Hindi News Agency,Public Search Engine, Public directory - Express Media Service
राज्य
23-Oct-2020

पूरी दुनिया कोरोना वायरस की वैक्सीन का इंतजार कर रही है. इस बीच सीएम शिवराज ने बड़ी सौगात दी है, उन्होंने उपचुनाव से पहले ऐलान किया कि लोगों को मुफ्त में कोरोना की वैक्सीन दी जाएगी. ये केवल आर्थिक रूप से कमजोर लोगों को ही मुफ्त में मिलेगी. इससे पहले सीएम ने ट्वीट कर सभी को मुफ्त देने का ऐलान किया था. सीएम शिवराज ने ट्वीट कर लिखा था मेरे प्रदेशवासियों को कोरोना से जनता को बचाने के लिए हमने अनेक प्रभावी कदम उठाए हैं। आज यह पूरी तरह से नियंत्रित है। भारत में कोरोना की वैक्सीन तैयार करने का कार्य तेजी से चल रहा है, जैसे ही वैक्सीन तैयार होगी, मध्यप्रदेश के प्रत्येक नागरिक को वह मुफ्त में उपलब्ध कराई जाएगी।मेरे प्रदेशवासियों, रुब्व्टप्क्19 से जनता को बचाने के लिए हमने अनेक प्रभावी कदम उठाए हैं। आज यह पूरी तरह से नियंत्रित है। भारत में कोरोना की वैक्सीन तैयार करने का कार्य तेजी से चल रहा है, जैसे ही वैक्सीन तैयार होगी, मध्यप्रदेश के प्रत्येक नागरिक को वह मुफ्त में उपलब्ध कराई जाएगी। वहीं अब मुख्यमंत्री शिवराज ने नया ट्वीट किया है. जिसमें लिखा श्श्जब से देश में रुब्व्टप्क्19 वैक्सीन का ट्रायल शुरू हुआ, देश के गरीब वर्ग में एक चर्चा भी शुरू हुई, “क्या हम ये खर्च वहन कर पाएँगे?” आज मैं स्पष्ट कर देना चाहता हूँ, मध्यप्रदेश में हर एक गरीब प्रदेशवासी को मुफ्त वैक्सीन मिलेगी। हम ये जंग जीतेंगे.श्श् भाजपा और कांग्रेस के स्टार प्रचारकों की सूची जारी हो गई। दोनों ने तीस-तीस लोगों के नाम दिए, लेकिन हर सीट पर डिमांड चंद नेताओं की ही है। भाजपा से मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और कांग्रेस में पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ पहले नंबर पर हैं। हालांकि सभाएं, रैलियां और प्रचार की दौड़ में कमलनाथ से शिवराज सिंह आगे हैं। उपचुनाव की आदर्श आचार संहिता लगने वाले दिन 29 सितंबर से लेकर 22 अक्टूबर तक शिवराज सिंह ने 38 सभाएं कर ली, जबकि कमलनाथ ने 19 सभाएं की हैं। सभाएं व रैलियों की संख्या को देखें तो चंबल और ग्वालियर संभाग की सीटों पर शिवराज सिंह व कमलनाथ का ध्यान ज्यादा है। खासतौर पर भांडेर और मेहगांव। यहां शिवराज व भाजपा के बाकी नेताओं ने छह-छह सभाएं की हैं। दो-दो सभाएं तो सिर्फ शिवराज ने की हैं। कमलनाथ यहां एक ही बार पहुंचे हैं, लेकिन पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह यहां पर्दे के पीछे सक्रिय हैं और गोविंद सिंह-अजय सिंह सभाएं ले रहे हैं। पोहरी और करैरा में भी मुख्यमंत्री दो बार जा चुके हैं। ब्यावरा में तीन बार। 15 अक्टूबर तक भाजपा दो हेलीकॉप्टर का उपयोग कर रही थी, जिसमें से एक मुख्यमंत्री के पास और एक हेलीकॉप्टर प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा व केंद्रीय नरेंद्र सिंह तोमर के बीच था। सिंधिया के 18 अक्टूबर से सक्रिय होने के बाद एक हेलीकॉप्टर उन्हें दिया गया है। कांग्रेस में कमलनाथ ही एक हेलीकॉप्टर का इस्तेमाल कर रहे हैं। 25 अक्टूबर से एक हेलीकॉप्टर और आ जाएगा। केंद्रीय मंत्री प्रहलाद पटेल और पूर्व केंद्रीय मंत्री उमा भारती इसी दिन से एक्टिव होंगे। उप चुनाव के प्रचार के बीच मप्र के एक हिस्से में चुनावी सभाओं पर हाईकोर्ट की रोक के बाद सियासत तेज हो गई है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने गुरुवार को कहा कि प्रदेश के एक हिस्से में रैली व सभा हो सकती है, दूसरे हिस्से में नहीं। बिहार में सभाएं हो रही हैं, रैलियां हो रही हैं, लेकिन यहां रोक है। ये कैसा विधान है। हाईकोर्ट की ग्वालियर बेंच ने चुनाव आयोग की अनुमति पर ही सभाएं कराने का फैसला दिया है। भाजपा इसी के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट जाएगी। शिवराज की गुरुवार को अशोकनगर के शाढ़ोरा और भांडेर के बसवाहा की सभाएं इसी वजह से निरस्त हुईं। उन्हें 48 घंटे पहले रिटर्निंग ऑफिसर से मंजूरी लेनी थी। यहां तमाम तैयारियां हो गईं थीं। मध्यप्रदेश के मुख्‍यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने ग्वालियर में भाजपा प्रत्याशी मुन्नालाल गोयल के समर्थन में हो रही सभा के दौरान प्रदेश के गरीबों को कोरोना का टीका मुफ्त लगाने की घोषणा की। इसके बाद उन्होंने ट्वीट किया कि मध्यप्रदेश के प्रत्येक नागरिक को कोरोना का टीका मुफ्त में उपलब्ध कराया जाएगा। बता दें कि बिहार विधानसभा चुनाव के लिए भाजपा ने अपना घोषणा पत्र जारी कर दिया है, जिसे संकल्प पत्र का नाम दिया गया है। इसमें पार्टी ने कोरोनावायरस की वैक्सीन बनने के बाद सभी को मुफ्त में टीका लगाने का वादा किया है। सीएम चौहान का यह कदम इसी से प्रेरित माना जा रहा है। मध्यप्रदेश के उपचुनाव में भाजपा-कांग्रेस के नेताओं का एक-दूसरे के लिए अमर्यादित भाषा का उपयोग थमने का नाम नहीं ले रहा है। मुरैना के दिमनी में हुई सभा में भाजपा प्रत्याशी और शिवराज सरकार में मंत्री गिर्राज दंडोतिया ने कमलनाथ को लेकर विवादित बयान दिया है। दंडोतिया ने कहा कि डबरा की जगह दिमनी होता तो कमलनाथ की यहां से लाश उठकर जाती। गुरुवार को दिमनी के कमतरी में हुई इस सभा में ज्योतिरादित्य सिंधिया भी मंच पर मौजूद थे। आज ही मुरैना के अंबाह और जौरा में कमलनाथ ने भी अपने प्रत्याशियों के समर्थन में सभाएं की हैं। सात महीने बाद मध्यप्रदेश सरकार ने वर्क फ्रॉम होम की व्यवस्था पूरी तरह खत्म कर दी है। अब सभी सरकारी अधिकारियों-कर्मचारियों को ऑफिस जाना ही होगा। हालांकि, कुछ गाइडलाइन भी तय की गई है। इसमें मुख्य रूप से कार्यालय में काम के दौरान अधिकारी-कर्मचारी न तो किसी से हाथ मिला सकते हैं और न ही साथ बैठकर चाय-नाश्ता कर सकेंगे। मध्यप्रदेश शासन ने बुधवार देर रात भारत सरकार के अनलॉक-5 के निर्णय के मद्देनजर सरकारी कर्मचारियों को शत-प्रतिशत ऑफिस में अपनी उपस्थिति के निर्देश जारी किए हैं। इसे तत्काल प्रभाव से लागू करा दिया गया है। जहां शिवराज, सिंधिया, तोमर की सभाएं रद्द हुईं, वहीं, पूर्व सीएम कमलनाथ ने मुरैना जिले की अंबाह और जौरा सीट पर सभा को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनते ही हम केंद्र के कृषि बिल को खारिज करेंगे और किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य का लाभ दिलाने के लिए पंजाब की तर्ज पर नया कानून बनाएंगे। उन्होंने कहा- 2018 में प्रदेश में कांग्रेस सरकार बनने के बाद मुझे काम करने के लिए सिर्फ 11 महीने मिले। 17 महीने में से ढाई महीने लोकसभा चुनाव व आचार संहिता में निकल गए। वहीं एक महीना भाजपा ने विधायकों की खरीद-फरोख्त कर सरकार गिराने में निकाल दिया। शहर में एक मासूम की नरबलि चढ़ाने की कोशिश का प्रकरण सामने आया। वारदात बरेला थाने से आठ किमी दूर पड़वार रोड स्थित करोरा गांव की बताई जा रही है। 17 अक्टूबर को वारदात के बाद पीड़ित परिवार थाने पहुंचा, लेकिन पुलिस ने गम्भीरता नहीं दिखाई। बुधवार को पनागर के भाजपा विधायक सुशील उर्फ इंदू तिवारी पहुंचे। तब जाकर पुलिस सक्रिय हुई। गुरुवार को मामले में चार टीमें गठित कर पूरे प्रकरण की जांच कराई जा रही है। पुलिस विभाग 4 हजार आरक्षकों की भर्ती करने जा रहा है। इसके लिए पुलिस मुख्यालय की ओर से सूचना जारी की गई है। इसके मुताबिक विभागीय नियमों और परीक्षा संचालन के संबंध में नियमों का प्रकाशन 25 नवंबर को होगा। ऑनलाइन आवेदन 24 दिसंबर से 7 जनवरी 2021 तक स्वीकार्य होंगे। आवेदन में संसोधन 12 जनवरी 2021 तक किए जा सकेंगे। वहीं परीक्षा 6 मार्च 2021 से शुरू होगी। हालांकि, जारी सूचना में स्पष्ट लिखा गया है कि ये समस्त तारीखें पूरी तरह से संभावित हैं। ऐसे में भर्ती कार्यक्रम में बदलाव की आशंका भी है। कोरोना के चलते बीयू की दिसंबर में होने वाली परीक्षाएं भी ओपन बुक पैटर्न पर करवाई जा सकती हैं। इधर, बीयू ने सितंबर में हुई स्नातक और स्नातकोत्तर परीक्षाओं का रिजल्ट घोषित नहीं किया है। दोबारा परीक्षा परिणाम आने में देर न हो, इसके लिए उच्च शिक्षा विभाग भी इसकी समीक्षा करेगा कि आखिर क्या वजह है कि परिणाम समय पर घोषित नहीं हो पा रहे। दिसंबर में बीयू की प्रथम और तृतीय सेमेस्टर की परीक्षाएं प्रस्तावित हैं। इसके अलावा वार्षिक पैटर्न पर होने वाली परीक्षाएं भी ओपन बुक पैटर्न पर करवाई जा सकती हैं। पाकिस्तान से आई गीता के माता-पिता की तलाश के बीच अब उसे आत्मनिर्भर बनाने की तैयारी की जा रही है। इसमें एसजीएसआईटीएस कॉलेज आगे आया है। संस्थान ने गीता को तकनीकी रूप से सक्षम बनाने का फैसला लिया है ताकि वह भविष्य में अपनी आजीविका खुद चला सके। गीता संस्थान के सीआईडीआई पहुंची। वहां निदेशक आरके सक्सेना ने गीता से करीब दो घंटे तक बात भी की। दिग्विजय सिंह के खाद को लेकर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को एक पत्र लिखे जाने पर अब सियासत शुरू हो गई। कृषि मंत्री कमल पटेल ने पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के पत्र को हास्यास्पद बताते हुए कड़ी प्रतिक्रिया दी है। जब कमलनाथ ने कोई वादा पूरा नहीं किया और किसान परेशान हो रहे थे, तब उन्होंने पत्र क्यों नहीं लिखा? कांग्रेस ने जनता को धोखा दिया है, अब उन्हें जनता धक्का देगी। दिग्विजय सिंह ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को पत्र लिखकर रबी फसल में यूरिया के संकट का हवाला देते हुए ध्यान देने का आग्रह किया है। मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने प्राइवेट अस्पतालों को फायदा पहुंचाने के लिए अधिक भुगतान का आरोप लगाने वाली याचिका खारिज कर दी है। कोर्ट ने याचिकाकर्ता पर कोर्ट का समय बर्बाद करने और तथ्यहीन मामला रखने पर एक लाख रुपए का जुर्माना भी लगाया है। याचिकाकर्ता को जुर्माने की राशि दो महीने के अंदर सीएम रिलीफ फंड में जमा करने का आदेश दिया है। भोपाल के एक्टिविस्ट भुवनेश्वर मिश्रा ने राज्य सरकार की ओर से निजी अस्पतालों को कोरोना डेडिकेटेड अस्पताल बनाने और प्रत्येक मरीज पर होने वाले 5400 रुपए के खर्च को जनहित याचिका के माध्यम से हाईकोर्ट में चुनौती दी गई थी। अरब सागर में पिछले चार दिन से बना कम दवाब का क्षेत्र कमजोर पड़कर समाप्त हो गया है। वर्तमान में बंगाल की खाड़ी में एक अवदाब का क्षेत्र बना हुआ है। इस सिस्टम के शुक्रवार को गहरा अवदाब के क्षेत्र में तब्दील होकर आगे बढ़ने की संभावना है। इससे उत्तर-पूर्व के इलाकों में भारी बारिश की आंशका है। विशेषकर त्रिपुरा में तबाही मच सकती है। हालांकि इसके प्रभाव से मप्र के मौसम में विशेष परिवर्तन की संभावना नहीं है।