मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में आयोजित प्रदेश स्तरीय पंचायत कार्यशाला को लेकर राज्यसभा सांसद एवं पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने सवाल खड़े किए। उन्होंने कहा कि भाजपा को 22 साल बाद पंचायत प्रतिनिधियों की याद आई है। उन्होंने पंचायत प्रतिनिधियों के अधिकारों के मुद्दे पर सीएम मोहन यादव और पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री प्रह्लाद पटेल को खुली बहस की चुनौती दी है। दिग्विजय सिंह ने कहा कि भाजपा को 22 साल बाद पंचायत प्रतिनिधियों को अधिकार देने की याद आई है। हमने सोचा था कि वे पंचायत प्रतिनिधियों को ऐसें अधिकार देंगे जिससे अधिकारी उनके नियंत्रण में आ सकें। लेकिन केवल एक ही घोषणा हुई है कि जिला पंचायतों और जनपद पंचायत के उपाध्यक्ष जो शिक्षा समिति का अध्यक्ष होता है उनको विद्यालयों के निरीक्षण का अधिकार दिया है। उन्हें सिर्फ जांच करने का अधिकार देने की बात तो कही गई है लेकिन निरीक्षण पर कार्रवाई का अधिकार अधिकारी कर्मचारी के पास ही रहेगा।