लगभग 3 साल पहले मसूरी देहरादून मार्ग पर गलोगी पावर हाउस के निकट भारी भूस्खलन होने से मसूरी देहरादून मार्ग बंद हो गया था जिसका भूमि पूजन कर कार्य को शुरू करवाया गया था और 6 माह के भीतर 20 करोड रुपए की लागत से इस कार्य को किया जाना था लेकिन 3 वर्ष बीत जाने के बाद भी यह कार्य अब तक पूर्ण नहीं हो पाया है और बरसात के समय यहां पर दुर्घटना का वह बना रहता है वहीं अब इसके दोनों ओर से मलवा और पत्थर आने के कारण वहां खड़ी मिक्सर मशीन और अन्य मशीन मलवे में दब गई और बरसात के समय यहां पर कभी भी कोई बड़ी अनहोनी हो सकती है लेकिन इसका अब तक 50% भी काम पूरा नहीं हो पाया है शहर कांग्रेस अध्यक्ष अमित गुप्ता ने कहा कि 3 साल से कार्य किया जा रहा है लेकिन अब तक यह पूरा नहीं हो पाया है उन्होंने कहा कि जिलाधिकारी को इस संबंध में ज्ञापन दिया जाएगा और इसकी जांच की मांग की जाएगी l उत्तराखंड में बीते दिन यूके ट्रिपल एससी की परीक्षा में पेपर बाहर आने से युवाओं में गुस्सा और आक्रोश और ज्यादा बढ़ गया है जो आज राजधानी की सड़कों पर नजर आया। हालांकि प्रशासन द्वारा घंटाघर और आसपास के इलाकों में धारा बीएनएस 163 लागू की गई थी जिसमें पांच व्यक्ति एक स्थान पर इकट्ठा नहीं हो सकते बावजूद इसके युवाओं के आक्रोश और गुस्से के आगे प्रशासन की व्यवस्था फेल नजर आई। इस दौरान युवाओं ने आयोग के खिलाफ जमकर नारेबाजी करी और आयोग के अध्यक्ष जीएस मार्तोलिया के इस्तीफे की भी मांग की। देश की अर्थव्यवस्था को नई रफ़्तार देने वाले जीएसटी सुधारों पर उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आभार व्यक्त किया है। धामी ने कहा कि यह निर्णय ऐतिहासिक है जिसने न केवल आम जनता बल्कि व्यापारियों और पूरे राज्य को बड़ी राहत दी है। उन्होंने बताया कि नए जीएसटी स्लैब 5% और 18% के लागू होने से मध्यम वर्ग सामान्य वर्ग और उच्च वर्ग—सभी को लाभ मिलेगा। करीब 200 वस्तुएँ सस्ती होंगी और जनता की जेब में बचत बढ़ेगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस बदलाव से राज्य को भी बड़ा आर्थिक फायदा होगा और देश को अतिरिक्त 2 लाख करोड़ रुपये जीएसटी के रूप में मिलने की संभावना है। धामी ने नवरात्र के अवसर पर प्रधानमंत्री के ‘स्वदेशी अपनाओ’ आह्वान का समर्थन करते हुए कहा कि आत्मनिर्भर भारत के लिए यह संकल्प बेहद आवश्यक है। देवभूमि उत्तराखंड में चारधाम यात्रा का दूसरा पड़ाव शुरू हो चुका है। राज्य के प्रमुख धार्मिक स्थलों पर हर दिन हजारों श्रद्धालु पहुँच दर्शन कर अपनी मनोकामनाएँ पूरी होने की कामना कर रहे हैं। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बताया कि चारधाम यात्रा को लेकर सभी तैयारियाँ पूरी कर ली गई हैं। उन्होंने कहा कि यात्रियों की सुरक्षा और सुविधा को ध्यान में रखते हुए प्रशासन ने पूरी व्यवस्था की है। मार्गों की निगरानी स्वास्थ्य सुविधाएँ यातायात नियंत्रण और सुरक्षा उपाय सुनिश्चित किए गए हैं ताकि श्रद्धालु सहज और सुरक्षित यात्रा का अनुभव प्राप्त कर सकें। चारधाम यात्रा का यह दूसरा पड़ाव राज्य में धार्मिक आस्था के साथ-साथ पर्यटन और स्थानीय अर्थव्यवस्था को भी प्रोत्साहित कर रहा है। प्रशासन लगातार मार्ग और श्रद्धालुओं की स्थिति पर नजर रखे हुए है ताकि किसी भी प्रकार की परेशानी से बचा जा सके। काशीपुर के अलीखान इलाके में कुछ लोगों ने अचानक ‘I Love मोहम्मद’ लिखे बैनर लेकर जुलूस निकाल दिया। न प्रशासन से कोई अनुमति थी न पुलिस की जानकारी भीड़ बढ़ी और बवाल शुरू हो गया। पथराव हुआ पुलिस से धक्का-मुक्की और मारपीट तक की नौबत आ गई। लेकिन इस पूरे मामले में सबसे अहम बात रही— पुलिस का तत्पर एक्शन। जैसे ही सूचना मिली जिले के पुलिस मुखिया के निर्देशों पर एसपी सिटी अभय सिंह तत्काल मौके पर पहुंचे और अपनी सूझबूझ से हालात पर काबू पा लिया। भारी पुलिस बल ने मोर्चा संभाला और कुछ ही घंटों में सिचुएशन कंट्रोल कर ली गई। पुलिस की इस तेज़ी का नतीजा यह रहा कि न तो शहर में कोई बड़ी जनहानि हुई न ही उद्योग-व्यापार पर असर पड़ा। पुलिस ने साफ कर दिया— यह उत्तराखंड है यहां कानून का राज है… किसी को भी गुंडाराज करने की इजाज़त नहीं दी जाएगी। यूके एसएससी परीक्षा का प्रश्न पत्र लीक होने का आरोप लगाते हुए महानगर कांग्रेस ने सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी करते हुए प्रदर्शन किया। कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने आरोप लगाया कि सरकार युवाओं के भविष्य से लगातार खिलवाड़ करने का काम कर रही है सरकार की नियत किसी को नौकरी देने की नहीं है। रुड़की के चंद्रशेखर चौक पर प्रदर्शन के दौरान महानगर अध्यक्ष एडवोकेट राजेंद्र चौधरी ने कहा कि भाजपा सरकार में पेपर लीक होने का सिलसिला रुकने का नाम नहीं ले रहा है। उन्होंने कहा कि युवाओं को नौकरी देने के पक्ष में सरकार नहीं है इसलिए इस प्रकार के कृत्य लगातार सामने आ रहे हैं। उन्होंने कहा कि पेपर शुरू होने के 35 मिनट बाद ही प्रश्न पत्र सोशल मीडिया पर वायरल हो जाता है और सरकार एवं संबंधित विभाग इस मामले में किसी प्रकार की जिम्मेदारी लेने को तैयार नहीं है।