मध्य प्रदेश और गुजरात सरकार के बीच टकराव की स्थिति बन रही है. सरदार सरोवर प्रोजेक्ट की बिजली को लेकर दोनों सरकारों के बीच टकराव की स्थिति पैदा हो गई है. एमपी का दावा है कि सरदार सरोवर बांध से अनुबंध के मुताबिक बिजली पैदा नहीं हुई. इसके चलते एमपी को दूसरे राज्यों से बिजली खरीदनी पड़ी. ऐसे में गुजरात सरकार से इसका 904 करोड़ रुपए का क्लेम एमपी द्वारा मांगा गया था, जिसे गुजरात सरकार ने खारिज कर दिया है. उपचुनाव में 28 सीटों के परिणाम कांग्रेस के अनुकूल नहीं थे। कांग्रेस ने सत्ता में वापसी का दावा किया था लेकिन उसे मात्र 9 सीटों पर जीत मिली। कांग्रेस का फोकस अब 2023 में होने वाले विधानसभा चुनाव पर है। इसके लिए पूर्व सीएम कमलनाथ संगठन को मजबूत करने के लिए फोकस कर रहे हैं। हार के बाद से ही कायस लगाए जा रहे हैं कि कमलनाथ नेता प्रतिपक्ष या प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष में से कोई एक पद छोड़ सकते हैं। कांग्रेस में अब संगठन की मजबूती पर सबसे ज्यादा फोकस है। प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ ने इसके लिए परफॉरमेंस को पहली प्राथमिकता पर रखा है। इसके तहत संगठन में परफॉरमेंस ऑडिट के आधार पर पद और जिम्मेदारी दी जाएगी। इसके लिए नए सिरे से गाइडलाइन तय की गई है। इनके आधार पर ही कार्यकर्ताओं को प्रदेश और जिले में पद दिए जाएंगे। इतना ही नहीं पदाधिकारियों के काम का रिपोर्च कार्ड भी बनेगा। प्रदेश से जिले और ब्लॉक के पदाधिकारियों की हर छह माह में समीक्षा होगी। रदेश में काऊ कैबिनेट (ब्व्ॅ ब्ंइपदमज) गठित करने के बाद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चैहान (ब्ड ैीपअतंर ैपदही ब्ींनींद) ने गोपाष्टमी के दिन यानि रविवार को एक जनसभा को संबोधित किया. इस दौरान सीएम ने कहा कि हम पहले अपने भोजन का एक हिस्सा गायों और कुत्तों के लिए रखते थे. अब इस परंपरा का पालन केवल असाधारण मामलों में किया जाता है. इसलिए मैं गौशालाओं में गायों के कल्याण के लिए जनता से कर के तौर पर छोटी सी राशि वसूलने पर विचार कर रहा हूं, ताकि गायों का अच्छी तरह से भरण-पोषण किया जा सके. कोरोना वायरस (ब्वतवदंअपतने) के संक्रमण के मामले एक बार फिर से बढ़ने लगे हैं. राजधानी भोपाल में बीते 24 घंटे में 345 नए कोरोना मरीजों की पुष्टि हुई है. दिवाली (क्पूंसप) के बाद से ही संक्रमण का मामला बढ़ रहा है. बीते कुछ दिन से औसतन हर दिन 300 कोरोना पॉजिटिव मरीजों की पहचान भोपाल में की जा रही है. भोपाल के अलावा इंदौर में भी कोरोना संक्रमण के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं. कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलों को देखते हुए सरकार लापरवाही करने वालों पर सख्ती बरतने के मूड में है. कृषि उपज मंडियों में मंडी शुल्क को लेकर असमंजस की स्थिति बनी हुई है। राज्य के कृषि मंत्री कमल पटेल का कहना है कि दीपावली (14 नवंबर) से शुल्क 1.70 फीसद से घटाकर 0.50 फीसद कर दिया गया है। इधर मंडी बोर्ड के प्रबंध संचालक संदीप यादव का कहना है कि अभी तक सरकार की ओर से इस संबंध में कोई आदेश नहीं मिले हैं। इसलिए फिलहाल शुल्क 1.70 फीसद ही लागू रहेगा। उत्तर की बर्फीली हवा से प्रदेश ठिठुर गया है। नवंबर का आखिरी हफ्ता शुरू होने से एक दिन पहले ही कड़ाके की ठंड पडने लगी है। भोपाल समेत प्रदेश के 12 जिलों में रात का तापमान 10 डिग्री के आसपास या नीचे रहा। राजधानी में शनिवार रात का पारा सीजन में सबसे कम 10.5 डिग्री पर पहुंच गया। यह 10 साल नवंबर की तीसरी और तीन साल बाद सबसे ठंडी रात रही। इससे पहले 2013 में 9.0 और 2017 में पारा 9.6 डिग्री पर पहुंच गया था। राजधानी भोपाल में एटीएम से दीवाली के दौरान 15 दिनों में धन की निकासी पिछले साल के मुकाबले औसतन 4.54 फीसदी अधिक रही। कैश लोड करने वाली एजेंसियों की मानें तो इस साल 1 से 14 नवंबर तक हर एटीएम से औसतन 230 ट्रांजेक्शन हुए। हर ट्रांजेक्शन पर औसतन 4000 से 5000 रुपए निकाले गए। राजधानी में कुल 1077 एटीएम हैं। इस आधार पर माना जा रहा है कि नवंबर के पहले पखवाड़े में लोगों ने 2,47,710 बार कार्ड के जरिए एटीएम से 123 करोड़ रुपए निकाले।