राष्ट्रीय
महाराष्ट्र सरकार के मंत्री धनंजय मुंडे ने अदालत में स्वीकार किया कि उनके दो बच्चे हैं लेकिन उन्होंने शादी के दावे को खारिज कर दिया। उन्होंने परिवार न्यायालय द्वारा दिए गए मासिक भत्ते के आदेश को उच्च न्यायालय में चुनौती दी है। मुंडे ने अपनी याचिका में कहा कि वह बच्चों की परवरिश के लिए आर्थिक सहायता देने को तैयार हैं लेकिन भत्ते का आदेश कानूनी रूप से गलत है और इसे रद्द किया जाना चाहिए। परिवार न्यायालय ने पहले उन्हें बच्चों के लिए भत्ता देने का आदेश दिया था जिसे उन्होंने गलत ठहराया है। अब इस मामले में अगली सुनवाई जल्द होने की उम्मीद है।