबर से पेंडरई गांव के बीच पक्की सडक़ की सौगात दी गई है। उक्त कार्य का बुधवार को भूमि पूजन कर गुरूवार से पक्का मार्ग निर्माण का कार्य शुरू किया जाएगा। जिसकी जानकारी मिलते ही ग्रामीणों में खुशी का माहौल है।