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08-Jul-2025

बालाघाट-गर्रा मार्ग पर 1 किलोमीटर लंबा जाम वैनगंगा उफान के कारण बिगड़ी व्यवस्था न हादसे का डर न जान की परवाह: उफनते नाले से गुजरते रहे वाहन चालक तेज बारिश और उफनते नाले में फंसे चार ग्रामीण 7 घंटे के रेस्क्यू ऑपरेशन में सुरक्षित निकाले गए बालाघाट। मंगलवार दोपहर करीब 3:30 बजे बालाघाट-गर्रा पहुंच मार्ग पर भीषण ट्रैफिक जाम की स्थिति उत्पन्न हो गई। गर्रा रेलवे क्रॉसिंग के दोनों ओर वाहनों की लंबी कतारें लग गईं जिससे एक किलोमीटर से अधिक लंबा जाम बन गया। यह जाम करीब एक घंटे तक जारी रहा जिससे राहगीरों और वाहन चालकों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा।जानकारी के अनुसार वैनगंगा नदी में जलस्तर बढ़ने से डेंजर रोड को पूरी तरह बंद कर दिया गया था। इससे सारा यातायात गर्रा रेलवे क्रॉसिंग की ओर मोड़ दिया गया जिससे वहां अव्यवस्था फैल गई। जाम की स्थिति रेलवे क्रॉसिंग से वैनगंगा नदी के बड़े पुल तक और सीसीएफ कार्यालय तक बनी रही।लगभग आधे घंटे तक अव्यवस्थित स्थिति के बाद सीएसपी कोतवाली पुलिस और यातायात पुलिस मौके पर पहुंची और ट्रैफिक को नियंत्रित कर जाम खुलवाने का प्रयास किया। पुलिस की तत्परता से स्थिति धीरे-धीरे सामान्य हुई। बालाघाट। प्रशासनिक चेतावनी और खतरे की स्पष्ट जानकारी के बावजूद मंगलवार को वाहन चालकों ने डेंजर रोड बायपास मार्ग पर जान जोखिम में डालते हुए उफनते नाले को पार किया। वैनगंगा नदी के जलस्तर में तेज़ी से बढ़ोतरी के चलते नालों पर पानी का बहाव तेज हो गया था इसके बावजूद कई वाहन चालक लापरवाही भरा रवैया अपनाते दिखे।सूत्रों के मुताबिक हालात बिगड़ते देख प्रशासन ने इस मार्ग पर आवागमन प्रतिबंधित कर बेरिकेट्स लगाए थे लेकिन मौके पर कोई सुरक्षा कर्मी तैनात नहीं था। नतीजतन न तो कोई उन्हें रोकने वाला था और न ही चेतावनी देने वाला। लोग बेरिकेट्स हटाकर या किनारे से निकलकर पानी में डूबते मार्ग से गुजरते रहे।स्थानीय निवासियों का कहना है कि यह लापरवाही किसी बड़े हादसे को दावत दे रही है। उन्होंने प्रशासन से मांग की है कि संवेदनशील स्थानों पर न केवल स्पष्ट चेतावनी संकेत लगाए जाएं बल्कि सुरक्षा कर्मियों की तैनाती कर सख्ती से नियमों का पालन सुनिश्चित किया जाए। बालाघाट। जिले में लगातार हो रही मूसलाधार बारिश से नदी-नाले उफान पर हैं और कई ग्रामों का मुख्यालय से संपर्क कट चुका है। इसी बीच 7 जुलाई को थाना कटंगी अंतर्गत ग्राम जरामोहगांव के चार ग्रामीण ग्राम खड़गपुर थाना रामपायली के खेतों में काम कर लौट रहे थे तभी शाम करीब 6 बजे वे उफनते नाले को पार करते समय बीच में फंस गए।बताया जा रहा है कि नाला चनई नदी से जुड़ा है और अचानक तेज बहाव के चलते पानी का स्तर बढ़ गया। सभी ग्रामीण नाले के बीच में ही फंस गए। इसी दौरान उनका मोबाइल बंद हो गया जिससे परिजनों से संपर्क टूट गया और चिंता का माहौल बन गया।घटना की सूचना मिलते ही पुलिस अधीक्षक आदित्य मिश्रा के निर्देशन में तत्काल रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया गया। लगभग 7 घंटे तक चले इस ऑपरेशन में प्रशासन की टीम ने सभी फंसे ग्रामीणों को सुरक्षित बाहर निकालने में सफलता पाई। जिले में भारी बारिश के कारण भीमगढ़ बांध में जलस्तर तेजी से बढ़ गया है। जल स्तर को नियंत्रित करने के लिए 8 जुलाई को दोपहर 12 बजे बांध के गेट क्रमांक 5 और 6 खोले गए हैं। इनसे 8692 घन फीट प्रति सेकंड (क्यूसेक) की दर से पानी वैनगंगा नदी में छोड़ा जा रहा है।कार्यपालन यंत्री पी. एन. नाग ने बताया कि 8 जुलाई को बांध का जल स्तर 515.75 मीटर तक पहुंच गया था। इससे अतिरिक्त जल छोड़ा जाना आवश्यक हो गया। छोड़ा गया पानी लगभग 10 से 12 घंटे में बालाघाट जिले में पहुंचेगा जिससे नदी का जलस्तर बढ़ सकता है।इस स्थिति को देखते हुए जिला प्रशासन ने वैनगंगा नदी किनारे बसे गांवों के निवासियों से सतर्कता बरतने की अपील की है। प्रशासन ने कहा है कि ग्रामीण नदी के घाटों और किनारों से दूरी बनाए रखें और किसी भी आपात स्थिति में प्रशासन से संपर्क करें। जिले में बीते कई दिनों से जारी मूसलाधार बारिश ने जहां किसानों के चेहरों पर राहत की मुस्कान लाई है वहीं दूसरी ओर आम जनजीवन पूरी तरह प्रभावित हो गया है। लगातार बारिश के चलते जिले की नदियां-नाले उफान पर हैं जिससे ग्रामीण अंचलों और शहर को जोड़ने वाले मार्ग बंद हो गए हैं। बालाघाट-नैनपुर मार्ग भी जलभराव के चलते ठप हो गया है।स्थिति का जायज़ा लेने के लिए परसवाड़ा विधायक मधु भगत ने मंगलवार को चरेगांव क्षेत्र के लवेरी सूर्या शेरवी मोहगांव भालेवाड़ा सहित अनेक बाढ़ग्रस्त गांवों का दौरा किया। भ्रमण के दौरान उन्होंने ग्रामीणों से नदी-नालों से दूरी बनाए रखने की अपील की।विधायक ने कहा कि किसानों को फसल क्षति का मुआवजा दिलाने के लिए शासन स्तर पर प्रयास किए जाएंगे। उन्होंने प्रशासन को निर्देशित किया कि वह संवेदनशील क्षेत्रों में निगरानी बढ़ाएं और किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए सतर्क रहें।इसी दौरान पुलिस विभाग भी सक्रिय नजर आया और ग्रामीण इलाकों में तैनात रहकर स्थिति पर नजर बनाए हुए है ताकि किसी प्रकार की अनहोनी रोकी जा सके। बालाघाट। बौद्ध धर्म के आस्था और श्रद्धा का केंद्र महाबोधि महाविहार बोधगया का प्रबंधन पूर्ण रूप से बौद्ध समुदाय को सौंपने की मांग को लेकर 10 जुलाई से बालाघाट में अनिश्चितकालीन धरना प्रदर्शन की घोषणा की गई है। इस आंदोलन का आयोजन महाबोधि महाविहार मुक्ति आंदोलन समिति बालाघाट द्वारा किया जा रहा है।समिति के पदाधिकारियों ने जानकारी दी कि तथागत गौतम बुद्ध को यहीं ज्ञान की प्राप्ति हुई थी लेकिन बोधगया का प्रबंधन आज भी गैर-बौद्धों के हाथों में है जबकि देश के अन्य धर्मस्थलों का प्रबंधन संबंधित धर्म समुदायों को सौंपा गया है। इसी आधार पर बौद्ध समाज की मांग है कि महाबोधि विहार का प्रबंधन बौद्धों को सौंपा जाए।इस मुद्दे को लेकर 10 जुलाई को सुबह 8 बजे से डॉ. आंबेडकर चौक बालाघाट में परित्राण पाठ और दोपहर 1:30 बजे शांतिपूर्ण रैली निकाली जाएगी। रैली शहर के प्रमुख मार्गों से गुजरकर वापस आंबेडकर चौक पहुंचेगी जहां से अनिश्चितकालीन धरना प्रदर्शन की शुरुआत की जाएगी। शहर में सरेखा प्लाईओवर का निर्माण कार्य शुरू है और यातायात व्यवस्था को सुृचारू रूप से बनाए रखने के लिए समीप से ही अंडरबायपास बनाया गया है। जिससे प्रतिदिन आने व जाने वालो को किसी प्रकार की कोई परेशानी न हो। लेकिन हाल ही मेे हुई लगातार बारिश ने यह नवनिर्माण अंडरबायपास की पोल खोलतेे हुए ठेकेदार के द्वारा किया गया निर्माण कार्य की पोल खोल दी। यहां यह बता देना आवश्यक है कि बीते दिनो गर्मी के समय मे यह अंडरबायपास का निर्माण कार्य किया गया है। जिसका उद्घाटन भी अभी भी नही हुआ है। जिसक नतीजा सामने आकर अंडरबायपास मे दरारे और पानी दिवारो से बाहर की ओर आने लगा है। जिले में हुई तेज बारिश ने निर्माण कार्यों की गुणवत्ता पर बड़ा सवाल खड़ा कर दिया है। बालाघाट-गोंदिया नेशनल हाईवे के तहत बन रहे फोरलेन सडक़ निर्माण में भमोड़ी गांव के पास बना एम्बैंकमेंट पूरी तरह धराशायी हो गया जबकि सडक़ और एप्रोच मार्ग कई स्थानों पर धंस गए हैं। इन हालातों से यह क्षेत्र अब दुर्घटना की आशंका से ग्रस्त हो गया है।जानकारी के अनुसार राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के तहत गोंदिया से लावादा तक लगभग 1600 करोड़ रुपये की लागत से नेशनल हाईवे-543 पर फोरलेन सडक़ का निर्माण किया जा रहा है। भारतमाला परियोजना के तहत इस महत्वाकांक्षी सडक़ को 2026 तक पूरा करने का लक्ष्य है। बालाघाट-गोंदिया खंड का निर्माण कार्य अनुबंधित कंपनी केसीपीएल द्वारा किया जा रहा है।स्थानीय नागरिकों और विशेषज्ञों के अनुसार निर्माण में गुणवत्ता मानकों की अनदेखी की गई है। ठेकेदार कंपनी ने जल्दबाजी और लापरवाही से कार्य कर एम्बैंकमेंट और सडक़ की मजबूत नींव पर समझौता किया जिससे तेज बारिश ने इसकी पोल खोल दी है। सडक़ के धंसने और एम्बैंकमेंट के ढहने के बाद भी प्रशासन की ओर से न तो कोई सार्वजनिक चेतावनी जारी की गई है न ही ठेकेदार के खिलाफ कोई कार्यवाही की सूचना है। जिले में बीते रविवार से लगातार हो रही बारिश ने पिछले साल के सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं। अब तक जिले में 463 मिमी वर्षा दर्ज की गई है जबकि पिछले वर्ष इसी समय तक मात्र 213 मिमी बारिश हुई थी। यानी इस बार 250 मिमी अधिक वर्षा रिकॉर्ड की गई है।लगातार बारिश के कारण ग्रामीण क्षेत्रों की स्थिति चिंताजनक हो गई है। कई गांवों का सड़क संपर्क टूट गया है घरों में पानी घुस गया और फसलें भी भारी नुकसान की चपेट में हैं। परसवाड़ा और वारासिवनी क्षेत्रों में तालाब फूटने की घटनाएं सामने आई हैं।इस बीच भीमगढ़ बांध के दो गेट खोलकर वैनगंगा नदी में पानी छोड़ा गया है जिससे नदी का जल स्तर तेजी से बढ़ रहा है। अनुमान है कि यह पानी अगले 10 से 12 घंटों में बालाघाट क्षेत्र में पहुंच जाएगा।प्रशासन ने वैनगंगा नदी के किनारे बसे गांवों के निवासियों से सतर्क रहने की अपील की है।कलेक्टर मृणाल मीना ने कहा कि नदी-नालों का जल स्तर तेजी से बढ़ रहा है ऐसे में लोग किसी भी जोखिम से बचें।नगर पालिका अध्यक्ष भारती ठाकुर ने बताया कि शहर के कई वार्डों में जलभराव की समस्या है लेकिन नगर पालिका की टीम राहत कार्य में जुटी है।