मध्य प्रदेश में नगरीय निकायों के चुनाव उसी व्यवस्था से होंगे, जैसा पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ चाहते थे। अब निकायों में महापौर और अध्यक्ष के चुनाव अप्रत्यक्ष प्रणाली से होंगे। शिवराज सरकार ने राज्य निर्वाचन आयोग को पत्र लिखकर कहा है कि नगरीय निकायों के चुनाव अप्रत्यक्ष प्रणाली से ही कराएं। यानी नगर निगमों में महापौर और नगर पालिकाओं के अध्यक्षों को पार्षद चुनेंगे। गौरतलब है कि कमलनाथ सरकार के सत्ता से बाहर होने के बाद शिवराज सरकार ने दिसंबर 2020 में कमलनाथ सरकार के फैसले को पलट दिया था। यानी महापौर और अध्यक्ष का चुनाव प्रत्यक्ष प्रणाली से कराने का अध्यादेश जारी कर दिया था। अध्यादेश की अवधि समाप्त होने से पहले मध्य प्रदेश नगर पालिक विधि (संशोधन) विधेयक 2021 को शिवराज सरकार ने विधानसभा के बजट सत्र में पेश नहीं किया था। जबकि प्रस्तावित विधेयक को कैबिनेट से मंजूरी दे दी गई थी। आयोग को लिखे पत्र में सरकार ने इसका हवाला दिया है कि विधेयक को विधानसभा से मंजूरी नहीं मिलने के कारण अप्रत्यक्ष प्रणाली से चुनाव कराए जाएं।