इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च , नेशनल सेंटर फॉर डिसीज कंट्रोल , एम्स व मप्र स्वास्थ्य विभाग द्वारा कोरोना वायरस को फैलाव जन समुदाय में पता करने के लिए भोपाल व इंदौर में बड़ा अध्ययन किया जा रहा है। दोनों शहरों में 250-250 लोगों के ब्लड के सैंपल लेकर उनकी एंटीबॉडी की जांच कराई जाएगी। इसके जरिए यह पता किया जाएगा कि ऐसे लोग तो जन समुदाय में नहीं हैं, जिन्हें कोरोना हो गया हो, लेकिन उन्हें पता ही नहीं चला हो। अप्रैल से ही चिकित्सा विज्ञानियों में इस बात की आशंका है कि कोरोना का संक्रमण कम्युनिटी में फैल चुका है। इसे लेकर आईसीएमआर ने सीरोलॉजी टेस्ट कराने का निर्णय लिया है। पहले चरण का अध्ययन मई में पूरा हो चुका है। अब दूसरे चरण का अध्ययन किया जा रहा है। भोपाल में शनिवार से एम्स व स्वास्थ्य विभाग की टीम सैंपल लेना शुरू करेगी। इसके पहले मरीजों का पूरा ब्यौरा लिया जाएगा। स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने बताया कि सैंपल लेने के लिए दो श्रेणियां बनाई गई हैं। पहली श्रेणी में स्वास्थ्यकर्मी, पुलिस, प्रशासनिक अधिकारी और कर्मचारियों को शामिल किया जाएगा। इन्हें शामिल करने की वजह यह है कि ड्यूटी के दौरान इनके संक्रमित होने का खतरा ज्यादा रहता है। इसके बाद जहांगीराबाद, मंगलवारा, बुधवारा व अन्य हॉटस्पाट से लोगों के ब्लड सैंपल लिए जाएंगे। इन सैंपलों की जांच एम्स की जाएगी। इसके बाद पूरा ब्यौरा आईसीएमआर को भेजा जाएगा। आईसीएमआर से देशभर की रिपोर्ट एक साथ जारी होगी।