खेत घूमने गए युवक पर बाघ ने किया हमला डीजे पर पाबंदी परतला के महाराजा का विसर्जन जुलूस मौन शोभायात्रा में तब्दील छात्रावास अधीक्षक ने स्वास्थ्य विभाग पर लगाए गंभीर आरोप त्यौहारों में बच्चो की उपस्थिति घटने पर कलेक्टर ने जताई नाराजगी बादशाह राजा और महाराजा की विदाई देखने उमड़ा जन सैलाब वन परिक्षेत्र बिछुआ के बफरजोन कुंभपानी सर्किल के थोटामाल बीट के ग्राम गुमतरा में रविवार शाम बाघ ने एक युवक पर अचानक हमला कर दिया। हमले में युवक गंभीर रूप से घायल हो गया जिसे तुरंत उपचार के लिए पहले बिछुआ स्वास्थ्य केंद्र लाया गया। यहां प्राथमिक उपचार के बाद हालत गंभीर होने पर उसे जिला अस्पताल रेफर किया गया बिछुआ के अंबाड़ी निवासी संजू इवनाती पिता उमरलाल इवनाती अपनी मौसी के यहां गुमतरा आया हुआ था। रविवार की शाम वह मौसेरा भाई बलवान बट्टी के साथ खेत देखने गया था। शाम करीब ७ बजे दोनों खेत पर थे तभी अचानक झाडिय़ों से निकलकर आए बाघ ने उस पर हमला कर दिया। गणेश विसर्जन उत्सव जहां पूरे जिले में ढोल-नगाड़ों और डीजे की गूंज के बीच उल्लासपूर्वक संपन्न हुआ वहीं परतला के महाराजा गणेशोत्सव समिति का जुलूस इस बार पूरी तरह मौन रहा। कारण— प्रशासन की ओर से डीजे और साउंड सिस्टम की अनुमति न देना।समिति अध्यक्ष उज्जवल सूर्यवंशी ने प्रशासनिक रवैये पर कड़ी आपत्ति जताते हुए कहा कि धार्मिक आस्था और परंपराओं में अनावश्यक हस्तक्षेप श्रद्धालुओं की भावनाओं को आहत करता है। उन्होंने इसे धार्मिक स्वतंत्रता और परंपरागत आयोजनों के सम्मान में बाधा बताया। जुलूस में शामिल श्रद्धालु ढोल-नगाड़ों के बिना शांतिपूर्वक आगे बढ़े। मौन शोभायात्रा ने एक ओर जहां समाज की अनुशासन और एकता को उजागर किया वहीं दूसरी ओर यह सवाल भी खड़ा किया कि क्या धार्मिक परंपराओं पर इस तरह की पाबंदियां उचित हैं आदिवासी अंचल में बालक छात्रावास की स्वास्थ्य व्यवस्था पर सवाल उठते रहे हैं वहीं छात्रावास अधीक्षक मंजीत पवार ने तामिया स्वास्थ्य विभाग पर गंभीर आरोप लगाए हैं। अधीक्षक का कहना है कि कई बार आवेदन देने के बावजूद जांच टीम छात्रावास बच्चों का चेकअप करने नहीं आती छात्रावास के बच्चों को बीमार होने पर प्राइवेट डॉक्टर के पास ले जाना पड़ता है जबकि सरकार द्वारा छात्रावास में बेहतर स्वास्थ्य व्यवस्था की घोषणाएं की जाती हैं। अधीक्षक ने बताया कि अब तक टीम केवल एक बार ही आई है और समय-समय पर चेकअप के लिए दिए गए आवेदन अनदेखे किए जा रहे हैं।अधिकारियों की लापरवाही से बच्चों की सुरक्षा खतरे में पड़ सकती है। अधीक्षक ने उच्च अधिकारियों से मामले पर ध्यान देने और उचित कार्रवाई करने की मांग की है। कलेक्टर शीलेन्द्र सिंह ने सोमवार को समय सीमा की बैठक में लंबित प्रकरणों और शिकायतों की समीक्षा की। इस दौरान उन्होंने त्यौहारों में सरकारी स्कूलों में छात्रों की उपस्थिति कम पाए जाने पर कड़ी नाराज़गी जताई। कलेक्टर ने निर्देश दिए कि निरीक्षण दिवस पर उपस्थिति निराशाजनक मिलने पर शिक्षकों का वेतन काटा जाए और अनुपस्थित अतिथि शिक्षकों को तत्काल हटाकर प्रतीक्षा सूची के शिक्षकों को मौका दिया जाए। बैठक में विद्यालयों में सोलर पैनल को ग्रिड से जोड़ने का कार्य शीघ्र पूरा करने और चिलक व सुरलाखापा में 15 दिन के भीतर सहकारी समितियाँ शुरू करने के भी निर्देश दिए। शहर के प्रमुख गणेश पंडाल का विसर्जन इस बार बेहद भव्य और रंग-बिरंगे उत्सव के साथ संपन्न हुआ। दोपहर में शुरू हुए चल समारोह में लालबाग के बादशाह में लाइव ऑर्केस्ट्रा मुख्य आकर्षण रहा वहीं मोहन नगर के राजा में काव्या बैंजो और धूमधाम का अनोखा माहौल देखा गया। वही गुरैया रोड स्थित महाराजा के विसर्जन में बनारसी ड्रेस कोड ने सभी का ध्यान खींचा।देर शाम बस स्टैंड के पास रंग-बिरंगी आतिशबाजी ने उत्सव की शोभा और बढ़ा दी। चल समारोह के दौरान लालबाग के बादशाह और मोहन नगर के राजा का मिलन गर्ल्स कॉलेज के सामने हुआ जिसे श्रद्धालुओं ने बड़े उत्साह के साथ देखा। प्रधानमंत्री आवास योजना (बी.एल.सी.) के अंतर्गत राशि लेने के बावजूद भवन निर्माण नहीं करने वाले हितग्राहियों पर प्रशासन की सख्ती जारी है। नगर निगम आयुक्त चंद्रप्रकाश राय के निर्देश पर सोमवार को तहसीलदार की अदालत में 24 हितग्राहियों की पेशी हुई। इनमें से 02 ने पूरी राशि निगम को वापस कर दी जबकि 02 ने राशि वापसी के लिए आवेदन प्रस्तुत किया। 08 हितग्राहियों को सात दिन की मोहलत दी गई है। वहीं 12 अनुपस्थित हितग्राहियों की चल-अचल संपत्ति कुर्क करने के आदेश तहसीलदार ने दिए। निगम की ओर से लोकेश शर्मा और अंकित शुक्ला उपस्थित रहे। अधिकारियों ने स्पष्ट किया कि योजना में अनियमितताओं को किसी भी स्थिति में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी-कर्मचारियों ने सार्थक ऐप से ई-अटेंडेंस की अनिवार्यता को अव्यवहारिक बताते हुए इसका विरोध किया है जिसको लेकर अधिकारी-कर्मचारियों ने सोमवार को मुख्यमंत्री के नाम जिला कलेक्टर को ज्ञापन सौंपकर सार्थक ऐप से ई-अटेंडेंस की अनिवार्यता समाप्त करने की मांग की है। संघ का कहना है कि स्वास्थ्य सेवाएं 24 घंटे चलती हैं और ग्रामीण व दुर्गम क्षेत्रों में कार्यरत अमले को नेटवर्क व आवागमन की गंभीर समस्या झेलनी पड़ती है।ऐसे में ऐप आधारित उपस्थिति दर्ज कराना व्यवहारिक नहीं है उन्होंने शासन से पुनर्विचार कर इसे समाप्त करने की अपील की है। प्रदेश की ऊर्जा व्यवस्था को नई ऊँचाइयों तक पहुँचाने में अहम योगदान देने वाले विद्युत पेंशनर्स संगठनों को 26 अगस्त को रवीन्द्र भवन भोपाल में आयोजित नियुक्ति पत्र वितरण कार्यक्रम से बाहर रखा गया। इस निर्णय से पेंशनर्स गहरे आक्रोश और अपमान की भावना से व्यथित हैं।जिसको लेकर पेंशनर्स ने सोमवार को जिला कलेक्टर को मुख्यमंत्री के नाम सम्बंधित ज्ञापन सौपा । पेंशनर्स का कहना है कि वर्षों से वहां अपनी सेवाएँ देकर राज्य को पहचान दिलाने के बाद भी उन्हें इस आयोजन में नहीं बुलाया गया। उनकी समस्याओं और मुद्दों को रखने का अवसर भी छिन गया। इस पर पेंशनर्स संघों ने मुख्यमंत्री से मामले की जाँच कराने और वार्ता का समय उपलब्ध कराने की मांग की है।