मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मौसम विभाग द्वारा अगले कुछ दिनों के लिए प्रदेश के अधिकांश जनपदों के लिए जारी रेड तथा ऑरेंज अलर्ट को देखते हुए शासन तथा जनपद स्तरीय अधिकारियों को अतिरिक्त सावधानी बरतने तथा 24×7 अलर्ट पर रहने के निर्देश दिए। इस दौरान उन्होंने कहा कि अत्यधिक वर्षा के कारण राज्य के सामने लगातार चुनौतियां बनी हुई हैं और मौसम विभाग के पूर्वानुमान के अनुसार आने वाले कुछ दिन चुनौतीपूर्ण रहने वाले हैं। उन्होंने सभी अधिकारियों को निर्देश दिए कि आम नागरिकों की सुरक्षा के लिए समुचित कदम उठाए जाएं। भूस्खलन के दृष्टिगत मार्गों में विशेष सतर्कता बरती जाए तथा मैदानी क्षेत्रों में जल भराव की आशंका को देखते हुए सभी एहतियाती कदम उठाए जाएं। उन्होंने सचिव आपदा प्रबंधन एवं पुनर्वास विनोद कुमार सुमन को निर्देश दिए कि राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र से हर स्थिति पर नजर रखी जाए। भाजपा ने मातृ शक्ति के सशक्तिकरण और सुरक्षा के लिए सरकार द्वारा किए प्रयासों की सराहना की हैं। भाजपा महिला मोर्चा अध्यक्ष और केदारनाथ विधायक आशा नौटियाल ने कांग्रेस को आइना दिखाया कि जिनकी सरकारों में मंत्री विधायक महिला अपराधों में संलिप्त होते थे एफआईआर के लिए भी आंदोलन करना पड़ता था। आज वही रिपोर्टों को गलत तरीके से पेशकर देवभूमि की छवि खराब करने की कोशिश में लगे हैं मीडिया के लिए जारी अपने बयान में उन्होंने कहा धामी सरकार द्वारा महिलाओं की सुरक्षा और सम्मान के लिए अभूतपूर्व एवं साहसिक कदम उठाए जा रहे हैं। अब तक जितने भी महिला अपराधों के मामले सामने आए हैं उनमें एक भी ऐसा नहीं है जिसके आरोपी कानूनी शिकंजे से बाहर हो। कुछ प्रकरणों में तो रिकॉर्ड समय में कानूनी प्रक्रिया पूरी करवाकर दोषियों को उम्रकैद तक की सजा सुनिश्चित करवाई गई है। शेष जो भी अपराधी हैं वे जेल में अपने गुनाहों की सजा का इंतजार कर रहे है और इनमें कोई भी बचने वाला नही है सरोवर नगरी नैनीताल व उसके आसपास देर रात से तेज हवाओं के साथ मूसलाधार बारिश होने से जन जीवन अस्त व्यस्त हो गया। इधर जिला अधिकारी के आदेश के बाद स्कूलों व आंगनबाड़ी केंद्रों में एक दिवसीय अवकाश घोषित कर दिया गया। जबकि नैनीताल में मां नन्दा सुनन्दा महोत्सव भी हो रहा है जो कि बारिश के चलते हल्का हो गया है। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक भारी बारिश होने से हल्द्वानी के चोरगलिया मार्ग बंद हो गया। यहाँ पहाड़ो से पत्थर लुढ़कने के समाचार मिल रहे हैं जिस कारण नो ग्रामीण मार्ग समेत राज्य मार्ग बंद हो गए। जिसमें ज्योलीकोट क्वारब गर्जिया बेतालघाट नथुवाखान प्यूडा भवाली रामगढ़ हल्द्वानी चोरगलिया नाई भूमरअधोड़ा अमजड़ भीमताल चाबी जबकि सबसे अधिक मूसलाधार बारिश ओखलकांडा 82 .0 एम एम व सबसे कम 1.6 एम एम रामनगर में हुई ।इसी तरह नैनीताल स्नोव्यू 24.0एम एम हल्द्वानी काठगोदाम 35.0 एम एम कालाढूंगी 4.0 एम एम कैची धाम 15.0 एम एम मुक्तेश्वर 75 .6 एम एम बारिश पड़ी हुई बताई गई है। बारिश से ठंड भी काफी बढ़ने लग गई है। मौसम विभाग के अलर्ट को देखते हुए सरकार ने चार धाम यात्रा पर आगामी दो दिनों के लिए रोक लगा दी है। वहीं इस विषय पर बात करते हुए आपदा प्रबंधन सचिव विनोद कुमार सुमन ने कहा यात्रियों की सुरक्षा को देखते हुए सरकार ने फ़िलहाल के लिए यात्रा रोक दी है आज और कल मौसम विभाग के रेड और ऑरेंज अलर्ट को देखते हुए बद्रीनाथहेमकुंड साहिब रुद्रनाथ सहित यात्रा पर रोक लगा दी गई है। उत्तराखंड में बारिश कहर बनकर बरस रही है जगह-जगह लैंड स्लाइडिंग सड़के बंद जलस्तर बढ़ता हुआ नजर आ रहा है वहीं अगर उत्तराखंड के मौसम की बात की जाए तो मौसम वैज्ञानिक रोहित थपलियाल ने कहा उत्तराखंड के अधिकांश क्षेत्रों में आज भारी बारिश देखने को मिलेगी...एक सितंबर को यानी आज देहरादून पिथौरागढ़ बागेश्वर नैनीताल में अत्यधिक बारिश होने के कारण रेड अलर्ट और बाकी जिलों के येलो अलर्ट जारी किया है। दो सितंबर को भी देहरादून चमोली बागेश्वर जिलों में अधिक बारिश के कारण रेड व बाकी जिलों के लिए येलो अलर्ट जारी किया है। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अपने गृह क्षेत्र खटीमा के शहीद स्मारक पहुंचकर उत्तराखंड राज्य स्थापना के लिए अपने प्राणों की आहुति देने वाले शहीद राज्य आंदोलनकरियो को श्रद्धांजलि अर्पित करी। ज्ञात हो कि 1 सितंबर 1994 के दिन खटीमा में उत्तराखंड राज्य की मांग कर रहे आंदोलनकारियों पर पुलिस के द्वारा बर्बरता पूर्वक गोलियां चलाई गई थी। जिसमें सात राज्य आंदोलनकारियों ने अपने प्राणों की आहुति दी थी। उन्हीं राज्य आंदोलनकारियों को श्रद्धांजलि देने के लिए हर वर्ष 1 सितंबर को शहीद दिवस के रूप में मनाया जाता है। इस अवसर पर मुख्यमंत्री के साथ नैनीताल लोकसभा सीट से सांसद अजय भट्ट ने शहीद आंदोलनकारियों को श्रद्धांजलि अर्पित करी। कार्यक्रम में उपस्थित जनसमूह को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि खटीमा की भूमि उत्तराखंड की जननी है क्योंकि सर्वप्रथम 1 सितंबर 1994 के दिन खटीमा की इसी भूमि पर सात राज्य आंदोलनकारियों ने अपने प्राणों की आहुति दी।