#लॉकडाउन के दौरान जब सभी लोग घरों में लॉक थे और परिवार के साथ-साथ सामाजिक, व्यापारिक एवं राजनैतिक संगठनों के सभी कार्य #इंटरनेट के माध्यम से हो रहे थे। ऐसे समय में जैन समाज में बहुत से ऐसे परिवार थे जो अपनी प्राचीन परंपरा के साथ भारतीय संस्कृति की जीवन शैली को जीवन में अपनाएं हुए थे। परिवार के बुज़र्ग दादा दादी के साथ प्रतिदिन पूरा परिवार बैठकर धार्मिक शास्त्रों के पठन-पाठन के साथ जीवन शैली के विभिन्न मुद्दों पर चर्चा कर जीवन के उच्च विचारों की सीख लेकर जीवन को रचनात्मक रूप दे रहे। ऐसे ही परिवारों में राजधानी का #जैनाविन परिवार है। जिसमें परिवार की 80 वर्षीय बुज़र्ग #कुसुमजैन धार्मिक गृहणी है। जिन्होंने अपने संस्कारों से सम्पूर्ण जैनाविन परिवार को उच्चाइयों तक पहुंचाया है। प्रतिदिन सम्पूर्ण जैनाविन परिवार घर में एक साथ शाम को बैठकर श्री भक्ताम्बर जी का वाचन और शास्त्र आदि का अध्ययन करते थे। परिवार की मुखिया कुसुम जैन द्वारा प्रतिदिन शास्त्र अध्ययन के साथ जैन सिद्धान्तों को बताया गया। परिवार के सुनील जैनाविन जो वर्तमान में #कस्तूरबानगरमंदिरसमिति के #अध्यक्ष के साथ #राजधानी की अनेक सामाजिक, व्यापारिक एवं राजनैतिक सगठनों से जुड़े रहकर समाज सेवा के कार्य कई वर्षों से कर रहे हैं। परिवार के अन्य सदस्य सुधीर जैनाविन श्रीमति कामनी, रश्मी, शैली, साहिल और शुभ है। जैनाविन परिवार के सबसे छोटे सदस्य शुभ ने तो लॉकडाउन के समय मेरी भावना, देवस्तुति, श्री भक्ताम्बर महिमा कंठस्थ याद कर लिया।। इसी प्रकार राजधानी #जैनसमाज के पंडित #कस्तूर चंद जैन बजाज का परिवार है। परिवार के सदस्य घर के मुखिया बुजुर्ग पंडित कस्तूर चंद जैन बजाज की छत्र-छाया में भारतीय संस्कृति-संस्कारों के साथ जीवन यापन कर रहे है। प्रतिदिन घर के सभी सदस्य कस्तूर चंद जी से शास्त्र उपदेशक श्रमण करते है। सामूहिक प्रार्थना करते है। घर के सभी सदस्य एक साथ महीने में 2 दिन व्रत उपवास भी रखते है। परिवार के सदस्यों ने जीवन को उत्कृष्ट बनाने अनेक नियम ले रखें है जिनमें बाहर का खान-पान, फ़ास्ट फूड। पद्धति के साथ पाश्चयात वस्तुओं का पूरी तरह त्याग किया है। परिवार के अन्य सदस्यों में श्रीमति चमेली बाई, कमलेश बजाज, श्रीमति सरोज, सौरभ बजाज, नेहा, देशना और दिव्यांश शामिल हैं।