भोपाल में शराब ठेकेदार किशन असुदानी की बेटी दिव्या असुदानी ने मध्य प्रदेश की शिवराज सरकार से अपने पिता को बचाने की गुहार लगाई है। ठेकेदार की बेटी इन दिनों लंदन में रहती है और पढ़ाई करती है। उन्होंंने सीएम शिवराज सिंह चौहान, गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा, प्रमुख सचिव दीपाली रस्तोगी, डीजीपी विवेक जौहरी, डीआईजी इरशाद वली और रायसेन एसपी मोनिका शुक्ला को पत्र लिखकर आशंका जताई है कि उसके पिता किशन असुदानी को जान का खतरा है। दिव्या ने पत्र में लिखा कि उनके पापा ने कुछ दिन पूर्व शराब से जुड़े मामले में गवाही दी थी। लेकिन अब आबकारी विभाग के कुछ अधिकारी उसके पापा को झूठे केस में फंसा रहे हैं। उन्होंने लिखा है कि सीएम शिवराज मामा जी मेरे पिता को इन भ्रष्टाचारी कंस रुपी अधिकारियों से बचा लीजिए। दिव्या ने पत्र में कुछ दिनों पूर्व शराब ठेकेदारों के साथ हवन करते हुए नजर आये उप निरीक्षक विवेक त्रिपाठी का जिक्र करते हुए त्रिपाठी और अन्य आबकारी अधिकारीयों से अपने पिता की जान का दुश्मन बताया है। सूत्र बताते है कि उपचुनाव के दौरान साँची के पास पकड़ाई गई 70 लाख की अवैध शराब की सूचना दिव्या के पिता और शराब ठेकेदार किशन आसुदानी ने ही दी थी। इसके बाद आबकारी विभाग ने उन्हें गवाह भी बनाया था। दिव्या के अनुसार स केस को ख़तम करने के लिए उनके पिता पर दवाब बनाया जा रहा है। वही विवेक त्रिपाठी ने पूरे मामले को लेकर कहा कि मेरा इससे कोई लेना देना नहीं है। गौरतलब है कि आबकारी विभाग में बड़े पदों पर बैठे अधिकारी जमकर चांदी काट रहे है। और गाज छोटे अधिकारीयों पर गिरती आयी है। आबकारी उप निरीक्षक विवेक त्रिपाठी का विवादों से गहरा नाता रहा है। इतने सारे गंभीर आरोपों के बाद भी भोपाल कलेक्टर अभिनाश ने विवेक त्रिपाठी को रिलीव न करने को लेकर आबकारी आयुक्त को पत्र लिखा है। सूत्र बताते है कि कलेक्टर ने जिन पत्र में जिन प्रकरण का हवाला दिया है वह प्रकरण इनके द्वारा नहीं बनाया गया फिर भी वे विवेचना करेंगे। इसके साथ ही त्रिपाठी के पास तकनीकी योग्यता भी नहीं है। अब देखना होगा कि दिव्या की सीएम से लगाई गई गुहार के बाद जिम्मेदारों पर कोई कार्रवाही होगी या फिर एक बार और नोटिस थामकर मामले को रफा दफा कर दिया जायेगा।