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10-Sep-2025

छात्रों का आरोप – अधीक्षक ने पहले किया अपमानित फिर की पिटाई हम आदिवासियों के हक की लड़ाई अंतिम सांस तक लड़ते रहेंगे – सुनील उइके 100 दिवसीय स्वास्थ्य शिविर से हजारों मरीजों को मिलेगा लाभ – सांसद विवेक बंटी साहू राज्यपाल से मिले महापौर पातालकोट आने का दिया निमंत्रण सलाईन स्टेंड लेकर दरवाजे पर बैठा मरीज सीनियर संयुक्त आदिवासी बालक छात्रावास के तीन आदिवासी छात्रों ने अधीक्षक सुनील सोनी पर गंभीर आरोप लगाए हैं। छात्रों ने विभाग के सहायक आयुक्त को शिकायत में बताया कि 7 सितंबर की रात हॉस्टल में लगे दो सीसीटीवी कैमरे टूटे पाए गए थे। इसके बाद 8 सितंबर को अधीक्षक ने उन्हें झूठा आरोप लगाकर बुलाया और बांस की लकड़ी से पीटा जिससे उन्हें चोटें आईं। आवेदक आशिक धुर्वे ब्रजमोहन धुर्वे और विमलेश धुर्वे का कहना है कि अधीक्षक ने पुलिस को बुलाकर उन्हें जेल भेजने की कोशिश की । छात्रों का आरोप है कि अधीक्षक ने अपमानजनक शब्दों का प्रयोग कर कहा – “जहां जाना है जाओ जहां मरना है मरो।” पीड़ित छात्रों ने गुहार लगाई है कि उन्हें पुनः हॉस्टल में रखा जाए ताकि वे परीक्षा से वंचित न हों। परासिया में जुन्नारदेव विधायक सुनील उड़के की बिल्डिंग के पिछले हिस्से में नाले के किनारे बनी दीवार को स्थानीय प्रशासन ने ढहा दिया। प्रशासन ने इसे अतिक्रमण बताते हुए यह कार्रवाई की। विधायक सुनील उड़के ने इस कार्रवाई को अनैतिक और राजनैतिक द्वेष की कार्रवाई बताया है। राजीव भवन में एक पत्रकार वार्ता में उन्होनें कहा कि जिस बिल्डिंग को अतिक्रमण बताकर तोड़ा जा रहा है उसकी सभी आवश्यक अनुमतियां नियमानुसार ली गई हैं। जिस हिस्से को अतिक्रमण कहा जा रहा है वह केवल नाला प्रोटेक्शन की दीवार है। प्रशासन ने नाले के किनारे दीवार खड़ी कर अतिक्रमण किए जाने का हवाला देते हुए दीवार को गिरा दिया। उइके ने कहा कि प्रशासन की यह कार्रवाई राजनैतिक द्वेष की कार्रवाई है। उन्होनें सांसद और जिला कलेक्टर पर सीधा हमला बोला विद्य और कहा कि उन्हीं के इशारे पर सब कुछ हो रहा है। कांग्रेस विधायक ने कहा कि वे सिंधिया या हर्रई के राजा कमलेश शाह नहीं जो दवाव में आ जाएंगे। वे आदिवासियों के हक की लड़ाई अंतिम सांस तक लड़ते रहेंगे। उइके ने कहा कि आदिवासी जमीनों की बंदरबांट को लेकर लगाए गए आरोपों से भाजपाई नेता बौखला गए है और प्रशासन के दम पर उनके खिलाफ कार्रवाई की जा रही है। सेवा ही संकल्प अभियान के तहत इस वर्ष भी छिंदवाड़ा और पांढुर्ना जिले में 100 दिवसीय स्वास्थ्य शिविर लगाए जाएंगे। इन शिविरों में मरीजों का निःशुल्क परीक्षण और गंभीर रोगियों का जिला अस्पताल व महानगरों में ऑपरेशन कराया जाएगा। सांसद बंटी विवेक साहू ने मेडिकल कॉलेज में डॉक्टरों और अधिकारियों के साथ बैठक कर शिविरों की रूपरेखा पर चर्चा की। उन्होंने बताया कि पिछले वर्ष 80 हजार से अधिक मरीजों को शिविरों से लाभ मिला था और इस वर्ष भी लक्ष्य है कि अधिक से अधिक लोगों को उपचार मिल सके। सांसद ने कहा कि शिविरों में डॉक्टरों पैरामेडिकल स्टाफ और विभागीय अधिकारियों की अहम भूमिका रहेगी। साथ ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जन्मदिन से 2 अक्टूबर तक चलने वाले स्वस्थ नारी सशक्त परिवार अभियान को भी सफल बनाने का आह्वान किया। मध्यप्रदेश के विभिन्न जनप्रतिनिधियों ने सोमवार को राज्यपाल मंगू भाई पटेल से राजभवन में मुलाकात की। इस प्रतिनिधिमंडल में छिंदवाड़ा महापौर विक्रम अहके भी शामिल हुए। बैठक में केंद्र और राज्य सरकार की जनजातीय हितैषी योजनाओं जैसे प्रधानमंत्री जन मन योजना धरती आबा योजना और आदि कर्मयोगी योजना के प्रभावी क्रियान्वयन पर चर्चा हुई। महापौर अहके ने बैठक में छिंदवाड़ा में निवासरत भारिया और गोंड जनजाति के मुद्दे उठाए तथा राज्यपाल को पातालकोट आने का आमंत्रण भी दिया। इस मौके पर उन्होंने राज्यपाल को रामेश्वरम धाम का छायाचित्र भेंट किया। पांढुरना शासकीय जिला अस्पताल की लापरवाही का एक और मामला मंगलवार को सामने आया। ग्राम लांघा निवासी 20 वर्षीय युवक भर्ती था जिसके इलाज के दौरान नर्स ने सलाईन लगाकर स्टॉप रूम रुख कर लिया। सलाईन खत्म होने के बाद भी आधा घंटा तक कोई निकालने नहीं आया। इस बीच मरीज को शौच लगी तो वह मजबूरी में खुद बेड से उठकर सलाईन स्टैंड हाथ में लिए वार्ड के दरवाजे पर बैठ गया और नर्स का इंतजार करता रहा। स्थानीय पत्रकारों ने मामले की जानकारी ली और नर्स से सवाल किया तो उसने लापरवाही स्वीकार करने के बजाय बहाने बनाए। बाद में सलाईन तो निकाली गई लेकिन इस घटना ने जिला अस्पताल की व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। कलेक्टर शीलेन्द्र सिंह ने बुधवार को तहसील कार्यालय मोहखेड़ और जनपद पंचायत मोहखेड़ का औचक निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान उन्होंने कार्यालयीन व्यवस्थाओं अभिलेख संधारण और राजस्व प्रकरणों की प्रगति का जायजा लिया। निरीक्षण में पाया गया कि जनपद कार्यालय में रिकॉर्ड व्यवस्थित ढंग से संधारित नहीं है और कार्यप्रणाली में लापरवाही बरती जा रही है। इस पर कलेक्टर ने असंतोष जताते हुए तत्काल सुधार के निर्देश दिए। साथ ही कई कार्यों में अनियमितता सामने आने पर कलेक्टर ने संबंधित अधिकारियों को चेतावनी दी और सहायक यंत्री एवं सहायक ग्रेड-3 की दो-दो वेतन वृद्धि रोकने के आदेश जारी किए। भारतीय किसान संघ ने किसानों की विभिन्न समस्याओं को लेकर राज्यपाल और मुख्यमंत्री के नाम बुधवार को ज्ञापन सौंपा। संघ ने मांग की कि बमोरी जलाशय एवं अन्य डेमों का पानी नहरों के माध्यम से किसानों को उपलब्ध कराया जाए ताकि फसलों को पर्याप्त सिंचाई मिल सके। साथ ही किसान सम्मान निधि बढ़ाने मंडियों में रबी और खरीफ की फसलों की खरीदी सुनिश्चित करने तथा जानवरों से फसलों को होने वाले नुकसान पर रोक लगाने के लिए प्रशासन से ठोस व्यवस्था की मांग की गई। इस मौके पर जिला प्रचार-प्रसार प्रमुख सहित किसान संघ के अनेक पदाधिकारी एवं सदस्य मौजूद रहे। शहर में खून के रिश्तों को शर्मसार कर देने वाला एक मामला सामने आया है। शहर के एक निजी अस्पताल में पिछले 10–12 दिनों से भर्ती 70 वर्षीय बुजुर्ग पिता जीवन और मौत से जूझ रहे हैं। डॉक्टरों ने उनका वाल्व खराब होने के चलते तत्काल ओपन हार्ट सर्जरी के लिए नागपुर रेफर किया है। आयुष्मान कार्ड होने के बावजूद सबसे बड़ी समस्या यह है कि ऑपरेशन के समय जिम्मेदारी लेने वाला परिजन मौजूद नहीं है। पीड़ित पिता के दो बेटे और दो बेटियां हैं जिनमें से एक बेटा कलेक्टर कार्यालय में पदस्थ है लेकिन कोई भी नागपुर जाने और ऑपरेशन की अनुमति वाले फॉर्म पर हस्ताक्षर करने को तैयार नहीं है। फिलहाल समाजसेवी उनके इलाज की कोशिश में जुटे हैं। मध्यप्रदेश आदिवासी विकास परिषद ने बुधवार को राष्ट्रपति राज्यपाल और के नाम ज्ञापन सौंपकर आदिवासी समाज की समस्याओं को तत्काल निराकरण करने की मांग की है। परिषद ने कहा कि प्रदेश में आदिवासी समाज पर लगातार शोषण अत्याचार और बलात्कार के मामले सामने आ रहे हैं लेकिन सरकार कोई संज्ञान नहीं ले रही। ज्ञापन में विश्व आदिवासी दिवस पर अवकाश घोषित करने संबल योजना की अनुग्रह राशि दिलाने नाबालिगों के स्थाई प्रमाण पत्र पुनः प्रारम्भ करने और आदिवासी जनप्रतिनिधियों को राजनीतिक द्वेष से टारगेट करना बंद करने जैसी मांगें की गईं। शहर के नागरिक डॉ. प्रकाश टाटा ने जिओ फाइबर की खराब सेवाओं को लेकर गंभीर आपत्ति जताई है। उनका कहना है कि विगत चार वर्षों से वे जिओ फाइबर का उपयोग कर रहे हैं किंतु बार-बार शिकायत करने के बावजूद कंपनी द्वारा किसी प्रकार का सुधार नहीं किया गया। उन्होंने बताया कि 16 जुलाई को उन्होंने 1 वर्ष का प्रीमियम एडवांस में भुगतान किया था लेकिन इसके बाद से इंटरनेट सेवाएं बार-बार बाधित हो रही हैं जिससे सीसीटीवी कैमरे और अन्य सुविधाएं प्रभावित हो रही हैं। डॉ. ने चेतावनी दी है कि यदि तीन दिनों के भीतर समस्या का समाधान नहीं किया गया तो वे जिला उपभोक्ता आयोग में प्रकरण दर्ज करेंगे।