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राज्य
18-Nov-2020

1 हरदा कृषि मंडी में दीपावली के शुभ मुहूर्त की उपज खरीदी में किसान की बल्ले बल्ले हो गयी. मंडी में कृषि मंत्री कमल पटेल ने खुद ही मूंग की बोली लगा दी. मंत्री के बोली लगाते ही किसान की 7 हजार रुपये क्विंटल की मूंग का दाम 41 हजार रूपये क्विंटल पर पहुंच गया. उपज का आठ गुना ज्यादा भाव मिलते पर किसान की ख़ुशी का ठिकाना नहीं रहा.नीलामी में मंडी कर्मचारियों के बजाय कृषि मंत्री ने उपज के भाव की बोली लगाना शुरू कर दिया. नीलामी शेड में मंत्री के उपज भाव खोलते ही व्यापारियों ने बढ़ चढ़कर बोली लगाना शुरू कर दिया. बस उसके बाद नहालखेड़ा गांव के किसान दिनेश शर्मा की मूंग का भाव 41 हजार रूपये क्विंटल पर पहुंच गया. किसान को 3 क्विंटल मूंग के 21 हजार रूपये की जगह 1 लाख 23 हजार रूपये उसे मिले. वही खिड़कीवाला गांव के किसान मोहित की सोयाबीन 5 हजार 561 रूपये और नहालखेड़ा के किसान छोटू पटेल का चना 11,हजार 111 रूपये क्विंटल में बिक गया। 2 देश की पहली गौ-कैबिनेट मध्यप्रदेश सरकार ने बनाने का फैसला किया है। यह गायों के संरक्षण और संवर्धन के लिए काम करेगी। इस संबंध में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बुधवार को ट्वीट कर जानकारी दी। शिवराज सिंह चौहान ने लिखा कि प्रदेश में गौधन के संरक्षण और संवर्धन के लिए गौ-कैबिनेट बनाने का फैसला लिया है। पशुपालन, वन, पंचायत एवं ग्रामीण विकास, राजस्व, गृह और किसान कल्याण विभाग गौ-कैबिनेट में शामिल होंगे। इसकी पहली बैठक गोपाष्टमी के दिन 22 नवंबर को दोपहर 12 बजे गौ अभ्यारण सालरिया आगर-मालवा में रखी गई है। 3 पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने शिवराज सरकार पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि 2018 के विधानसभा चुनाव के पहले प्रदेश में गौ-मंत्रालय बनाने की घोषणा करने वाले शिवराज सिंह अब गौ-कैबिनेट बनाने की बात कर रहे हैं। उन्होंने अपनी चुनाव से पहले की घोषणा में गौ-मंत्रालय बनाने के साथ-साथ पूरे प्रदेश में गौ-अभ्यारण और गौशालाएं बनाने की बात कही थी। कमलनाथ ने कहा, सभी जानते हैं कि अपने पिछले 15 सालों और मौजूदा 8 महीने में शिवराज सरकार ने गौमाता के संरक्षण और संवर्धन के लिए कुछ भी नहीं किया। उल्टा चारे की रकम में कांग्रेस सरकार ने जो 20 रुपये प्रति गाय का प्रावधान किया था, उसे भी कम कर दिया। कांग्रेस सरकार ने अपने घोषणा पत्र में वादा किया था कि हमारी सरकार आने पर हम एक हजार गौशालाओं का निर्माण करवाएंगे। 4 मध्य प्रदेश के गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कांग्रेस पर निशाना साधा है। उन्होंने लव जिहाद को लेकर बनने वाले कानून और विधेयक को आगामी विधानसभा सत्र में लाने की बात कही है। साथ ही, उन्होंने कहा कि कांग्रेस ये बताए कि वो इस विधेयक के पक्ष में हैं या खिलाफ में। नरोत्तम ने कहा कि धर्म स्वातंत्रय विधेयक 2020 में अमेंडमेंट किए गए हैं। लव जिहाद धर्म विशेष से जुड़ा नहीं है। कोई भी जबरदस्ती, लालच, प्रलोभन देकर विवाह करता है, तो 5 साल का कठोर कारावास होगा। ऐसी शादी अमान्य हो जाएगी। इसे संज्ञेय और गैर जमानती अपराध माना जाएगा। भाजपा के लिए गीता, गंगा, गौ माता, तीन शुभ दाता हैं, इसलिए गौ कैबिनेट बनाई गई है। कांग्रेस सरकार 15 महीने बातें करती रही, 15 गौशाला नहीं बनाईं। इसके बाद जो प्रगति की, वो शिवराज सरकार ने की। 5 मध्यप्रदेश सरकार जल्द ही लव जिहाद विरोधी कानून लाने वाली है। इसे लेकर बुधवार को राज्य विधानसभा के प्रोटेम स्पीकर रामेश्वर शर्मा ने कहा कि हम कब तक सीता को रुबिया बनने देंगे? रामेश्वर शर्मा ने कहा, पाकिस्तान और आईएसआई एजेंट सीता को रुबिया में बदलने के लिए षड्यंत्र रचते हैं। हम कब तक सीता को रुबिया बनने देंगे, कब तक हम सीता को मरने देंगे? मुझे नरगिस और सुनील दत्त की तरह सच्चा प्यार दिखाओ। बताइए कितने सुनील दत्त से कितनी नरगिस ने शादी की? बता दें, मप्र के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने मंगलवार को कहा था कि मध्यप्रदेश फ्रीडम ऑफ रिलिजन बिल, 2020 को विधानसभा में पेश करने की तैयारी कर रहा है। इसमें लव जिहाद के खिलाफ पांच साल के कठोर कारावास का प्रावधान होगा। हम यह भी प्रस्ताव कर रहे हैं कि ऐसे अपराधों को संज्ञेय और गैर-जमानती अपराध घोषित किया जाए। 6 मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बुधवार को संकेत दिए कि अगले सप्ताह मंत्रियों के विभागों का बंटवारा नये सिरे से किया जाएगा। उपचुनाव में तीन मंत्रियों की हार के बाद विभागों को नये सिरे से बांटने की नौबत आई है। मुख्यमंत्री के इस संकेत के बाद यह भी साफ हो गया है कि हाल फिलहाल मंत्रिमंडल विस्तार नहीं होगा। भाजपा सूत्रों का कहना है कि आलाकमान और संघ से चर्चा के बाद भी विस्तार की कवायद शुरू होगी। फिलहाल सरकार और पार्टी का ध्यान प्रदेश के विकास पर है और उसी पर काम किया जाएगा। माना जा रहा है कि विभागों के बंटवारे को लेकर मुख्यमंत्री एक दो दिन में संगठन से चर्चा कर सकते हैं। 7 शिवराज सरकार में कृषि राज्य मंत्री गिर्राज दंडोतिया ने बुधवार को मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया। दंडोतिया दिमनी से चुनाव लड़े थे। उन्हें कांग्रेस के रविंद्र सिंह तोमर ने 23 हजार वोट से हराया है। ज्योतिरादित्य सिंधिया के कट्टर समर्थक दंडोतिया 2018 का चुनाव कांग्रेस की टिकट पर लड़ थे और वे भाजपा के शिवमंगल सिंह तोमर को करीब 18 हजार वोट से हराकर विधायक बने थे। उपचुनाव में 14 मंत्री चुनाव मैदान में उतरे थे। इसमें से तीन (दो सिंधिया समर्थक) इमरती देवी, गिर्राज दंडोतिया और एदल सिंह कंसाना चुनाव हार गए थे। इससे पहले पीएचई मंत्री कंसाना चुनाव हारने के बाद इस्तीफा दे चुके हैं। 8 भोपाल राजधानी समेत मध्य प्रदेश के ज्यादातर इलाकों में 3 दिन बाद फिर तेज ठंड का दौर शुरू होगा। मौसम वैज्ञानिक एचएस पांडे ने बताया कि उत्तर भारत में वेस्टर्न डिस्टरबेंस के कारण हुई बर्फबारी का असर 20 नवंबर से पडऩे के आसार हैं। इसके कारण भोपाल सहित मालवा, निमाड़, महाकौशल, विंध्य, बुंदेलखंड, ग्वालियर-चंबल इलाकों के शहरों व कस्बों में रात के तापमान में 3 डिग्री तक गिरावट हो सकती है। बुधवार को आ रहे वेस्टर्न डिस्टरबेंस का ज्यादा असर नहीं होगा, इसलिए 23 नवंबर से तापमान में चार पांच डिग्री की गिरावट होने की संभावना है। तब ठंड और बढ़ेगी। 9 भारतीय जनता पार्टी अब मालवांचल के सहारे ही 2023 के विधानसभा चुनाव में वापसी की तैयारी कर रही है। पार्टी का पहला लक्ष्य नगरीय निकाय चुनाव में सफलता पाना है। दरअसल, मालवा-निमाड़ में हुए नुकसान के कारण ही 2018 के विधानसभा चुनाव में भाजपा सत्ता से वंचित हुई थी। मालवांचल में 66 सीट में से भाजपा को मात्र 27 सीटें मिली थी। इस नुकसान की कुछ हद तक भरपाई भाजपा ने 28 विधानसभा क्षेत्रों में हुए उपचुनाव से कर ली। मालवा-निमाड़ अंचल में पार्टी सात में से छह सीट पर विजयी रही। इंदौर संभाग में 37 विधानसभा सीटों में से भाजपा के पास पहले नौ सीटें थीं, जो बढ़कर अब 12 हो गई हैं। 10 मध्य प्रदेश की 28 विधानसभा सीटों के उपचुनाव में कांग्रेस की करारी हार के बाद अब संगठन में ऊपर से नीचे तक बदलाव तय है। प्रदेश संगठन ने इसकी तैयारी शुरू कर दी है। हार की समीक्षा होने के बाद इसकी शुरुआत होगी। उधर, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमल नाथ ने पार्टी की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी से पिछले दिनों नई दिल्ली में मुलाकात कर चुनाव को लेकर प्रारंभिक फीडबैक दिया है। वहीं, संगठन में बदलाव को लेकर भी चर्चा हुई है। बताया जा रहा है कि उनके भोपाल लौटने के बाद संगठन इस दिशा में काम शुरू करेगा। सूत्रों के मुताबिक, प्रदेश कांग्रेस से लेकर संगठन की सभी इकाईयों में बदलाव के स्वर उठने लगे हैं। उपचुनाव के समय जो नियुक्तियां की गई थी, उन्हें निरस्त करने की बात उठ रही है। 11 ओलावृष्टि से मुरैना जिले के 8 गांवों में फसलों को नुकसान हुआ है। यह आठों गांव सबलगढ़ विकास खण्ड के हैं। नुकसान की प्राथमिक जानकारी आने के बाद कलेक्टर कलेक्टर अनुराग वर्मा ने इन सभी आठ गांवों में फसलों के नुकसान के सर्वे के आदेश दिए हैं और इस सर्वे की जिम्मेदारी सबलगढ़ एसडीएम अंकिता धाकरे को दी गई है। गौरतलब है कि, सोमवार-मंगलवार की रात पहले आंधी आई उसके बाद बारिश शुरू हुई। आंधी व बारिश के साथ सबलगढ़ क्षेत्र में ओलावृष्टि भी हुई। कई गांवों में तो इतने ओले बरसें के खेतों के कूढ़ ओलों से भर गए और सरसों व गेहूं की जो फसल अंकुरित हुई है उसको नुकसान हुआ है। 12 जबलपुर गन कैरिज फैक्ट्री (जीसीएफ) में स्वदेशी तकनीक से तैयार की गई धनुष तोप सेना की ताकत बनती जा रही है। जीसीएफ में तैयार छह धनुष तोप का ओडिशा राज्य के बालासोर में परीक्षण चल रहा है। ये परीक्षण सैन्य अफसरों के सामने किया जा रहा है। परीक्षण में धनुष तोप (155 एमएम/45 कैलिबर गन) की एक से बढ़कर एक खूबियों को देख कर सैन्य अफसर भी उत्साहित नजर आए। जीसीएफ बोर्ड को कुल 114 धनुष तोप बनाने का आदेश मिला है। इस वर्ष कुल 18 धनुष तोप बनाने थे। 13 नवंबर में कोरोना मरीज मिलने की रफ्तार बढ़ गई है। 17 दिन में हर रोज औसतन 179 मरीज मिल रहे हैं। ऐसे समय में नगर निगम द्वारा मास्क नहीं पहनने वालों पर ढिलाई बरती जा रही है। जुलाई में हररोज मास्क नहीं लगाने वाले औसतन 157 लोगों के खिलाफ चालानी कार्रवाई की जा रही थी। तब महीनेभर में 4712 के चालान बनाए जा रहे थे। अब आलम यह है कि नवंबर के 17 दिनों में बिना मास्क वाले महज 391 लोगों के खिलाफ ही चालानी कार्रवाई की गई, यानी नवंबर में एक दिन में औसतन 23 लोगों के ही चालान बनाए जा रहे हैं। 14 भोपाल में लंबे समय से बंद सिनेप्लेक्स अब खुलने लगे हैं। शहर के मुक्ता, ज्योति, संगम और भारत सिनेप्लेक्स खुल गए हैं। वहीं, पीवीआर खुलने के बाद आईनॉक्स भी शुक्रवार से खुलने जा रहा है। खास बात यह है कि संचालकों के सामने सबसे बड़ी समस्या किसी बड़ी फिल्म का रिलीज न होना है। इस वजह से सिनेप्लेक्स संचालकों के सामने आगे इसके संचालन का संकट है, क्योंकि दर्शक पुरानी फिल्में देखने नहीं आते हैं। शहर में एक महीने पहले सबसे पहले पीवीआर खुला था। अब धीरे-धीरे अन्य सिनेमाघर भी खुलने लगे हैं। लेकिन, अब भी दर्शकों की कमी सबसे बड़ी समस्या बनी हुई है। 15 प्रदेश के आदिवासी शर्तिया इलाज के लिए कौन सी जड़ी-बूटियों का इस्तेमाल करते हैं, इस रहस्य से अब जल्दी ही परदा उठने वाला है। इस परंपरागत उपचार पद्धति में शहडोल, अनूपपुर, मंडला और डिंडोरी जिले में आदिवासियों द्वारा उपयोग की जाने वाली आयुर्वेदिक दवाओं पर शोध किया जाएगा। यह काम राजधानी के पंडित खुशीलाल शर्मा आयुर्वेद कॉलेज द्वारा किया जा रहा है। मप्र के आदिम जाति कल्याण विभाग द्वारा यह शोध कराया जा रहा है। इसमें करीब छह करोड़ रुपए की राशि खर्च होगी। पंडित खुशीलाल शर्मा आयुर्वेद कॉलेज के प्राचार्य डॉ. उमेश शुक्ला ने बताया कि देश में पहली बार इस तरह का शोध किया जा रहा है। इसे मंजूरी 2019 में मिल गई थी, लेकिन कोरोना संक्रमण के चलते शोध शुरू करने में देरी हुई है। इसके लिए अलग से कुछ स्टाफ की भर्ती भी की जा रही है। 16 प्रदेश के मंदसौर जिले के कई गांवों में दीपावली के दूसरे दिन मनाई जाने वाली सदियों पुरानी परंपरा छोड़ फाड़ कार्यक्रम को लेकर स्थानीय विधायक यशपालसिंह सिसौदिया अपनी ही पार्टी भाजपा के कैबिनेट मंत्री हरदीपसिंह डंग आमने-सामने आ गए हैं। यह परंपरा जिले के शामगढ़ और गरोठ क्षेत्र के लंबे समय से मनाई जा रही है। दरअसल, मामला कैबिनेट मंत्री डंग द्वारा कार्यक्रम में शामिल होकर छोड़ पकड़कर गायों से फड़वाने की शुरुआत करने से प्रारंभ हुआ है। विधायक इस परपंरा को पशु कू्ररता से जोड़कर शासन व प्रशासन से ऐसे आयोजनों पर संज्ञान लेने की बात कर रहे हैं। 17 विधानसभा उपचुनाव में हार के बाद कांग्रेस नेताओं द्वारा पार्टी के समानांतर चलाए जा रहे सगंठनों को बंद करने की मांग एक बार फिर उठी है। कांग्रेस मुख्यालय के साथ प्रदेश अध्यक्ष को भी इस बारे में शिकायत भेजी गई है। मांग की गई है कि पार्टी से जुड़े नेता ही अलग-अलग नाम से अपने संगठन चला रहे हैं। इससे पार्टी कमजोर हो रही है। कमलनाथ सरकार के रहते पहले भी कांग्रेस के समानांतर कांग्रेस नेताओं द्वारा संचालित किए जा रहे संगठनों को प्रतिबंधित करने की मांग उठी थी। प्रदेशभर के कई शहरों में राजीव विकास केंद्र, राहुल गांधी युवा ब्रिगेड, इंदिरा सेना, नेआओं के नाम पर फैंस क्लब जैसे तमाम संगठनों को खुद कांग्रेस के नेता पदाधिकारी ही चला रहे हैं।